कोटद्वार: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार कोर्ट का फैसला आया है। मामले में तीनों आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता पुलकित आर्या पर लगाए गए चारों आरोप सही पाए गए हैं। 18 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली अंकित भंडारी की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद मामला जिस प्रकार से आगे बढ़ा, उससे एक समय लगा कि रसूखदार आरोपी घटना से बच निकलेगा। लेकिन, जांच सही हुई।
कोर्ट ने तेजी से सुनवाई की और आखिरकार रसूखदार आरोपी कानून के जरिए दोषी करार दे दिया गया। इसे लोग अब सच की जीत के रूप में पेश कर रहे हैं। इस हत्याकांड ने उस मध्यम, निम्न मध्यम और गरीब वर्ग को झकझोर दिया था, जिनके घरों से बेटियां बड़े सपने लेकर शहर जाती हैं। कमाकर परिवार की स्थिति सुधारना चाहती हैं। कोर्ट के फैसले ने अब इन लोगों में कानून के प्रति एक उम्मीद जरूर जगाई है। ऐसा अपराध करने वाला कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे सजा जरूर मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, किसी बात को लेकर अंकिता और पुलकित में विवाद हो गया था जिसके बाद उसने अपने कर्मचारियों भास्कर और गुप्ता के साथ मिलकर उसे ऋषिकेश की चीला नहर में धक्का दे दिया था, जिसमें डूबने से उसकी मौत हो गयी।
नहर से अंकिता का शव मिलने के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया था। पुलकित तत्कालीन भाजपा नेता विनोद आर्य का पुत्र है। भाजपा ने विनोद आर्य को मामला सामने आते ही पार्टी से निष्कासित कर दिया था ।
मामले के प्रकाश में आने के बाद स्थानीय लोगों का आक्रोश फूट पड़ा था जिसे शांत करने के लिए राज्य सरकार को उसकी जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करना पड़ा । मामले की सुनवाई दो साल और आठ महीने चली और इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचना अधिकारी सहित 47 गवाह पेश किए गए।
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