द्वाराहाट: भगवान शिव को समर्पित सावन का महीना कल यानी कि 22 जुलाई से शुरू हो गया है। खास बात यह कि इसकी शुरुआत सोमवार के साथ हो रही है जो भगवान शिव के लिए हमेशा विशेष माना गया है. इस महीने में भगवान शिव की पूजा का खास महत्व है. इस महीने में कुछ लोग घर पर शिवलिंग तैयार करते हैं तो कुछ लोग शिवलिंग की स्थापना भी करते हैं. यदि आप भी सावन के महीने में शिवलिंग की स्थापना अपने घर में करने जा रहे हैं तो ज्योतिष के कुछ नियमों का पालन करना चाहिए जो आपको शुभ फल देंगे।
इसी सावन के पवित्र महीने में आज ग्राम सभा बमनपुरी के जय गुरु गोरखनाथ धूणी के दरबार की युवक मंगल दल बमनपुरी द्वारा साफ सफाई की गई। जिसमे धूणी के आसपास झाड़ियों का कटान किया गया, तथा धूणी के मुख्य आंगन जिसमे काफी समय से सफाई नहीं की गई थी जिस कारण आंगन में काफी घास उग रखा था इससे साप कीड़ों का भी बहुत खतरा बना रहता है। युवक मंगल दर बमनपुरी सभी सामाजिक कार्यों में आगे रहता है और आने वाले समय में भी आगे रहेगा।
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कहा जाता हैं कि नेपाल सीमा से लगे चंपावत जिले के तल्लादेश क्षेत्र के मंच में स्थापित गुरु गोरखनाथ मंदिर आध्यात्मिक पीठ के रूप में पूरे उत्तर भारत में प्रमुख स्थान रखता है। मान्यता के अनुसार यहां आने वाले भक्तों की मुरादें जरूर पूरी होती हैं। नि:संतान दंपती यहां अपनी मनोकामना लेकर जरूर आते हैं। गोरखपंथियों द्वारा स्थापित गुरु गोरखनाथ धाम गो रक्षक के रूप में भी पूजा जाता है। चम्पावत-तामली मोटर मार्ग पर जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर यह स्थान ऊंची पर्वत चोटी पर स्थापित है। यहां पहुंचने के लिए मंच तक वाहन से जाया जा सकता है। उसके बाद दो किमी की पैदल यात्रा होती है। मंदिर से पहले मार्ग में अष्ट भैरवों की स्थापना है। जिन्हें क्षेत्रीय लोग रक्षक के रूप में वर्षों से पूजते आए हैं।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक नाथ संप्रदाय की उत्पत्ति आदिनाथ भगवान शिव द्वारा मानी जाती है। प्रतिष्ठित है कि महायोगी गुरु गोरक्षनाथ शिव अवतारी हैं। उनका अवतार त्रेता युग में हुआ, हालांकि साहित्यिक दृष्टी से उनकी उनका समय गोरक्षनगरी में नौवीं ईस्वी शताब्दी से स्वीकार किया जाता है। नगर निगम द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘आकलन’ के मुताबिक नाथपंथ पर शोध करने वाले जार्ज ब्रिग्स ने लिखा था कि नाथपंथी परम्परा में त्रेता युग में पंजाब से चल कर गोरक्षनाथ गोरखपुर पहुंचे। पवित्र तालाब मानसरोवर में के निकट के घने जंगल में लम्बे समय तक धुनी और दीप जला कर रहे। उन्हीं के नाम पर राप्ती नदी के किनारे बसा यह स्थान गोरखपुर कहलाया।’आज के इस कार्यक्रम में ग्राम सभा बमनपुरी के ग्राम प्रधान महेंद्र सिंह नेगी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मदन सिंह नेगी, अशोक सिंह नेगी(बब्बू), हेमंत शाह, लक्की, दीपक, मनीष नेगी, हरीश, धीरज नेगी, हेमंत उपाध्याय(मोनू) भावेश उपाध्याय मौजूद रहे।
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