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Friday, April 18, 2025

विश्व हिंदी दिवस: हिंदी भाषा का वैश्विक महत्व और सांस्कृतिक गौरव

विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी: हिंदी भाषा के महत्व का उत्सव

 विश्व हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य यह है कि हिंदी भाषा के महत्व को बढ़ावा मिले और यह हिंदी भाषा को वैश्विक मंच पर सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। विश्व हिंदी दिवस विशेष रूप से हिंदी भाषा की समृद्धि और वैश्विक स्तर पर हमारी मातृभाषा के लिए समर्पित है। इस दिन के माध्यम से हम हिंदी भाषा की शक्ति, उसकी साहित्यिक समृद्धि व संस्कृति और दुनिया भर में इसके वर्चस्व को पहचानते हैं।

हिंदी न केवल हमारी मातृभाषा है बल्कि हमारी समृद्ध संस्कृति और सभ्यता का भी प्रतीक भी है। यह दुनिया की सबसे पुरानी और समृद्ध भाषाओं में से एक है। हिंदी हमारी एकता और आपसी संवाद का माध्यम है। विश्व भर मे हिंदी भाषा प्रेमियों के लिए यह दिवस एक महत्वपूर्ण है।

विश्व हिंदी दिवस का इतिहास

10 जनवरी, 1975 को नागपुर में प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया गया,जिसकी वर्षगाँठ मनाने के लिए पहली बार 10 जनवरी 2006 को यह विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया गया था।  उसी दिन से विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत हुई। तभी से भारतीय विदेश मंत्रालय ने हिंदी भाषा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए इसे मनाने का निर्णय लिया। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हिंदी को एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करना और दुनिया के विभिन्न देशों में हिंदी के महत्व को समझाना है। विश्व हिंदी दिवस उस दिन को दर्शाता है जब वर्ष 1949 में संयुक्त राष्ट्र महासभा  में पहली बार हिंदी बोली गई थी। यह दिवस विश्व में स्थित भारतीय दूतावासों द्वारा भी मनाया जाता है।

विश्व में आज हिंदी की क्या स्थिति है

हिंदी केवल भारत की प्रमुख भाषा नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर में 70 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है।
हिन्दी को यूनेस्को की सात भाषाओं में मान्यता मिली है| विभिन्न देशों में हिंदी के बोलने वाले लोग अपनी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को साझा करते हैं, जिससे यह भाषा विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।विश्व आर्थिक मंच के अनुसार, हिंदी विश्व की दस सबसे शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। एथनोलॉग के आंकड़ों के अनुसार, यह विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। एशियाई संस्कृति में अपनी विशिष्ट भूमिका के कारण हिंदी को एशियाई भाषाओं के बीच एशिया की प्रतिनिधि भाषा के रूप में देखा जाता है। यह ‘मैत्री’ और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ जैसे मूल्यों को उजागर करती है। हिंदी एक विश्वभाषा है, क्योंकि यह न केवल भारत की राष्ट्रभाषा है, बल्कि अन्य देशों में भी इसे बड़ी संख्या में लोग लिखते, बोलते और समझते हैं।”

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हिंदी और भारतीय संस्कृति

हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, साहित्य और कला का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हिंदी साहित्य में कबीर, सूरदास, मीराबाई, तुलसीदास,रहीम जैसे अनेक महान कवि हैं, जिनकी रचनाओं ने न केवल भारतीय समाज को प्रभावित किया बल्कि पूरी दुनिया को हिंदी साहित्य भारतीय विचारधारा से परिचित करवाया है 

विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस में अंतर 

विश्व हिंदी दिवस

विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है,10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगाँठ  के रूप मे 10 जनवरी 2006 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने विश्व हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत की थी। विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य भारतीय भाषा के बारे में विश्व भर में जागरूकता पैदा करना और इसे  वैश्विक भाषा के रूप में प्रचारित करना है। भारत से बाहर भी बहुत से ऐसे देश हैं जहाँ हिंदी भाषा बोली जाती है जिनमें नेपाल, मॉरीशस, फिजी, गुयाना, त्रिनिदाद  इत्यादि बहुत से देश हैं।

राष्ट्रीय हिंदी दिवस 

14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। इसी कारण 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।14 सितंबर भारत की संविधान सभा द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाए जाने वाले दिन है।

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अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर उत्सव

इस दिन को मनाने के लिए भारतीय दूतावासों में  विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी हिंदी कविता पाठ, वाद-विवाद, भाषण प्रतियोगिताएँ, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 

हिंदी के प्रति समर्पण

अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस हमें अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व महसूस करने का अवसर प्रदान करता है। यह विश्व भर में रह रहे प्रवासी भारतीयों के लिए एक अलौकिक दिन है यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी भाषा का संरक्षण करना चाहिए और उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना चाहिए। हिंदी के महत्व को समझते हुए हमें इसे न केवल बोलने के लिए बल्कि पढ़ने और लिखने के लिए भी हर किसी को प्रोत्साहित करना चाहिए।

भारतेन्दु हरिशचंद्र जी की ये पंक्तिया मातृभाषा के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित करती है :-

  • निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
    बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
  • अंग्रेज़ी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन
    पै निज भाषाज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।।

विश्व हिंदी दिवस न केवल हिंदी भाषियों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए है जो हिंदी को सम्मान देने और उसकी समृद्धि में योगदान देने का संकल्प लेते हैं।आप सभी को विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें | 

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Hemant Upadhyay
Hemant Upadhyayhttps://chaiprcharcha.in/
Hemant Upadhyay एक शिक्षक हैं जिनके पास 7 से अधिक वर्षों का अनुभव है। साहित्य के प्रति उनका गहरा लगाव हमेशा से ही रहा है, वे कवियों की जीवनी और उनके लेखन का अध्ययन करने में रुचि रखते है।, "चाय पर चर्चा" नामक पोर्टल के माध्यम से वे समाज और साहित्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं और इन मुद्दों के बारे में लिखते हैं ।

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