नई दिल्ली: HMPV वायरस को लेकर पूरी दुनिया में हड़कंप की स्थिति है. इसी बीच भारत में भी कुछ केस मिलने के बाद लोगों के बीच इसकी खूब चर्चा हो रही है. इससे पहले 2020 से 2023 तक कोरोना वायरस से देश और दुनिया को शारीरिक-आर्थिक काफी नुकसान हुआ था। आपको बता दें कि चीन में कहर मचा रहे कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी HMPV के मामले अब भारत में मिलने लगे हैं.
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देश में अब तक इसके 9 केस सामने आए हैं. नौंवा केस बुधवार को मुंबई में मिला है. यहां 6 महीने की बच्ची HMPV वायरस से संक्रमित पाई गई है. बच्ची 1 जनवरी से बीमार चल रही थी. खांसी, सीने में जकड़न और ऑक्सीजन लेवल 84% तक गिरने की वजह से अस्पताल में भर्ती किया गया था. हालांकि, अब वह ठीक है. इलाज के बाद उनकी स्थिति कंट्रोल में है. अब तक महाराष्ट्र में HMPV के 3, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और गुजरात में 1-1 केस मिला है। केंद्र सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को पहले ही कह दिया है कि हमें समय-समय पर ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस से संबंधित अपडेट देते रहना चाहिए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि भारत का निगरानी नेटवर्क सतर्क बना हुआ है. देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है।
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कालयुक्त संवत्सर में जनता के परेशान होने के मिल रहे संकेत
काशी से ज्योतिष विद्या के जानकार पंडित संजय उपाध्याय ने बताया है कि अप्रैल 2024 से 14 अप्रैल 2025 तक कालयुक्त संवत्सर चलेगा. इससे पहले पिंगल और 15 अप्रैल 2025 से सिद्धार्थ संवत्सर की शुरुआत होगी जो सिद्धार्थ संवत्सर उच्चतम फल देने वाला वर्ष बताया जाता है. लेकिन कालयुक्त संवत्सर के विषय में शास्त्र में स्पष्ट लिखा है कि देश की प्रजा पर इस संवत्सर में शारीरिक कष्ट हो सकता है. ऐसे में स्वतंत्र भारत की कुंडली वृषभ लग्न की है, और विद्वानों ने भारतवर्ष की कुंडली को मकर लग्न का माना है. वृषभ लग्न की कुंडली के अनुसार स्वतंत्र भारत की चंद्रमा महादशा में शुक्र की अंतर्दशा चल रही है. चंद्रमा और शुक्र दोनों तृतीय स्थान पर बैठे हैं. भारतीय ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक भी माना गया है।
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