कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लेडी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मुख्य संदिग्ध संजय रॉय ने किसी भी अपराध को करने से इनकार किया है और दावा किया है कि उसे फंसाया जा रहा है. कोर्ट में जब पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए उसकी रजामंदी के बारे में पूछा गया तो वह मजिस्ट्रेट के सामने ही रो पड़ा. उसने रोते हुए कहा, ‘मैंने कोई जुर्म नहीं किया है. मुझे फंसाया जा रहा है. पॉलीग्राफ टेस्ट से सच साबित हो जाएगा।
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संजय रॉय को शुक्रवार दोपहर कड़ी सुरक्षा के बीच कोलकाता के सियालदाह कोर्ट में पेश किया गया. वहां अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कोर्ट ने शुक्रवार को उसके पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत दे दी, जिसके बाद संजय रॉय का शनिवार को पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ. दिल्ली से कोलकाता पहुंचे केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) के एक्सपर्ट ने जेल में उसकी पॉलीग्राफी की।
संदिग्ध है पूर्व प्रिंसिपल की भूमिका
महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका संदिग्ध है। सीबीआई द्वारा बीते हफ्ते भर से ज्यादा समय से लगातार संदीप घोष से पूछताछ की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूछताछ के दौरान संदीप घोष के बयानों में विरोधाभास है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी सुनवाई के दौरान संदीप घोष की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। यही वजह है कि संदीप घोष सीबीआई की जांच के रडार में है। सीबीआई ने अदालत में अर्जी देकर संदीप घोष, आरोपी संजय रॉय और चार अन्य डॉक्टर्स का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मंजूरी मांगी थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया था।
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क्या दर्शाता है पॉलीग्राफ टेस्ट?
परीक्षण के दौरान व्यक्ति से प्रश्न पूछे जाते हैं और उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है. यदि व्यक्ति झूठ बोलता है तो उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाएं बदल जाती हैं, जैसे हृदय गति बढ़ जाती है, रक्तचाप बढ़ जाता है और उसकी सांस लेने की दर में तेजी आ जाती है। पॉलीग्राफ टेस्ट के परिणामों को एक ग्राफ पर दिखाया जाता है, जो यह दर्शाता है कि व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाएं प्रश्नों के उत्तर देने के दौरान कैसे बदलीं. यदि परिणामों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव दिखाई देता है तो यह व्यक्ति के झूठ बोलने का संकेत हो सकता है।
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