नवरात्रि हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है, जो शक्ति की आराधना का प्रतीक है। नवरात्रि के आठवें दिन, जिसे अष्टमी कहा जाता है, मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां महागौरी करुणा, सौंदर्य और शांति की देवी हैं। इन्हें प्रसन्न करने से जीवन में सुख, शांति, वैभव और समृद्धि का आगमन होता है।
तो चलिए जानते है मां महागौरी की पूजा विधि, उन्हें प्रिय भोग और चमत्कारी मंत्र जो अष्टमी को और भी विशेष बना देंगे।
मां महागौरी का स्वरूप और महत्व:-
पौराणिक कथाओं के अनुसार मां महागौरी श्वेत वस्त्र धारण करती हैं और उनका रंग अत्यंत गौरवर्ण होता है। चार भुजाओं वाली इस देवी को ‘श्वेतांबरधरा’ भी कहा जाता है। मां महागौरी का रंग दूध के समान श्वेत है, इसीलिए इन्हें ‘गौरी’ कहा जाता है। इन्होंने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। इनका वाहन वृषभ (बैल) है और ये चार भुजाओं वाली हैं — एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में डमरू, तीसरे से वरदान देती हैं और चौथा हाथ अभय मुद्रा में होता है।
इनकी पूजा से पापों का नाश होता है, तन-मन की शुद्धि होती है और साधक को शुभ फल प्राप्त होते हैं।
अष्टमी का धार्मिक महत्व:-
अष्टमी, जिसे महाष्टमी भी कहा जाता है, नवरात्रि का सबसे शुभ और पवित्र दिन माना जाता है। कई लोग इस दिन कन्या पूजन करते हैं, जिसमें नौ कन्याओं को मां दुर्गा के नौ रूपों के प्रतीक रूप में पूजा जाता है।
महाष्टमी पर मां महागौरी की पूजा से जीवन में सुख-शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
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मां महागौरी की पूजा विधि:-
अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। फिर नीचे दिए गए तरीके से पूजा करें:
- पूजा स्थान की शुद्धि करें – गंगाजल या पवित्र जल से स्थान को शुद्ध करें।
- मां महागौरी का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
- संकल्प लें – पूजा का उद्देश्य मन में स्पष्ट रखें और मां का ध्यान करते हुए संकल्प लें।
- मां को अर्पित करें – फूल, चावल, दुर्वा, नारियल, सफेद वस्त्र, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, सुपारी आदि।
- सफेद भोग अर्पण करें – मां को सफेद मिठाई, खीर, साबूदाना या नारियल से बने पकवान अर्पित करें।
- आरती करें और मंत्र जाप करें।
- कन्या पूजन करें (यदि संभव हो) – 9 कन्याओं और एक बालक को भोजन कराएं, पैर धोकर तिलक लगाएं और उपहार दें।
मां महागौरी को प्रिय भोग:-
मां को शुद्ध और सफेद रंग के व्यंजन प्रिय हैं। आप उन्हें अर्पित कर सकते हैं:
- नारियल
- खीर (दूध-चावल या साबूदाना से बनी)
- सफेद मिठाई (रसगुल्ले, मिष्टी दही)
- पंजीरी
- समा के चावल का हलवा (व्रत में)
- भोग अर्पण के बाद इसे परिवारजनों और कन्याओं में वितरित करें।
मां महागौरी के शक्तिशाली मंत्र:-
1. ध्यान मंत्र
श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥
2. बीज मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्यै नमः॥
3. स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इन मंत्रों का जाप 108 बार करना अत्यंत शुभ और फलदायी होता है।
मां महागौरी की कृपा से क्या लाभ होता है?
- विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
- पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
- मन को शांति और आत्मा को स्थिरता मिलती है।
- आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है।
- आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
निष्कर्ष:-
महाष्टमी का दिन मां महागौरी की भक्ति के लिए अत्यंत शुभ है। सही विधि और सच्ची भावना से की गई पूजा आपके जीवन में नया उजास भर सकती है। मां महागौरी की आराधना से दुख, दरिद्रता और नकारात्मकता का अंत होता है और सुख-समृद्धि का आरंभ होता है।
इस अष्टमी, मां महागौरी की विशेष पूजा करें और पाएं उनका दिव्य आशीर्वाद।
जय मां महागौरी!