द्वाराहाट(अल्मोड़ा): देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 28 और 29 अक्टूबर को अपने दो दिवसीय प्रवास पर अल्मोड़ा जिले में पहुंचे हैं। यह यात्रा राजनीतिक नहीं बल्कि पूरी तरह आध्यात्मिक है, जिसमें वे उत्तराखंड की दिव्यता और आध्यात्मिक धरोहर से रूबरू हो रहे हैं। जिला प्रशासन ने उनके प्रवास के सुचारू संचालन के लिए विशेष तैयारियां की हैं। जिले के प्रभारी अधिकारी (विशिष्ट अभ्यागत) संजय कुमार ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का यह दौरा मुख्य रूप से दूनागिरी और द्वाराहाट के धार्मिक-आध्यात्मिक स्थलों के दर्शन के उद्देश्य से है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अनुसार 28 अक्टूबर की सुबह 8:30 बजे कोविंद जी नैनीताल राजभवन से प्रस्थान कर दोपहर 12:30 बजे द्वाराहाट पहुंच गए, जहां उन्होंने एडीआई माउंट भूमकिया में विश्राम किया।
दोपहर के विश्राम के बाद शाम तीन बजे पूर्व राष्ट्रपति दूनागिरी रिट्रीट के लिए रवाना हुए। दूनागिरी, हिमालय की गोद में बसा वह स्थान है जहाँ की प्रकृति, साधना और शांति साधकों को आकर्षित करती है। यह वही क्षेत्र है जो योग और ध्यान के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। कोविंद ने वहीं रात्रि विश्राम किया, जहां स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा टीम ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ पहले से सुनिश्चित कर रखी थीं। दूसरे दिन यानी 29 अक्टूबर की सुबह 9 बजे पूर्व राष्ट्रपति दूनागिरी रिट्रीट से महाअवतार बाबा लाहिरी महाशय की पवित्र गुफा के लिए रवाना होंगे। योग साधना परंपरा में यह गुफा अत्यंत पवित्र मानी जाती है और कहा जाता है कि यहीं लाहिरी महाशय को उनके गुरु महावतार बाबा से क्रियायोग की दीक्षा मिली थी। रामनाथ कोविंद ने गुफा में दर्शन और ध्यान कर आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करेंगे।
ध्यान के उपरांत, वे सुबह 11:30 बजे गुफा से लौटे और कुकुछाना क्षेत्र स्थित होटल अवतार में दोपहर 1 बजे भोजन करेंगे। बताया गया कि भोजन के बाद दोपहर 2 बजे वे पुनः दूनागिरी रिट्रीट में कुछ समय विश्राम करेंगे और शाम 3:30 बजे नैनीताल राजभवन के लिए प्रस्थान करेंगे। इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय प्रतिनिधियों ने पूर्व राष्ट्रपति के स्वागत की पूरी तैयारी हो गई है सुरक्षा प्रबंधों को लेकर भी जिला प्रशासन विशेष सतर्क रहा। अल्मोड़ा पुलिस और विशेष सुरक्षा बलों द्वारा पूरे मार्ग पर सुरक्षा घेरा बनाया गया, ताकि पूर्व राष्ट्रपति के भ्रमण में किसी प्रकार की बाधा न आए।
रामनाथ कोविंद का यह दौरा अल्मोड़ा और कुमाऊँ मंडल के लिए गौरव का विषय है, क्योंकि इससे क्षेत्र में आध्यात्मिक पर्यटन को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि पूर्व राष्ट्रपति जैसे पूर्व उच्च पदस्थ व्यक्तियों के आगमन से यहां की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान देशभर में और सशक्त होगी।स्थानीय साधु-संतों व निवासियों ने बताया कि दूनागिरी का क्षेत्र सदियों से योग और साधना की भूमि रहा है और इस स्थान का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में किया गया है। इसी पावन भूमि पर ध्यान और साधना कर अनेक संतों ने आत्मसुधार का मार्ग दिखाया है। कोविंद का यहां पहुंचना इस परंपरा के सम्मान और स्थायित्व का प्रतीक माना जा रहा है।
