हिंदी विषय में हुए 5888 बच्चे फेल
रामनगर: उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट 30 अप्रैल को घोषित हो चुका है जिसके बाद पूरे प्रदेश भर में छात्र-छात्राओं ने पपरचम लहराया है, तो कहीं फेल हुए विद्यार्थियों ने हर मानकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी गई है। वहीं इसी बीच खबर सामने आ रही है कि हिंदी विषय को हल्के में लेने वाले बच्चे हिंदी विषय में ही फेल हो गए हैं। आपको बता दे कि उत्तराखंड बोर्ड को हल्के में लेना हजारों बोर्ड परीक्षार्थियों को भारी पड़ गया है। हाईस्कूल-इंटर में कुल 5888 विद्यार्थी हिंदी विषय में फेल हो गए। इनमें हाईस्कूल में 2477 छात्र, 1187 छात्राएं और इंटरमीडिएट में 1441 छात्र, 783 छात्राएं हैं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि हिंदी विषय के प्रति छात्रों की रुचि कम हो गई है। आम बोलचाल और राजभाषा होने के कारण हिंदी विषय को गंभीरता से नहीं लेते हैं। अपनी राजभाषा बोलने में आजकल के छात्र-छात्राओं को शर्म आती है, जिस कारण हिंदी विषय में रुचि कम हो गई है। हिंदी एक ऐसा विषय है जिसमें पास होना अनिवार्य है। इस साल हाईस्कूल में हिंदी विषय में 1,13,493 छात्रों ने परीक्षा दी थी जिनमें 1,09,829 छात्र पास हुए जबकि 3664 छात्र फेल हो गए। इंटरमीडिएट में पेपर देने वाले 91,123 छात्रों में 88,899 पास हुए और 2224 परीक्षार्थी फेल हो गए। हिंदी विषय में फेल तथा अन्य सभी विषयों में पास हो गया तो उसे फेल ही माना जाता है। हिंदी में 33 प्रतिशत अंक लाने जरूरी हैं और इस विषय में ग्रेस भी नहीं मिलता है।
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