देहरादून: उत्तराखंड में अनुभवी डॉक्टरों को फिल्ड में इलाज के लिए रिटायरमेंट में 65 साल तक की अनुमति मिल गई है. इससे प्रदेश में डॉक्टरों की कमी में कुछ हद तक कमी आएगी. इसको लेकर आज राज्य में हुई धामी सरकार की कैबिनेट में बड़ा निर्णय लिया गया है. कैबिनेट की बैठक में डॉक्टरों को 65 साल तक फील्ड में नौकरी करने पर मंजूरी मिल गई है। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड का दायित्व मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर, समस्त एलोपैथिक, दंत, आयुष, होम्योपैथिक, यूनानी चिकित्सालयों में चिकित्साधिकारियों एवं पैरामेडिकल स्टाफ के सीधी भर्ती के पदों पर चयन आदि कार्यों को निरंतर संतोषजनक रूप से किया जाता है। बोर्ड के मिनिस्टीरियल संवर्ग में कोई भी नियमित भर्ती कार्मिक वर्तमान में कार्यरत नहीं है।
60 के बाद भी ले सकते हैं रिटायरमेंट
इस फैसले के बाद प्रदेश में इस साल रिटायर हो रहे कई डॉक्टरों को काफी फायदा होगा. वो अब अगले पांच साल फिर से नौकरी कर पाएंगे, लेकिन उनको ये सेवा अस्पतालों में मरीजों का ईलाज करते हुए गुजरना होगा, लेकिन जो डॉक्टर 60 के बाद रिटायरमेंट लेना चाहते हैं उनको मिल सकता है. इस फैसले के बाद प्रदेश में डॉक्टरों की चल रही भारी कमी से कुछ हद तक फायदा मिल सकता है।
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