महाकुंभ 2025: भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ 2025 में बॉलीवुड और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है. फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार अक्षय कुमार ने सोमवार को जहां एक ओर त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई और आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त की तो, वहीं एक्ट्रेस कैटरीना कैफ ने भी स्वामी चिदानंद सरस्वती के आश्रम में पहुंचकर सनातन संस्कृति के पावन पर्व की सुखद अनुभूति प्राप्त की।
अक्षय कुमार का बयान
संगम में स्नान करने के बाद बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने कहा, “मैंने खूब आनंद लिया. इस बार की व्यवस्था बहुत शानदार है. मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने इतनी बेहतरीन व्यवस्था करवाई. 2019 के कुंभ में लोगों को काफी दिक्कतें होती थीं, लेकिन इस बार सब कुछ बहुत सुव्यवस्थित है. बड़े उद्योगपति, बड़े सितारे यहां आ रहे हैं, जिससे महाकुंभ की भव्यता और बढ़ गई है.”
सफाकर्मियों को कहा थैंक्यू
इस अवसर पर उन्होंने पुलिसकर्मियों और सफाई कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी कड़ी मेहनत से ही यह आयोजन इतना सफल हो पाया है. बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री कैटरीना कैफ ने भी महाकुंभ में आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव किया. उन्होंने परमार्थ निकेतन शिविर में स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती से भेंटवार्ता की. इस अवसर पर उन्हें भगवान शिव की मूर्ति और रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया गया।
स्वामी चिदानंद सरस्वती का बयान
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि जब बॉलीवुड जैसी लोकप्रिय इंडस्ट्री के सितारे महाकुंभ में आते हैं, तो यह युवाओं को धर्म और संस्कृति से जोड़ने का कार्य करता है. यह संदेश देता है कि आध्यात्मिकता केवल साधु-संतों तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन का अभिन्न अंग हो सकती है.साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा, “युवा पीढ़ी को यह समझना चाहिए कि अध्यात्म सिर्फ बुजुर्गों या साधु-संतों के लिए नहीं है. जब कटरीना कैफ जैसी अंतरराष्ट्रीय हस्तियां महाकुंभ में आती हैं, तो यह हमारे युवाओं को अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा देता है.”
परिवार संग प्रयागराज पहुंचीं सोनाली बेंद्रे, पवित्र संगम में लगाई आस्था की डुबकी
इस बीच, बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे भी अपने परिवार के साथ महाकुंभ प्रयागराज पहुंचीं। उन्होंने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर आस्था और अध्यात्म का अनुभव किया। संगम में स्नान के बाद सोनाली बेंद्रे ने कहा कि यहां आकर उन्हें अपार शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हुआ। उन्होंने इस दिव्य आयोजन में शामिल होकर भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को और करीब से महसूस किया।