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Friday, December 20, 2024

कुदरत से सजा और हिमालय की गोद में बसा ये हिल स्‍टेशन- मुनस्यारी Munsiyari

मुनस्यारी Munsiyari:- उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक छोटा सा हिल स्‍टेशन मुंस्यारी जो कि हिमालय की गोद में बसा एक रमणीय स्थान है। समुद्र तल से 2300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मुनस्यारी को कुदरत का वरदान प्राप्त है। यह स्थान अपनी लुभावनी सुंदरता, ऊंचे पहाड़ और बर्फीली चोटिया, हिमालय वनस्पतियो, वन्य जीवन, मनमोहक परिदृश्य और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। मुनस्यारी की खूबसूरती को देखते हुए इसे उत्तराखंड का  ‘मिनी कश्मीर’ कहा जाता है। ट्रेकिंग ट्रेल्स के लिए भी यह जगह काफी मशहूर है, इसके आसपास घूमने वाली कई ऐसी जगह हैं, जहां आप छुट्टियां मनाने जा सकते हैं। आज की इस ब्लॉग में, हम आपको मुंस्यारी की यात्रा पर ले चलते हैं|

मुनस्यारी Munsiyari की खूबसूरती:-

स्थानीय भाषा में, ‘मुनस्यारी’ नाम का अर्थ है ‘बर्फ से ढकी जगह‘। यह नाम ही इस जगह की खूबसूरती को बयां करने के लिए काफी है। चारों तरफ से बर्फ से ढके हुए हिमालय के पर्वत, घने जंगल, और फूलों से भरपूर घास के मैदान और नीले आसमान के नीचे बसे मुनस्‍यारी का प्राकृतिक सौंदर्य किसी भी पर्यटक का मन मोह लेता है।

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पर्यटन स्थल:-

बिर्थी वॉटरफॉल​ Birthi Waterfall:-

बिर्थी वॉटरफॉल अपनी मनमोहक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह झरना मुनस्यारी से लगभग 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिर्थी गांव के पास 126 मीटर की ऊंचाई से गर्जना करता हुआ गिरता पानी धुंध का एक सुंदर पर्दा बनाता है। इंद्रधनुष की आभा अक्सर झरने के स्प्रे में देखी जा सकती है, जो दृश्य को और भी मनमोहक बना देता है। झरने के नीचे एक प्राकृतिक कुंड है, जहां आप तैर सकते हैं या सिर्फ पैरों को ठंडे पानी में डुबो कर आनंद ले सकते हैं। और आसपास का हसीन नजारा बिर्थी वॉटरफॉल को उत्तराखंड के सबसे मनमोहक झरनों में से एक बनाता है। बिर्थी फॉल्स बिर्थी नदी द्वारा निर्मित है, जो मिलम ग्लेशियर से निकलती है मुनस्यारी जाने वाले पर्यटक इस झरने का दीदार करने यहां जरूर रुकते हैं और यहीं वजह भी रहीं की आज इस वॉटरफॉल को पूरे देश मे पसंद किया जाने लगा है|

बिर्थी वॉटरफॉल​ Birthi Waterfall
बिर्थी वॉटरफॉल​ Birthi Waterfall

​​नंदा देवी Nanda Devi:-

नंदा देवी मंदिर मुनस्‍यारी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है यह समुद्रतल से 7,500 फीट की ऊंचाई पर मुनस्यारी से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर हिन्दू धर्म की देवी नंदा देवी को समर्पित है जो कि मुनस्‍यारी का सबसे बड़ा धार्मिक स्‍थल है जिसके प्रमाण धार्मिक ग्रंथों और उपनिषदो में भी मिलते हैं शक्ति के रुप में नंदा देवी को पूरे हिमालय में पूजा जाता है यह मंदिर, लगभग 1000 साल पुराना है यहां से पंचाचूली और हिमालय पर्वत का नजारा साफ दिखाई देता है। मंदिर से हिमालय के अद्भुत नजारे आपके मन को मोह देगे हैं| यह प्रमुख धार्मिक स्थल होने के साथ ही अध्यात्म का केंद्र भी है यहाँ का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य भक्तों को शांति और भक्ति का अनुभव कराती है।

