भारत जैसे विकासशील देश में, जहां बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, वहां एक सुरक्षित और स्थायी मकान हर परिवार की प्राथमिक आवश्यकता है। इस दिशा में, प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G) को वर्ष 2016 में शुरू किया गया, ताकि बेघर और कमजोर वर्गों के लिए पक्के मकानों का निर्माण किया जा सके। यह योजना देश के विकास में एक नई सोच और ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का प्रतीक है
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G) 2.0 क्या है?
PMAY-G का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2022 तक 2.95 करोड़ पक्के मकानों का निर्माण करना था, जिसमें शौचालय, बिजली, गैस कनेक्शन और जल आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाएँ शामिल हों। यह योजना “आवास” को “घर” में बदलने का प्रयास करती है, जहां सिर्फ चार दीवारें नहीं, बल्कि एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर जीवनशैली मिल सके।
PMAY 2.0 का नया अध्याय
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में कहा कि 2014 के बाद से शहरी क्षेत्रों में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2047 तक ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने के केंद्र के समर्पण को दर्शाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के दूसरे चरण, यानी PMAY 2.0 के तहत, प्रवासी आबादी को लाभ पहुंचाने के लिए एक नया किराये का आवास खंड शुरू किया गया है। इस योजना के तहत, 1 करोड़ शहरी घरों में से लगभग 7% के लिए अनंतिम मंजूरी प्रदान की गई है, जिससे समय पर आवंटन और प्रक्रियाओं में तेजी सुनिश्चित होगी। मंत्री ने यह भी बताया कि अब तक PMAY 2.0 के तहत 88.32 लाख घर पूरे हो चुके हैं, और संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए राज्यों को 31 मार्च 2025 तक मंजूरी अंतिम रूप दी जाएगी।
योजना के लाभार्थी कौन हैं?
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण मुख्य रूप से समाज के आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों को ध्यान में रखती है। इसके तहत लाभार्थी निम्नलिखित श्रेणियों से चुने जाते हैं:
- बेघर परिवार: जो झोपड़ियों या कच्चे मकानों में रहने को मजबूर हैं।
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग, महिलाएँ और अल्पसंख्यक समुदाय।
- जिनके मकान असुरक्षित हैं: ऐसे कच्चे और जर्जर मकानों में रहने वाले परिवार जिन्हें बुनियादी संरचना की आवश्यकता है।
- चयन प्रक्रिया: लाभार्थियों का चयन SECC-2011 (सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना) के डेटा और ग्राम सभा की पुष्टि के आधार पर किया जाता है।
योजना कैसे काम करती है?
PMAY-G का क्रियान्वयन एक सुव्यवस्थित और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। योजना का मुख्य उद्देश्य न केवल मकान का निर्माण है, बल्कि लाभार्थियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना भी है।
1. वित्तीय सहायता और अन्य सुविधाएँ:
वित्तीय सहायता:
- मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपये।
- पर्वतीय, दुर्गम और आदिवासी क्षेत्रों में 1.30 लाख रुपये।
अतिरिक्त लाभ:
- शौचालय निर्माण:स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12,000 रुपये।
- मनरेगा मजदूरी: 90-95 दिनों की मज़दूरी, लगभग 18,000 रुपये।
- बिजली कनेक्शन: दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत।
- गैस कनेक्शन: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी कनेक्शन।
- जल आपूर्ति: जल जीवन मिशन के तहत।
