Home पर्यटन अगर आपने महाराष्ट्र की पहाड़ी खूबसूरती देखनी है तो आइए मालशेज घाट Malshej Ghat

अगर आपने महाराष्ट्र की पहाड़ी खूबसूरती देखनी है तो आइए मालशेज घाट Malshej Ghat

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मालशेज घाट Malshej Ghat:- महाराष्ट्र में मानसून ने अपनी दस्तक दे दी है। इसके साथ ही हर तरफ हरियाली छाने लगी है। अगर आप प्रकृति प्रेमी है, और मानसून के समय आपको घूमना पसंद है तो एक बार मालशेज घाट की सेर जरूर करे| मालशेज घाट एक पहाड़ी दर्रा और एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है, जो महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में कल्याण-मुरबाद-नगर रोड पर ठाणे से 90 किमी की दूरी पर स्थित है। जो की प्राकृतिक प्रेमियों के लिए किसी सपने से कम नहीं है। मालशेज घाट प्रकृति प्रेमियों के आनंद के लिए एक आदर्श स्थान है। मुंबई-पुणे के बीच स्थित यह घाट अपनी मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता और चारों ओर फैला हरियाली भरा वातावरण और यहाँ की शांति, पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। मालशेज घाट और उसके आस-पास, आपको घने जंगलों वाली पहाड़ियों से लेकर झरने और समुद्र तट तक सब कुछ मिलेगा जहाँ आप खूबसूरत सूर्यास्त देख सकते हैं। मालशेज घाट में मंदिर 16वीं शताब्दी ईस्वी पूर्व के हैं और स्थापत्य (Architecture) के चमत्कार के महान उदाहरण हैं। हम आपको इस लेख में ले चलते हैं मालशेज घाट की खूबसूरत सैर पर, जहां मानसून की बूंदें पहाड़ों को धोती हैं और हरियाली इतनी गहरी है कि मन मोहित हो जाता है।

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बारिश का सफर:-

अगर आप मानसून के मौसम में घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो मालशेज घाट आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। मालशेज घाट की खूबसूरती मानसून के दौरान ही निखर कर आती है। चारों ओर हरियाली का सफ़ेद सागर, कोहरे से ढकी पहाड़ियां और कभी कम कभी तेज बारिश का मौसम आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाएगा। इस समय यहां आपको सैकड़ों तरह के फ्लोरा और फौना भी दिखेंगे। बारिश के दिनों में यहां का मौसम इतना निराला होता है कि प्रवासी पक्षी फ्लेमिंगो इस जगह पर सुदूर स्थलों से अपना डेरा डालने के लिए आते हैं। इस दौरान यहां कई छोटे-बड़े झरने बन जाते हैं, जो पहाड़ों से नीचे गिरते हुए एक मनमोहक दृश्य उपस्थित करते हैं। इन झरनों के पास थोड़ा समय बिताना न भूलें, प्रकृति की खूबसूरती का आनंद लें और मानसून की ठंडी हवाओं को अपने आप में महसूस करें। सड़क के किनारे बहती छोटी-छोटी नदियां और झरने मानसून के इस सफर को और भी यादगार बना देते हैं।

मालशेज घाट Malshej Ghat में घूमने की जगह:-

मालशेज झरना Malshej Waterfall:-

बारिश के इस खूबसूरत मौसम में, हरियाली से लबालब पहाड़ और पहाड़ से गरजते हुए गिरता यह खूबसूरत झरना  निश्चिंत ही आपका मन मोह लेंगा| सुंदर प्राकृतिक नज़ारे और शांत वातावरण होने के कारण यह झरना पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं| आपको बता दे की यह झरना घाट का सबसे ऊँचा और प्रसिद्ध झरना है| इतनी ऊचाई से गिरता पानी मानो ऐसा लगता है जैसे सफेद चादर सी बह रही हो, मानसून के दौरान यह झरना अपने सबसे अच्छे रूप में होता है| हरे-भरे वनस्पतियों और कोहरे की छायाओं से बने अलग-अलग नज़ारे और यहाँ का शांत वातावरण आपके मन को मोह लेंगे|

मालशेज झरना Malshej Waterfall
मालशेज झरना Malshej Waterfall

हरिश्चंद्रगढ़ किला Harishchandragad Fort:-

अगर आप स्थापत्य(Architecture) वाले स्थानो में घूमने के शौकीन है तो इस स्थान पर आना न भूले मालशेज घाट के पास स्थित यह किला 15वीं शताब्दी में कलचुरी राजवंश के शासनकाल में बनाया गया था जो 4665 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यह मालशेज घाट का एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है। आपको बता दे की यह मालशेज घाट में घूमने के लिए सबसे आकर्षक जगहों में से एक है। आप किले की यात्रा पे निकलोगे तो आपको कई मंदिर व गुफा देखने को मिलेंगी जो इसे धार्मिक और पुरातात्विक रूप से महत्वपूर्ण स्थल बनाते हैं। किले से घाट की खूबसूरत वादियों का नजारा देखा जा सकता है। यह स्थान ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।

