अभिनेता एजाज खान का ओटीटी OTT शो ‘हाउस अरेस्ट’ हाल ही में एक विवाद के केंद्र में आ गया है।
विवाद का कारण
इस शो में एक क्लिप वायरल हुई है जिसमें एजाज खान प्रतियोगियों से विभिन्न सेक्स पोजीशन्स के बारे में पूछते हैं और उन्हें प्रदर्शित करने के लिए कहते हैं। इस क्लिप को अश्लील और अनुचित माना गया है, जिससे सोशल मीडिया पर भारी विरोध हुआ है.
इससे पहले, एजाज खान ने ‘बिग बॉस ओटीटी 3’ के एक प्रतियोगी लवकेश कटारिया को ‘नारायण’ कहकर संबोधित किया था, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई थीं। बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका आशय ‘नारद मुनि’ से था और उन्होंने माफी भी मांगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस विवाद के बाद, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस शो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से ओटीटी OTT प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की है।
NCW की प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए अजय खान और उल्लू ऐप के CEO विभु अग्रवाल को 9 मई को तलब किया है। आयोग ने शो की सामग्री को महिलाओं की गरिमा के खिलाफ बताते हुए कड़ी निंदा की है।
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कानूनी कार्रवाई
बजरंग दल के कार्यकर्ता गौतम रवरिया की शिकायत पर मुंबई के अंबोली पुलिस स्टेशन में अजय खान, निर्माता राजकुमार पांडे और उल्लू ऐप के अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और महिलाओं के अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।
Suo Moto क्या है ?
Suo Moto (स्वतः संज्ञान) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ होता है – “अपने आप से” या “स्वतः”। भारतीय कानून में, जब कोई अदालत या संवैधानिक निकाय बिना किसी औपचारिक शिकायत या याचिका के खुद ही किसी मामले में हस्तक्षेप करता है, तो उसे Suo Moto कार्रवाई कहा जाता है।
भारतीय कानून में Suo Moto का प्रयोग कहां होता है?
1. न्यायपालिका (Judiciary) में:
- उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय जनहित, मानवाधिकार उल्लंघन, पर्यावरण, या कानून व्यवस्था की गंभीर चूक जैसे मामलों में Suo Moto संज्ञान ले सकते हैं।
- उदाहरण: यदि किसी मीडिया रिपोर्ट या वायरल वीडियो में किसी व्यक्ति के साथ अन्याय होता दिखे, तो कोर्ट खुद संज्ञान लेकर केस शुरू कर सकती है।
2. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) आदि:
- ये संस्थाएं भी Suo Moto किसी गंभीर सामाजिक या संवैधानिक मुद्दे पर कार्रवाई शुरू कर सकती हैं, जैसे किसी महिला के साथ सार्वजनिक रूप से बदसलूकी पर NCW का स्वतः संज्ञान लेना।
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कानूनी आधार:
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 और 226 के तहत सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को व्यापक अधिकार हैं जिससे वे अपने स्तर पर Suo Moto कार्यवाही कर सकते हैं।
उदाहरण:
- अगर कोई वीडियो वायरल होता है जिसमें पुलिस अत्याचार दिख रहा है और कोई शिकायतकर्ता नहीं है, फिर भी कोर्ट उसपर स्वतः संज्ञान ले सकता है।
- ‘House Arrest’ विवाद में NCW ने Suo Moto नोटिस जारी किया क्योंकि महिलाओं की गरिमा से जुड़ा मामला था।
शो को हटाया गया
विवाद बढ़ने के बाद उल्लू ऐप ने ‘हाउस अरेस्ट’ शो को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। अब इस शो को ऐप पर नहीं देखा जा सकता।
इन घटनाओं ने एजाज खान को एक बार फिर से विवादों के केंद्र में ला दिया है, और उनके ओटीटी OTT शो पर समाज में अश्लीलता फैलाने के आरोप लगाए जा रहे हैं।