2. लाभार्थी की भागीदारी:
PMAY-G में लाभार्थी को मकान के डिज़ाइन और निर्माण प्रक्रिया में शामिल किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि मकान उनके स्थानीय और सांस्कृतिक आवश्यकताओं के अनुकूल हो।
3. कुशल निर्माण:
- राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे मकान की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
- स्थानीय सामग्रियों का उपयोग कर निर्माण प्रक्रिया को पर्यावरण-अनुकूल बनाया जाता है।
- निर्माण प्रक्रिया में जियो-टैगिंग और ऐप आधारित मॉनिटरिंग से पारदर्शिता बढ़ाई गई है।
4. समय पर पूरा होने वाला निर्माण:
योजना के तहत मकानों का निर्माण निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाता है। उदाहरण के लिए, कोविड-19 महामारी के दौरान मकानों का निर्माण समय को घटाकर 45-60 दिनों में पूरा किया गया।
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प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G) के लिए आवेदन की पात्रता
BLC: ₹3 लाख तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तिगत पात्र परिवारों को अपनी उपलब्ध भूमि पर 45 वर्ग मीटर तक (सभी मौसम में रहने योग्य आवास इकाई) नए पक्के घर बनाने के लिए ₹2.5 लाख तक की वित्तीय सहायता।
AHP: सार्वजनिक/निजी एजेंसियों द्वारा 30-45 वर्ग मीटर कार्पेट क्षेत्र के किफायती घरों का निर्माण किया जाना है और EWS श्रेणी के पात्र लाभार्थियों को आवंटन के लिए उपलब्ध कराया जाना है। प्रति EWS ₹2.5 लाख तक की वित्तीय सहायता (वार्षिक आय ₹3 लाख तक)।
ARH: अल्पकालिक आधार पर किफायती आवास या जिनके पास घर बनाने या खरीदने की वित्तीय क्षमता नहीं है। यह सुविधा EWS और LIG लाभार्थियों के लिए उपलब्ध है जिनकी वार्षिक आय क्रमशः ₹3 लाख और ₹6 लाख है। लाभार्थियों में शहरी प्रवासी, बेघर, निराश्रित, औद्योगिक श्रमिक, कामकाजी महिलाएं और निर्माण श्रमिक, शहरी गरीब (रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक, अन्य सेवा प्रदाता, आदि), बाजार/व्यापार संघों के साथ काम करने वाले प्रवासी, शैक्षणिक/स्वास्थ्य संस्थान, आतिथ्य क्षेत्र और अनुबंधित कर्मचारी, आदि शामिल हैं।
ISS: EWS/LIG और MIG के पात्र लाभार्थियों को 01.09.2024 को या उसके बाद स्वीकृत और वितरित गृह ऋण पर सब्सिडी, क्रमशः ₹3 लाख, ₹6 लाख और ₹9 लाख तक की वार्षिक आय वाले EWS, LIG और MIG परिवारों के लिए घर खरीदने/पुनर्खरीद/निर्माण के लिए। लाभार्थियों को आय का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
आपको कौन से दस्तावेज़ों की आवश्यकता है?
- आवेदक का आधार विवरण (आधार संख्या, आधार के अनुसार नाम, जन्म तिथि)।
- परिवार के सदस्यों का आधार विवरण (आधार संख्या, आधार के अनुसार नाम, जन्म तिथि)।
- आधार से जुड़े आवेदक के सक्रिय बैंक खाते का विवरण (खाता संख्या, बैंक का नाम, शाखा, IFSC कोड)।
- आय का प्रमाण (केवल PDF फ़ाइल, size 200kb तक।)
- जाति/समुदाय प्रमाण (SC, ST या OBC के मामले में)। (केवल PDF फ़ाइल, size 200kb तक।)
- भूमि दस्तावेज़ (BLC कार्यक्षेत्र के मामले में)। (केवल PDF फ़ाइल, size 5mb तक।)
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G) के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
- यहां वेबसाइट पर जाएं pmay-urban.gov.in
- PMAY-U 2.0 के लिए आवेदन करें पर क्लिक करें
- आवश्यकतानुसार वार्षिक आय, श्रेणी और अन्य प्रश्नों का विवरण दर्ज करें
- OTP के साथ आधार प्रमाणीकरण करें
- अपना पता प्रमाण और आय प्रमाण और अन्य आवश्यक विवरण दर्ज करें
- आवेदन जमा करें
- आपको कौन से दस्तावेज़ों की आवश्यकता है?
