नैनीताल/भवाली: नैनीताल और भवाली नगर पालिकाओं ने मिलकर कूड़ा रीसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई है। 35 लाख रुपये के अनुमानित बजट वाला यह प्लांट न केवल क्षेत्र के कूड़े का निस्तारण करेगा, बल्कि प्लास्टिक से ग्राफीन बनाकर पालिकाओं को नियमित आय भी प्रदान करेगा।
योजना की शुरुआत:
- डीएसबी परिसर के नैनो साइंस विभाग के शोध के बाद निष्प्रयोज्य प्लास्टिक से ग्राफीन बनाने की पहल
- तीन साल पहले नैनीताल नगर पालिका और कुमाऊं विश्वविद्यालय के बीच समझौता
- डेढ़ साल पहले मशीनें नैनीताल पहुंचीं, लेकिन जमीन न मिलने के कारण योजना ठंडे बस्ते में चली गई
- भवाली पालिका अध्यक्ष संजय वर्मा की पहल पर भवाली में प्लांट स्थापित करने का निर्णय
कूड़ा रीसाइक्लिंग प्लांट से होने वाली आय का बंटवारा नैनीताल और भवाली पालिका में बटेगा। जिसमे से 60% नैनीताल पालिका को और 40% भवाली पालिका को मिलेगा।
कूड़ा रीसाइक्लिंग प्लांट से होने वाले लाभ की बात करे तो आप को बता दे की इससे कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण होगा। जिससे प्रदूषण और कूड़े रहत मिलेगी। प्लास्टिक का पुन: उपयोग होगा। ग्राफीन को बेच कर आय होगी। क्षेत्र विकास का विकाश होगा और साथ ही लोगो को रोजगार का अवसर मिलेंगा।
इसे पढ़े : मुहर लगने के बाद उत्तराखंड में जल्द लागू होगा यूसीसी, पड़े पूरी खबर।
भवाली में कूड़ा रीसाइक्लिंग प्लांट के लिए सेनिटोरियम से 600 मीटर दूर जमीन उपलब्ध कराई गई है। आवश्यक कटान और विकास कार्य किया जा रहा है।
यह योजना नैनीताल और भवाली के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण, प्लास्टिक का पुन: उपयोग, और ग्राफीन से आय, यह सब क्षेत्र के विकास और स्वच्छता में महत्वपूर्ण योगदान देगा।