Summery (सारांश):-
Google Beam एक नई AI-आधारित 3D वीडियो कम्युनिकेशन तकनीक है, जिसे Google ने अपनी पुरानी Project Starline के अपग्रेड के रूप में पेश किया है। यह प्लेटफॉर्म रीयल-टाइम थ्री-डी इंटरेक्शन, लाइव स्पीच ट्रांसलेशन और बेहद रीयलिस्टिक फेस-टू-फेस अनुभव प्रदान करता है
Google Beam क्या है?
Google Beam गूगल की नई AI आधारित 3D वीडियो कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म है, जिसे Google I/O 2025 में पेश किया गया है। यह दरअसल Project Starline का अपग्रेडेड और डेवलप्ड वर्जन है, जिसे गूगल ने पहली बार 2021 में दिखाया था। इसका मकसद है — वीडियो कॉलिंग को ऐसा बनाना जैसे आप सामने वाले के साथ आमने-सामने बात कर रहे हों।
Google Beam कैसे काम करता है?
Google Beam एक AI वॉल्यूमेट्रिक वीडियो मॉडल का उपयोग करता है। यह कई कैमरों से आने वाले 2D वीडियो को मिलाकर 3D इमेज में बदलता है। इसके साथ लाइट फील्ड डिस्प्ले मिलकर एक गहराई और डाइमेंशनलिटी का अनुभव देते हैं जिससे यूज़र को लगेगा कि सामने वाला व्यक्ति वहीं है।
- 60fps पर Head Tracking
- मिलिमीटर तक सटीक मूवमेंट डिटेक्शन
- Realistic Eye Contact और Body Language
Google Beam के मुख्य फीचर्स
Google Beam एक अत्याधुनिक 3D वीडियो कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म है, जिसमें गूगल ने कई ऐसे फ़ीचर्स शामिल किए हैं जो वीडियो कॉलिंग के अनुभव को एक नई ऊंचाई पर ले जाते हैं।
- सबसे पहले बात करें इसके AI वॉल्यूमेट्रिक वीडियो मॉडल की, तो यह तकनीक पारंपरिक 2D वीडियो को 3D विज़ुअल में बदलने में सक्षम है। इसका मतलब है कि आप वीडियो कॉल में सामने वाले को किसी थ्री-डायमेंशनल रूप में, एकदम असली जैसा देख पाएंगे।
- इसमें लाइट फील्ड डिस्प्ले का इस्तेमाल होता है जो वीडियो को गहराई और वास्तविकता का अहसास कराता है। इस तकनीक की मदद से आप आई कॉन्टेक्ट, चेहरे के हाव-भाव और छोटी-छोटी एक्सप्रेशंस भी महसूस कर सकते हैं – जैसे सामने बैठकर बात कर रहे हों।
- Google Beam में हेड ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी दी गई है, जो यूज़र की मूवमेंट को मिलिमीटर की सटीकता से ट्रैक करती है और वो भी 60 फ्रेम प्रति सेकंड की दर से। इसका फायदा ये है कि सामने वाला व्यक्ति चाहे जैसे भी मूव करे, उसका थ्री-डी वर्चुअल इमेज भी उसी तरह रिएक्ट करता है – बिल्कुल रियल टाइम में।
- एक और बेहद काम का फ़ीचर है – स्पीच ट्रांसलेशन। यानी आप अगर अलग भाषा बोल रहे हैं और सामने वाला कोई और, तो भी बातचीत में कोई रुकावट नहीं आएगी। यह फ़ीचर Google Meet के साथ भी इंटीग्रेट किया जा रहा है, जिससे भाषा की दीवार टूट जाती है।
- इसके अलावा, Google Beam को Google Cloud पर बनाया गया है, जिससे इसे स्केलेबल, सुरक्षित और एंटरप्राइज-लेवल पर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तकनीक Zoom, HP, और अन्य कॉर्पोरेट पार्टनर्स के साथ मिलकर व्यवसायों के लिए भी तैयार की जा रही है।
Project Starline से Google Beam तक का सफर
Project Starline एक रिसर्च प्रोजेक्ट था जिसमें गूगल ने बिना किसी चश्मे या हेडसेट के 3D कॉलिंग का अनुभव देने की कोशिश की थी। Beam उसी तकनीक को और ज्यादा बेहतर करके पेश कर रहा है।
कहीं से भी जुड़े, जैसे सामने हों:-Google Beam का नारा है — “Be There from Anywhere“। इसका मतलब यह है कि आप कहीं से भी जुड़ें, सामने वाले को प्राकृतिक 3D इमेज, स्पैटियल ऑडियो, और Eye Contact के साथ अनुभव होगा।
Google Beam में AI क्या करता है?
- वीडियो कॉलिंग को 3D में बदलता है
- वॉइस ट्रांसलेशन को भी सपोर्ट करता है
- बातचीत के दौरान व्यक्ति के हाव-भाव और टोन को बरकरार रखता है
- Real-Time Speech Translation:- Google Beam अब गूगल मीट में Real-Time Language Translation भी लाता है। इस फीचर के जरिए अलग-अलग भाषाओं के लोग भी आसानी से बात कर सकते हैं, और वॉइस, टोन, एक्सप्रेशन पूरी तरह से बरकरार रहते हैं|
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Google Beam और Enterprise उपयोग:-
गूगल ने Zoom और HP जैसी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है ताकि Google Beam को बिजनेस यूज के लिए भी लाया जा सके।
- HP जल्द ही Beam डिवाइस लाएगा
- Diversified और AVI-SPL जैसे चैनल पार्टनर्स के साथ काम जारी है
- Beam डिवाइस का प्रीव्यू InfoComm 2025 में किया जाएगा
वीडियो कॉलिंग का भविष्य Google Beam
- अब वीडियो कॉलिंग में सिर्फ चेहरा नहीं, पूरी मौजूदगी महसूस होगी
- बॉडी लैंग्वेज, आंखों का संपर्क और टोन को बनाए रखता है
- भाषा की दीवार को भी पार करता है
- इंटरप्राइज और सामान्य यूज दोनों के लिए तैयार
निष्कर्ष
Google Beam न सिर्फ एक नया सर्च या चैट टूल है, बल्कि यह वीडियो कम्युनिकेशन की परिभाषा बदल सकता है। Project Starline के अनुभव और गूगल की AI शक्ति को मिलाकर बनाया गया यह प्लेटफॉर्म भविष्य में वर्क फ्रॉम होम, डिस्टेंस लर्निंग, और इंटरनेशनल मीटिंग्स में क्रांति ला सकता है।
कुल मिलाकर, Google Beam न सिर्फ एक टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन है, बल्कि यह लोगों को दूर रहकर भी पास लाने का एक नया तरीका है।
News source:-blog.google
यह सभी जानकारियां Google I/O 2025 और Google Blog पर आधारित हैं। Beam अभी डेवलपमेंट और बीटा फेज़ में है, इसलिए फाइनल वर्जन में बदलाव संभव हैं।