द्वाराहाट: द्वाराहाट तहसील स्थित तल्ली मिरई और किरौली के बीच के जंगलों में भीषण आग लगने की घटना से हड़कंप मच गया है। आग इतनी विकराल है कि इसकी लपटें दूर-दूर से दिखाई दे रही हैं। जिसे बुझाने के लिए वन विभाग हर संभव कोशिश करने में जुटा है।
जानकारी के अनुसार, अबतक सैकड़ों पेड़ इस आग की चपेट में आकर राख हो चुके हैं और अभी भी जंगल धधक रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आग को कई घंटे बीत चुके हैं, लेकिन इसे बुझाने के प्रयास शुरुआती तौर पर दिखाई नहीं दिए। गर्मियों की शुरुआत के साथ ही एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में चीड़ के जंगल धधकने लगे हैं।
पिछले साल कई वन्य क्षेत्रों में लगी थी भयानक आग
पिछले साल पहाड़ों पर आग लगने की घटना से लाखों की वन संपदा जल कर खाक हो गई थी. कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ में सबसे अधिक आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं. इसके अलावा अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर जैसे जिलों के कई जंगली क्षेत्र भी आग की चपेट में आए थे।
वहीं गढ़वाल मंडल की बात करें तो यहां नरेंद्र नगर, उत्तरकाशी, मसूरी, कोटद्वार, टिहरी गढ़वाल, गोपेश्वर, रूद्रप्रयाग जैसे कई वन्य क्षेत्र आग की चपेट आ गए थे. उत्तराखंड वन विभाग के मुताबिक, आग लगने से 749.6375 रिजर्व फॉरेस्ट एरिया (हेक्टेयर) प्रभावित हुआ था।
डीएफओ अल्मोड़ा द्वारा जारी बयान के अनुसार आग नाप खेत में लगी है, और यह क्षेत्र आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता है उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही राजस्व विभाग को तुरंत जानकारी दी गई। वन विभाग की ओर से 20 सदस्यीय विशेष दल को मौके पर भेजा गया है जो आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह आग किसी व्यक्ति द्वारा लगाई गई है। दोषी व्यक्ति की पहचान कर ली गई है और उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। हालांकि विभाग का दावा है कि आग पर काबू पाने के प्रयास तेजी से जारी हैं, लेकिन जमीनी हालात बता रहे हैं कि आग अभी थमी नहीं है। स्थानीय लोगों में प्रशासन की सुस्ती को लेकर गहरा आक्रोश है।
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