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Wednesday, February 5, 2025

रामायण काल से जुड़ा जाखू मन्दिर: क्यों है यह हनुमान भक्तों के लिए इतना खास ?

भारत की पावन धरती पर अनेकों मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जिनमें से एक प्रमुख स्थान है हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित जाखू मन्दिर। यह मंदिर भगवान हनुमान जी को समर्पित है और समुद्र तल से लगभग 2455 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। वर्ष 2010 में हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार ने यहां 108 फीट की हनुमान प्रतिमा स्थापित की थी। यह भारत की दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति है। इस मूर्ति को पूरे शिमला से देखा जा सकता है। जाखू मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यहाँ से प्रकृति का मनोरम दृश्य भी देखा जा सकता है।

पौराणिक कथा / इतिहास:-

पौराणिक कथा के अनुसार, इस मंदिर का संबंध रामायण काल से बताया जाता है। मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण युद्ध के दौरान मेघनाथ के एक तीर से मूर्छित हो गए थे, तब वैद्य सुशेन के अनुरोध पर, भगवान राम ने उन्हें ठीक करने के लिए अपने भक्त हनुमान को हिमालय से संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा। जब हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने जा रहे थे, रास्ते में उन्होंने एक ऋषि को एक पहाड़ पर ध्यान करते हुए देखा। संजीवनी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए, हनुमान उस पर्वत पर उतरे और “यक्ष” ऋषि से मिले।

ऋषि यक्ष द्वारा निर्देशित पाकर हनुमान जी ने उनसे हिमालय से वापस आते वक्त मिलने का वादा किया। लेकिन हनुमान जी को रास्ते में कालनेमि राक्षस ने युद्ध को ललकारा। राक्षस को युद्ध में परास्त कर हनुमान जी ने संजीवनी प्राप्त की इस युद्ध के कारण हुए विलंब से हनुमान जी ऋषि “यक्ष” से मिलने वापस नहीं जा सके। जब हनुमान जी नहीं लौटे तो ऋषि चिंतित हो गए। तो हनुमान स्वयं ऋषि के सामने पर्वत पर प्रकट हुए। ऐसा कहा जाता है कि ऋषियों ने उसी स्थान पर हनुमान जी की एक मूर्ति स्थापित की थी। आज भी यह मूर्ति मंदिर में स्थापित है। प्रकट हुए स्थान पर हनुमान जी के पद चिन्ह आज भी मौजूद है और भगवन हनुमान के पदचिन्हों को संगमरमर में उकेरा गया है और संरक्षित किया गया है।

रामायण काल से जुड़ा जाखू मन्दिर
रामायण काल से जुड़ा जाखू मन्दिर

ऋषि “यक्ष” के नाम पर पर्वत को शुरू में “यक्ष” नाम दिया गया था। लेकिन यह “यक्ष” से “याक”, “याक” से “याखू” और “याखू” से “जाखू” में बदल गया तब से इस पर्वत को जाखू के नाम से जाना जाता है।

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जाखू मन्दिर की खासियत:-

  1. विश्व की सबसे ऊँची हनुमान प्रतिमा:- जाखू मंदिर में 108 फीट ऊँची हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की गई है, जो यहाँ का मुख्य आकर्षण है। यह प्रतिमा पूरे शिमला शहर से देखी जा सकती है और यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

    रामायण काल से जुड़ा जाखू मन्दिर
    img source :-jakhumandir
  2. शानदार प्राकृतिक दृश्य:- जाखू मंदिर से शिमला की वादियों का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा बेहद मनमोहक होता है।
  3. बंदरों की मौजूदगी:- जाखू मंदिर क्षेत्र में बंदरों की अधिकता देखी जाती है। माना जाता है कि ये हनुमान जी के सेवक हैं। इसलिए यहाँ आने वाले भक्तों को बंदरों से सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

मंदिर तक पहुँचने के साधन:-

  • आप शिमला के माल रोड से लगभग 2 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करके यहाँ पहुँच सकते हैं। यह मार्ग चढ़ाई के साथ एक चुनौती पेश करती है। यह मार्ग जंगल के बीच से होकर गुजरता है, जो छाया प्रदान करता है और प्रकृति की भव्यता का आनंद लेने के लिए कुछ पल प्रदान करता है।
पैदल मार्ग
पैदल मार्ग
  • मंदिर तक जाने के लिए अब रोपवे (केबल कार) की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे आप कुछ ही मिनटों में मंदिर तक पहुँच सकते हैं। अनुभव की तलाश करने वालों के लिए, जाखू रोपवे पहाड़ पर एक सुंदर चढ़ाई प्रदान करता है। केबल कार की सवारी आपको शिमला के लुभावने दृश्यों को तस्वीरों के पलों को कैद करने का आनंद देती है।
रोपवे (केबल कार)
रोपवे (केबल कार)
  • इसके अलावा, टैक्सी और घोड़ों की भी सुविधा यहाँ मौजूद है।