नंदा देवी Nanda Devi
नंदा देवी Nanda Devi

खलिया टॉप Khaliya Top:-

मुनस्यारी से लगभग 10 किमी दूर कुमाऊं हिमालय में एक बर्फ से ढका अल्पाइन घास का मैदान है। जिसकी ऊंचाई 3500 मीटर के आसपास है खलिया टॉप मुनस्यारी का प्रसिद्ध बुग्याल है यहां पहुंचने के लिए 9 किलोमीटर का ट्रैक करना पड़ता है, मुनस्यारी से खलिया टॉप तक का ट्रेक एक दिन में पूरा किया जा सकता है खलिया टॉप शिखर पर वास्तविक चढ़ाई बलती बेंड से शुरू होती है, जहां से चोटी लगभग 6 किमी दूर है। मुनस्यारी आये पर्यटक खलिया टॉप जरूर जाते हैं| सर्दियों में यह जगह बर्फ से ढक जाती है इसी कारण सैलानी यहाँ गर्मियों मे आना ज्यादा पसंद करते है खलिया टॉप ट्रैकिंग के लिए काफी प्रसिद्ध है|

खलिया टॉप Khaliya Top
खलिया टॉप Khaliya Top

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पंचाचूली पीक Panchachuli Peak:-

मुनस्‍यारी घूमने आये और पंचाचूली न जाये ऐसा हो नहीं सकता मुनस्‍यारी का सबसे लोकप्रिय स्थान है पंचाचूली पर्वत। इस पर्वत के बारे में कहा जाता है कि यह पांच शिखरों से मिलकर बना हुआ है। यह भी मान्यता है कि महाभारत काल में इसी पर्वत पर पांडवों ने स्वर्गारोहण की शुरुआत की थी। ये भी कहा जाता है कि ये पांच चोटियां इन्हीं पांचों पांडवों का प्रतीक है। जौहर घाटी में स्थित पांच चोटियों के कारण इसे पंचाचूली नाम दिया गया है। सूर्योदय और सूर्यास्‍त के समय इन चोटियों का सोने की तरह चमकना यकीनन मनो आप इस दृश्य को भूले भी नहीं भूला पाओगे गर्मियों में तो ये पहाड़ पर्यटकों के लिए किसी स्‍वर्ग से कम नहीं है।

पंचाचूली पीक Panchachuli Peak
पंचाचूली पीक Panchachuli Peak

महेश्वरी कुंड Maheshwari Kund:-

मुनस्यारी से कुछ दूर स्थित एक प्राचीन झील है जिसे महेश्वरी कुंड के नाम से जाना जाता है यहां से आप पंचाचूली की खूबसूरत चोटियों के नजारे देख सकते हैं। इस कुंड के साथ पौराणिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं ऐसा माना जाता है कि यहां एक यक्ष रहते थे, जिन्‍हें गांव के सरपंच की लड़की से प्‍यार था, गांव वालों को यह बात पता चली, तो उन्‍होंने विरोध किया और प्रतिशोध लेने के लिए मुनस्यारी के ग्रामीणों ने इस झील को सूखा दिया था, तब यक्ष ने उनसे बदला लेने का फैसला किया, गांव वालों से क्रोधित होकर उन्होंने इस गांव को सदा सूखा रहने का श्राप दे दिया कई वर्षों तक गांव सूखा रहा, गांव को बचाने के लिए ग्रामीणों ने यक्ष से माफी मांगी। मांफी मांगने की परंपरा का पालन आज भी यहां किया जाता है।

महेश्वरी कुंड Maheshwari Kund
महेश्वरी कुंड Maheshwari Kund

थमरी कुंड Thamri Kund:-

अगर आपको कस्तुरी मृग देखने है तो यह जगह आपके लिए सर्वश्रेष्ठ है ऐसा कहा जाता है कि इस झील में अक्सर कस्तुरी मृग पानी पीने के लिए आते हैं| मुनस्यारी शहर से लगभग दस किलोमीटर दूर स्थित यह कुंड सबसे ताजे पानी की झील भी मानी जाती है। इस झील के बारे में धार्मिक मान्यता है कि जब यहां अधिक दिनों तक बारिश नहीं होती है तो लोग यहां आकर इंद्रदेव की पूजा-अर्चना करते हैं ताकि बारिश हो सके। इस झील के आसपास मौजूद अल्पाइन के पेड़ इस जगह को और भी खूबसूरत बनाते हैं। अगर आपको ट्रेकिंग करना पसंद है तो यह जगह आपके लिए उचित है मुख्य शहर से इस झील तक पहुंचने के लिए लगभग 8 घंटों का वक्त लग जाता है।

