देहरादून:प्रधानाचार्य सीधी भर्ती 2024 का शिक्षकों ने किया जोरदार विरोध, विज्ञप्ति की प्रतियां जलाकर जताया आक्रोश
प्रदेशभर में राजकीय शिक्षक संघ प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर प्रधानाचार्य सीधी भर्ती 2024 का विरोध तेज हो गया है। सोमवार को प्रदेश के सभी ब्लॉक मुख्यालयों, जनपद मुख्यालयों एवं मंडल मुख्यालयों पर शिक्षकों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) द्वारा प्रधानाचार्य के 692 पदों के लिए जारी विज्ञप्ति की प्रतियां जलाकर अपना आक्रोश प्रकट किया।
क्या है शिक्षकों की मांग?
शिक्षकों का कहना है कि प्रधानाचार्य का पद पदोन्नति से भरने का नियम है। इस पर सीधी भर्ती करना उन शिक्षकों के साथ अन्याय है, जो वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सीधी भर्ती से योग्य शिक्षकों के अधिकारों का हनन हो रहा है।
शिक्षकों ने लगाए शिक्षा विभाग पर आरोप
प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों ने शिक्षा विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग में लगातार नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जो न केवल विद्यार्थियों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं, बल्कि शिक्षकों का मनोबल भी गिरा रहे हैं।
प्रमुख मुद्दे:
- शिक्षकों के प्रमोशन को नजरअंदाज किया जा रहा है।
- प्रधानाचार्य के पद पर सीधी भर्ती से योग्य शिक्षकों को नुकसान।
- शिक्षा विभाग के नए प्रयोगों से शिक्षा की गुणवत्ता पर असर।
सीधी भर्ती को निरस्त करने की मांग
शिक्षकों ने स्पष्ट रूप से मांग की कि सीधी भर्ती के इस फैसले को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पदोन्नति की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाए और शिक्षकों के हितों की रक्षा हो।
प्रदर्शन में उठी ये आवाजें
प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को अनदेखा किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। उन्होंने सरकार से शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से लेने और इस विवादित विज्ञप्ति को वापस लेने की अपील की।
शिक्षा के प्रति चिंता व्यक्त
शिक्षकों ने कहा कि शिक्षा विभाग में नए-नए प्रयोगों और विवादित फैसलों के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि शिक्षा प्रणाली में स्थायित्व बनाए रखा जाए और शिक्षकों को उनका अधिकार दिया जाए।
शिक्षकों का आक्रोश जारी
इस प्रदर्शन से प्रदेशभर में शिक्षकों के बीच नाराजगी का माहौल स्पष्ट रूप से देखने को मिला। उनकी मांग है कि सरकार और शिक्षा विभाग उनकी समस्याओं को जल्द से जल्द हल करें, अन्यथा आने वाले दिनों में विरोध और व्यापक रूप ले सकता है।
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