जौनसार बावर: अनोखी बारात-जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में आज भी संयुक्त परिवार की परंपरा और पुराने रीति रिवाज कायम हैं। इसमें खास तौर से वैवाहिक रीति रिवाज शामिल हैं। वैसे तो दुल्हन का दूल्हे के घर बरात लेकर आने की परंपरा सबसे खास है। एक साथ पांच दुल्हनें घर आईं तो देखते रह गए सभी लोग मगर क्षेत्र में पहली बार ऐसा हुआ है जब एक ही संयुक्त परिवार के पांच युवकों का विवाह एक साथ हुआ हो। ऐसा हुआ है पंजिया गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर फुनकू दास के 58 सदस्यों वाले परिवार में। जब एक साथ पांच दुल्हनें घर आईं तो लोग देखते ही रह गए।
एक साथ पांच दुल्हनें घर आईं तो देखते रह गए सभी लोग
मगर क्षेत्र में पहली बार ऐसा हुआ है जब एक ही संयुक्त परिवार के पांच युवकों का विवाह एक साथ हुआ हो। ऐसा हुआ है पंजिया गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर फुनकू दास के 58 सदस्यों वाले परिवार में। जब एक साथ पांच दुल्हनें घर आईं तो लोग देखते ही रह गए।
आपको बता दें कि जौनसार बावर में आज भी शादियां दहेजरहित होती हैं। गांव पंजिया के इस परिवार में दो भाइयों के पांच पुत्रों की शादी जौनसारी रिति रिवाज से हुई। शादी के बाद गांव में लोक परंपरा का निर्वहन करते हुए रईणी भोज का आयोजन भी एक साथ किया गया। इस शादी में दूल्हे तो एक ही परिवार के थे, मगर दूल्हनें अलग-अलग परिवारों की थीं। कालसी तहसील अंतर्गत पंजिया गांव निवासी कलम सिंह पांच भाइयों में सबसे बड़े हैं। उसके पुत्रों गंभीर की शादी शीतल, गजेंद्र की शादी इशिका और गोविंद की शादी निशा के साथ हुई।
तीनों बेटे प्राइवेट कंपनी में कार्यरत
वहीं छोटे भाई देशराज के पुत्र राहुल की शादी रुही और मुकुल की शादी शीतल से हुई। खत बाना से जुड़े पंजिया गांव निवासी कलम सिंह एक किसान हैं। उनके तीनों बेटे प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। जबकि दूसरे भाई के दोनों बेटे सेना में हैं।
एक ही कार्ड में पांचों दूल्हे का नाम
जौनसार बावर में दो या तीन भाइयों की एक साथ शादी आम बात है। लेकिन पांच भाइयों की एक साथ शादी कम ही देखने को मिलती है। इसलिए यह शादी खास बन गई। इस शादी ने संयुक्त परिवार की मिसाल पेश की है। यह दिखाता है कि परिवार में कितना प्यार और एकता है। शादी की सादगी ने सबका दिल जीत लिया। एक ही कार्ड पर पांचों भाइयों के नाम छपे थे। कार्ड भी बहुत सादा था। इसमें दिखावा बिल्कुल नहीं था। दादा, परदादा, चाचा, भाई, सभी के नाम कार्ड पर थे।
अलग-अलग गांवों से आईं दुल्हनें
यह कार्ड जौनसार बावर की संयुक्त परिवार प्रणाली को दर्शाता है। आजकल जहां लोग एकल परिवार में रहना पसंद करते हैं, वहीं जौनसार बावर में आज भी संयुक्त परिवार की परंपरा जीवित है। पांचों भाइयों की बारात अलग-अलग गांवों से अपनी दुल्हनें लेकर आई। पूरा गांव खुशी से झूम उठा। जिसने भी यह सुना वो हैरान रह गया। दो भाइयों की एक साथ शादी तो सुनी थी, लेकिन पांच भाइयों की बारात एक साथ, यह वाकई अनोखा था। इस शादी ने पूरे इलाके में खुशी की लहर दौड़ा दी। खास था शादी का कार्ड शादी का कार्ड जितना सादा था, उतना ही खास भी। इसमें परिवार के सभी सदस्यों के नाम थे। यह कार्ड जौनसार बावर के लोगों के संस्कारों को दिखाता है। यह दिखाता है कि वे अपने पूर्वजों का कितना सम्मान करते हैं। यह कार्ड उनकी पारिवारिक एकता का प्रतीक है। यह शादी जौनसार बावर के लोगों के लिए सामान्य हो सकती है। लेकिन यह शादी समाज के लिए एक संदेश है।
पांच शादियों का खर्चा एक ही शादी में
आजकल लोग शादियों में बहुत खर्चा करते हैं। दिखावे के लिए लाखों रुपये पानी की तरह बहा देते हैं। लेकिन इस परिवार ने सादगी से शादी करके एक मिसाल कायम की है। पांच शादियों का खर्चा एक शादी जितना ही हुआ और घर में पांच बहुएं आ गईं। यह दिखाता है कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता। रिश्ते-नाते, प्यार, और सादगी, ये ज़िंदगी को खूबसूरत बनाते हैं। इस शादी ने दिखाया कि कैसे परंपरा और आधुनिकता साथ-साथ चल सकते हैं।
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