थमरी कुंड Thamri Kund
थमरी कुंड Thamri Kund

दरकोट Darkot:-

अगर आप शॉपिंग के शौकीन हो, प्रकृति प्रेमी, घुमक्‍कड या कला प्रेमी हैं तो एक बार दरकोट जरूर घूमने आए मुनस्यारी से 6 किलोमीटर दूर स्थित यह गाँव जोकि खरीदारी के लिए बहुत लोकप्रिय है। यहां के पश्मीना शॉल और भेड़ के ऊन के कंबल पूरे भारत में मशहूर हैं। इस गांव मे भोटिया लोगों रहते है इनके घर मिट्ठी और लकड़ी के बने होते है जो कुमाऊं की संस्कृति को दर्शाते हैं। मुनस्यारी के आसपास के शिल्पकार अपनी कलाओ का यहाँ पे प्रदर्शन दिखाने आते है इसी कारण पर्यटकों को यह स्थान बहुत लुभाता है|

दरकोट Darkot
दरकोट Darkot

मैडकोट Madcoat:-

मुनस्यारी से लगभग 5 किलोमीटर दूर मैडकोट पड़ता है। यह प्राकृतिक कुंड अपने गर्म पानी के लिए प्रसिद्ध है। इस जगह की मान्यता है कि इस गर्म पानी से त्वचा संबंधी रोग, बदन दर्द और गठिया जैसी बीमारियां ठीक हो जाती है। यह खूबसूरत स्थल शहरी भीड़भाड़ से अलग एक शांत परिवेश में स्थित है, अगर आपको शांति में कुछ पल गुजरने है तो आप एक बार यहाँ जरूर आए यहां पर काफी शांति रहती है और अगर आपका मन  शांति में बैठने का है तो आप यहां घंटों गुजार सकते हैं।

मैडकोट Madcoat
मैडकोट Madcoat

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मुनस्यारी घूमने जाने का सबसे अच्छा समय:-

मुनस्यारी घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच का होता है। इन महीनों में मौसम सुहाना होता है और ट्रैकिंग के लिए भी उपयुक्त होता है। हालांकि, अगर आप बर्फबारी का अनुभव लेना चाहते हैं, तो आप दिसंबर से फरवरी के बीच भी मुनस्यारी घूमने जा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि इस दौरान ठंड काफी पड़ती है।

कैसे पहुंचें?:-

फ्लाइट से:-

मुनस्यारी से करीबी हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है। यहां से मुनस्यारी लगभग 370 किमी दूर है। आप दिल्ली हवाई अड्डे या भारत के किसी भी घरेलू हवाई अड्डे से उड़ान ले सकते हैं। पंतनगर हवाई अड्डे से टैक्सी,प्राइवेट व्‍हीकल या पब्लिक ट्रांसपोर्ट की साहयता से आप मुनस्यारी पहुंच सकते है यहाँ से मुनस्यारी पहुंचने में करीब 10-12 घंटे लगते हैं|

ट्रेन से:-

मुनस्यारी के पास दो नजदीकी रेलवे स्‍टेशन है। काठगोदाम और टनकपुर। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से मुनस्यारी की दूरी लगभग 276 किमी और टनकपुर रेलवे स्टेशन से मुनस्यारी की दूरी लगभग 285 किमी है। यहाँ से आप बस या फिर टैक्सी करके मुनस्यारी पहुंच सकते है| काठगोदाम से मुनस्यारी पहुंचने में करीब 10-12 घंटे लगते हैं|

सड़क से:-

मुनस्यारी दिल्ली, देहरादून, हल्द्वानी और काठगोदाम जैसे प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। दिल्ली से मुनस्यारी की दूरी 625 किमी है। आप मुनस्यारी तक अपनी निजी कार से जा सकते हैं या इन शहरों से बस ले सकते हैं। उत्तराखंड सड़क परिवहन निगम (UTC) और निजी ऑपरेटरों द्वारा संचालित बसें मुनस्यारी और दिल्ली, देहरादून, हल्द्वानी और काठगोदाम जैसे शहरों के बीच नियमित रूप से चलती हैं। दिल्ली से मुनस्यारी पहुंचने में आपको लगभग 15-16 घंटे लगेंगे|

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Harish Negi "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल के लिए मूल्यवान सदस्य हैं। जानकारी की दुनिया में उनकी गहरी रुचि उन्हें "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल में विश्वसनीय समाचार प्रदान करने के लिए प्रेरित करती है।

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