हरिश्चंद्रगढ़ किला Harishchandragad Fort

पिंपलगांव जोगा बांध Pimpalgaon Joga Dam:-

पिंपलगांव जोगा बांध मालशेज घाट में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक माना जाता है| कुकड़ी नदी की एक सहायक नदी पुष्पावती नदी पर बना यह बांध मालशेज घाट से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| यह स्थान पक्षी देखने के लिए भी प्रसिद्ध है, खासकर फ्लेमिंगो पक्षियों के लिए। और अगर आप सूर्यास्त की कुछ शानदार तस्वीरें लेना चाहते हैं, तो यह स्थान आपके लिए उचित स्थानो में से एक है, हरियाली के कारण चमकते पहाड़ और उनके पीछे ढलता सूरज निश्चित ही आपका मन मोह लेगा| कम प्रसिद्ध पर्यटक स्थल होने के कारण, यह स्थल आपको एक शांत वातावरण प्रदान करेगा, डैम का शांत पानी और आसपास की हरियाली एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है। बांध के पास एक मंदिर भी है जो भगवान शिव को समर्पित है।

पिंपलगांव जोगा बांध Pimpalgaon Joga Dam

शिवनेरी किला Shivneri Fort:-

शिवनेरी किला छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्मस्थान है और इसका ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है। यह किला मालशेज घाट के पास स्थित है और यहाँ से घाट की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता का नजारा देखा जा सकता है। क्या आपको पता है, कि शिवजी महाराज का नाम कैसे शिवजी महाराज पड़ा? चलिये आपको बताते है इस गढ़ के भीतर माता शिवाई का एक मन्दिर था, जिनके नाम पर शिवाजी महाराज का नाम रखा गया। वैसे किले में घूमने योग्य तो अनेको स्थल है, परन्तु सबसे खास है किले के मध्य में यह एक सरोवर जिसे “बादामी तालाब” कहते हैं। इसके दक्षिण में माता जीजाबाई और बाल शिवाजी राजे की मूर्तियां स्थित हैं। और किले में मीठे पानी के भी दो स्रोत हैं जिन्हें गंगा-जमुना कहते हैं किले से दो किलोमीटर की दूरी पर लेन्याद्री गुफाएं स्थित हैं जहां अष्टविनायक का मन्दिर बना है|

शिवनेरी किला Shivneri Fort

अजोबा हिल किला Ajoba Hill Fort:-

अजोबा पर्वत, जिसे अजापर्वत के नाम से भी जाना जाता है, सह्याद्री पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटियों में से एक पर स्थित यह समुद्र तल से 1100 मीटर (3609 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है| यह पर्वत अपने धार्मिक महत्व और प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूजनीय है, जो इसे तीर्थयात्रियों और ट्रेकर्स के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बनाता है। आप ट्रैकिंग और रॉक क्लाइम्बिंग करके इस शानदार चोटी पर चढ़ने की चुनौती का सामना कर सकते हैं। पहाड़ पर कई मंदिर और गुफाएँ हैं, जिनमें सीतामाई पालना भी शामिल हैऔर एक गुफा यहाँ ऐसी भी जिसके बारे में बताया जाता है की यहाँ सीता माता ने विश्राम किया था। इन्हे देखने के लिए और आशीर्वाद लेने के लिए भक्त पूरे भारत से इन मंदिरों में आते हैं। यहां का मनोरम दृश्य वाकई बहुत ही शानदार है, जिसमें घने कोहरे के पीछे कई पहाड़ियां दिखाई देती और गायब हो जाती हैं। यहाँ की ऊँचाई और कठिन मार्ग ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण अनुभव प्रदान करते हैं।

अजोबा हिल किला Ajoba Hill Fort

वन्यजीव अभ्यारण्य Wildlife Sanctuaries:-

मालशेज घाट के आसपास का क्षेत्र विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का घर है। यहाँ आप तेंदुआ, सांभर, हिरण और कई प्रकार के पक्षी देख सकते हैं। यह स्थान वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है।

वन्यजीव अभ्यारण्य Wildlife Sanctuaries

कोंडाना गुफाएँ Kondana Caves:-

कोंडाना गुफाएँ कोंडाना के छोटे से गाँव में स्थित हैं, जो मालशेज से लगभग 2 hr 30 min की दुरी पर स्थित है| इस गुफा समूह में 16 बौद्ध गुफाएँ हैं। आपको बता दे की इन गुफाओं की खुदाई पहली शताब्दी ईसा पूर्व में की गई थी। प्राचीनकाल की होने के कारण इन गुफाओ का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यहाँ की मूर्तियाँ और गुफाओ में बानी चित्रकारी बेहद ही अद्भुत और साथ ही प्राचीन भारतीय वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।

कोंडाना गुफाएँ Kondana Caves

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मालशेज घाट जाने का सबसे अच्छा समय:-

जैसा की आप ऊपर भी पढ़ चुके है की मालशेज घाट जाने का सबसे अच्छा समय मानसून (जून से सितंबर) के दौरान होता है। इसके अलावा, आप यहाँ सर्दियों के मौसम में भी घूमने के लिए आ सकते है।

कैसे पहुंचें?

फ्लाइट से:-

मालशेज का सबसे निकटतम हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मुंबई है। ये भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और फिर यहाँ से आप अपनी आगे की यात्रा सड़क या रेल द्वारा कर सकता है।

सड़क मार्ग से:-

मालशेज जाने के लिए आप मुंबई-पुणे राजमार्ग से जा सकते है, ये राजमार्ग मालशेज को इन प्रमुख शहरों से जोड़ता है। मालशेज पहुंचने के लिए अनेक शहरों से नियमित राज्य परिवहन की बसें उपलब्ध हैं।

ट्रेन से:-

आपको बता दे की मालशेज में कोई भी रेलवे स्टेशन नहीं है। मालशेज से 85 किमी दूर पर स्थित है कल्याण रेलवे स्टेशन यहाँ से आप बस या फिर अन्य वाहन से मालशेज घाट पहुँच सकते है|

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