देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 6 फरवरी को विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी को सदन में पेश किया था। इसे 7 फरवरी को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था। अब, बुधवार यानी आज उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने यूसीसी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा है। राष्ट्रपति से इस पर मुहर लगने के बाद यूसीसी उत्तराखंड में लागू हो जाएगा। आपको बता दे कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने यूसीसी विधेयक को सबसे पहले पास किया। यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल ने राष्ट्रपति को भेजा गया।
यह भी पड़े: विकासखंड द्वाराहाट में जैविक रंगों को बनाने की ट्रेनिंग का हुआ समापन।
विधेयक की विशेषताएं
- लिव इन में रहने को रजिस्ट्रेशन जरूरी, विवाहित पुरुष या महिला लिव इन में नहीं रह पाएंगे।
- सभी धर्म की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 और लडक़ों के लिए 21 साल।
- सभी धर्मों में पति-पत्नी के लिए तलाक के कारण और आधार एक समान कर दिए गए हैं।
- पति या पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी यानी बहु विवाह पर सख्ती से रोक रहेगी।