मास्को: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ताजा हमले में यूक्रेन की सेना ने रूस के कजान शहर में विस्फोटकों से भरे ड्रोन से भीषण हमला बोला है। बताया जा रहा है कि यूक्रेन के 8 विस्फोटक ड्रोन विमानों ने रूस के कजान शहर में हमला किया। यह वही शहर है जहां पिछले दिनों ब्रिक्स देशों की शिखर बैठक हुई थी और भारत के पीएम मोदी समेत दुनिया के कई नेता पहुंचे थे। अभी तक किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं आई है लेकिन इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है। स्थानीय सरकार का कहना है कि सभी उद्योगों के वर्कर्स को खाली करा लिया गया है और उन्हें अस्थायी शिविरों में रखा गया है। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं।
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स्थानीय अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है, और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ड्रोन ने इमारत से टकराने से पहले किस तरह की गतिविधि की थी. फिलहाल, किसी के घायल होने की जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन हादसे ने लोगों को हैरान कर दिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों पर चर्चा शुरू हो गई है। इस घटना ने एक बार फिर ड्रोन के बढ़ते उपयोग और उनके संभावित खतरों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. दुनियाभर में ड्रोन की बढ़ती संख्या और उनकी सुरक्षा को लेकर नए नियमों की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
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रूस पर 4 महीने में दूसरी बार 9/11 जैसा हमला
रूस पर 4 महीने पहले भी 9/11 जैसा हमला हुआ था। यूक्रेन ने रूस के सारातोव शहर में 38 मंजिला रिहायशी इमारत वोल्गा स्काई को निशाना बनाया था। इस शहर में रूस का स्ट्रैटजिक बॉम्बर मिलिट्री बेस भी है। हमले में 4 लोग घायल हुए थे। जिसके बाद रूस ने पलटवार करते हुए यूक्रेन पर 100 मिसाइल और 100 ड्रोन दागे थे। इनमें 6 लोगों की मौत हुई थी और 150 से ज्यादा घायल हुए थे।
यूक्रेन पर रूस के न्यूक्लियर चीफ की हत्या के भी आरोप
4 दिन पहले ही रूस के न्यूक्लियर चीफ इगोर किरिलोव की मॉस्को में हुए एक ब्लास्ट में मौत हो गई थी। हमले के वक्त किरिलोव अपार्टमेंट से बाहर निकल रहे थे, उसी वक्त नजदीक खड़े स्कूटर में ब्लास्ट हो गया। इसमें किरिलोव के साथ-साथ उनका अस्टिटेंट भी मारा गया था। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने यूक्रेन के अधिकारियों के हवाले बताया था कि किरिलोव की हत्या यूक्रेन ने ही कराई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस एजेंसी (SBU) से जुड़े एक सूत्र ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। यूक्रेन सिक्योरिटी सर्विसेज (SBU) का आरोप था कि किरिलोव की लीडरशिप में रूस ने लगभग 5,000 बार रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था। इनमें 700 से ज्यादा बार इनका इस्तेमाल इस साल मई में ही हुआ था।
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