- आवेदक का आधार विवरण (आधार संख्या, आधार के अनुसार नाम, जन्म तिथि)।
- परिवार के सदस्यों का आधार विवरण (आधार संख्या, आधार के अनुसार नाम, जन्म तिथि)।
- आधार से जुड़े आवेदक के सक्रिय बैंक खाते का विवरण (खाता संख्या, बैंक का नाम, शाखा, IFSC कोड)।
- आय का प्रमाण (Income proof) (केवल PDF फ़ाइल, size 200kb तक।)
- जाति/समुदाय प्रमाण (SC, ST या OBC के मामले में)। (केवल PDF फ़ाइल, size 200kb तक।)
- भूमि दस्तावेज़ (BLC कार्यक्षेत्र के मामले में)। (केवल PDF फ़ाइल, size 5mb तक।)
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PMAY-G की मुख्य विशेषताएँ
1.आवास+ सव्रेक्षण:
- 2011 के SECC डेटा के आधार पर लाभार्थियों की पहचान।
- उन परिवारों को भी शामिल किया गया जो किसी कारणवश SECC डेटा में छूट गए थे।
2. डिजिटल पारदर्शिता:
- लाभार्थियों के खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से राशि जमा की जाती है।
- निर्माण की निगरानी जियो-टैगिंग और ऐप्स का उपयोग करके की जाती है।
3. गुणवत्ता का ध्यान:
- राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण और प्रमाणन।
- लाभार्थियों को उनके क्षेत्र की भू-जलवायु और पर्यावरण के अनुकूल मकान डिज़ाइन चुनने की सुविधा।
4. महिला सशक्तिकरण:
- 68% मकानों का स्वामित्व महिलाओं के नाम या पति-पत्नी के संयुक्त नाम पर दिया गया।
योजना की सफलता की कहानियाँ
आइये जानते है इस योजना की सफलता की कुछ कहानियाँ
1. ओडिशा की शीलम बारिक:
ओडिशा की 80 वर्षीय विधवा शीलम बारिक ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपना पक्का मकान पूरा किया। शीलम को समय से पहले निर्माण पूरा करने पर 20,000 रुपये का प्रोत्साहन मिला। अब उनका परिवार सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी रहा है।
2. छत्तीसगढ़ के बुधराम कश्यप:
नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में रहने वाले बुधराम कश्यप ने PMAY-G के तहत पक्का मकान प्राप्त किया। उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन और मनरेगा योजना से शौचालय निर्माण ने उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाया। अब उनका परिवार एक सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण में रह रहा है।
3. झारखंड के बंधना ओरांव:
गुमला जिले के घाघरा ब्लॉक के बंधना ओरांव का सपना था कि उसका परिवार एक पक्के मकान में रहे। प्रधानमंत्री आवास योजना ने उन्हें वह सपना साकार करने का अवसर दिया। अब उनका परिवार सुरक्षित, स्वस्थ और सम्मानजनक जीवन जी रहा है।
PMAY-G का प्रभाव और उपलब्धियाँ
1.निर्माण के आँकड़े:
- 2016 से 2021 तक 2.10 करोड़ मकानों का निर्माण।
- 1.36 करोड़ मकान पूरी तरह से बनकर तैयार।
2. महिला सशक्तिकरण:
- 68% मकान महिलाओं के नाम पर स्वीकृत।
3. प्रौद्योगिकी का उपयोग:
- डिजिटल मॉनिटरिंग ने पारदर्शिता और गुणवत्ता में सुधार किया।
4. गुणवत्ता और समय पर निर्माण:
- प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों और जियो-टैगिंग तकनीक ने निर्माण की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित की।
भविष्य की संभावनाएँ
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण न केवल एक योजना है, बल्कि यह ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने का एक माध्यम है। यह योजना सरकार और जनता के बीच विश्वास का प्रतीक है, जो भारत को एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र की ओर ले जाती है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण ने न केवल लाखों परिवारों के सपनों को साकार किया है, बल्कि उनके जीवन में स्थायित्व और आत्मनिर्भरता भी लाई है। यह योजना “सबका साथ, सबका विकास” की सोच को वास्तविकता में बदलने का एक अद्भुत उदाहरण है। भविष्य में, यह योजना और भी अधिक भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में सक्षम होगी।
सोर्स :-pmayg.nic.in
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