जाखू मन्दिर की यात्रा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी:-

  • स्थान: जाखू हिल, शिमला, हिमाचल प्रदेश
  • समय: मंदिर प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है।
  • विशेष आयोजन: हर साल हनुमान जयंती के अवसर पर यहाँ भव्य आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।

जाखू मन्दिर का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व:-

जाखू मंदिर का महत्व सिर्फ ऐतिहासिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक भी है। हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता है, और इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को मानसिक शांति और आस्था की एक विशेष अनुभूति होती है। भक्तजन यहाँ आकर हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और अन्य धार्मिक ग्रंथों का पाठ करते हैं, जिससे मंदिर का वातावरण अत्यंत पवित्र और भक्तिमय बना रहता है।

पर्यटन और आसपास के आकर्षण:-

शिमला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और यहाँ आने वाले पर्यटक जाखू मंदिर के साथ-साथ अन्य प्रमुख स्थानों की सैर भी कर सकते हैं।

  1. माल रोड और रिज – शिमला का माल रोड और रिज क्षेत्र पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है। यहाँ से पहाड़ों का सुंदर नज़ारा देखने को मिलता है और यह स्थान खरीदारी और घूमने के लिए आदर्श है।
  2. कुफरी – शिमला से कुछ किलोमीटर दूर स्थित कुफरी बर्फबारी और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए प्रसिद्ध है। सर्दियों में यहाँ पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं।
  3. क्राइस्ट चर्च – यह चर्च शिमला की प्रमुख ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है और इसकी भव्यता पर्यटकों को आकर्षित करती है।
  4. ग्रीन वैली – यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है। हरे-भरे पहाड़ और शांति का वातावरण इसे एक आदर्श पर्यटक स्थल बनाते हैं।

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जाखू मन्दिर की यात्रा के लिए उपयोगी टिप्स:-

    1. आरामदायक जूते पहनें:– चूँकि मंदिर तक जाने के लिए पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है, इसलिए आरामदायक जूते पहनें।
    2. बंदरों से सावधान रहें:– मंदिर परिसर में बंदरों की संख्या अधिक है, इसलिए बंदर मंदिर परिसर में घूमते रहते हैं। हालाँकि वे चंचल होते हैं, लेकिन आगंतुकों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है, खासकर भोजन, धूप का चश्मा और बैग जैसे सामान को सुरक्षित रखें।
    3. सर्दी के मौसम में गर्म कपड़े पहनें:– शिमला की ऊँचाई अधिक होने के कारण यहाँ ठंड अधिक होती है, विशेष रूप से सर्दियों में।
    4. कैमरा और मोबाइल सुरक्षित रखें:– मंदिर की खूबसूरती को कैद करने के लिए कैमरा ले जाना अच्छा रहेगा, लेकिन बंदरों से सतर्क रहें।

ऐसे पहुँचे:-

इस मंदिर तक पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन “शिमला” है। हिमाचल परिवहन के अधिकार क्षेत्र में निकटतम बस अड्डा “शिमला” बस अड्डा है। पर्यटक वहां जल्दी पहुंचने के लिए हवाई मार्ग से भी जा सकते हैं। “जब्बारहट्टी” हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है। हवाई अड्डा शिमला से 22 किमी की दूरी पर बनाया गया है। “दिल्ली” से “जब्बारहट्टी” हवाई अड्डे के लिए उडाने उपलब्ध हैं।

जाखू मंदिर एक दिव्य और अद्भुत धार्मिक स्थल है, जहाँ आकर हर श्रद्धालु को शांति और आध्यात्मिक सुख की अनुभूति होती है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्राकृतिक सुंदरता और शिमला की शानदार वादियों का भी आनंद उठाने का अवसर प्रदान करता है। यदि आप शिमला घूमने जा रहे हैं, तो जाखू मंदिर की यात्रा को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें।

यह एक ऐसा स्थान है, जो आपकी यात्रा को आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता से भर देगा। यह आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व का स्थान है, जहाँ प्रकृति की सुंदरता और धार्मिक भक्ति का मिश्रण है।हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार हर साल इस पर्वत पर पर्वतारोहण कार्यक्रम आयोजित करती है। ताकि इस पर्वत का विकास हो सके और इसकी ख्याति पूरी दुनिया में फैले

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Harish Negi "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल के लिए मूल्यवान सदस्य हैं। जानकारी की दुनिया में उनकी गहरी रुचि उन्हें "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल में विश्वसनीय समाचार प्रदान करने के लिए प्रेरित करती है।

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