नई दिल्ली:भारतीय विदेश मंत्रालय ने उत्तरी गाजा में निरीह नागरिकों की इस तरह मौत पर दुख जताते हुए कहा कि इससे गहरा सदमा लगा है। अमेरिका और जर्मनी ने घटना की जांच की मांग की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी सख्त नाराजगी जताते हुए इजरायली सैनिकों के इस कृत्य के विरुद्ध न्याय की मांग की है। ब्राजील ने भी इस कार्रवाई को इजरायल के नैतिक और कानूनी दायरे से बाहर बताया।
यह भी पड़े: देवभूमि का नाम हुआ रोशन, आंचल और कनिका का कथक में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम।
कोलंबिया के राष्ट्रपति ने गाजा में युद्ध को नरसंहार बताया है इसके साथ ही तुर्किये, सउदी अरब, मिस्त्र और जॉर्डन, दक्षिण अफ्रीका ने भी इसकी आलोचना की है। कोलंबिया के राष्ट्रपति ने गाजा में युद्ध को नरसंहार बताते हुए इजरायली हथियार खरीदना बंद करने का फैसला लिया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने भी इसकी निंदा करते हुए युद्धविराम की मांग की है। आपको बता दे की मदद का इंतजार कर रहे 112 लोगों की मौत दुखदायी है, हालांकि, इजरायल हमले से इनकार कर रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि गुरुवार को मानवीय मदद का इंतजार कर रहे 112 लोगों की मौत दुखदायी है। कहा, गाजा में इस तरह नागरिकों की मौत और मानवीय स्थिति लगातार रहना चिंता का विषय है।
यह भी पड़े: नैनीताल और भवाली के लिए खुशखबरी: कूड़े से होगी आमदनी
WHO स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि गाजा के लोग भोजन, पानी व अन्य बुनियादी जरूरतों के लिए अपनी जान को जोखिम डालने को मजबूर हैं। गाजा में 100 से अधिक लोगों का मारा जाना इसका साक्ष्य है। WHO के प्रवक्ता क्रिश्चएन लिंडमियर ने कहा कि गाजा में सिस्टम घुटनों पर है, वहां सहायता की जरूरत है। गाजा में ज्यादातर लोगों मूलभूत सुविधाओं से कट गए हैं।
यह भी पड़े: विकासखंड द्वाराहाट में जैविक रंगों को बनाने की ट्रेनिंग का हुआ समापन।