9.3 C
Uttarakhand
Wednesday, December 11, 2024

पहले रेप और फिर समझौता… यौन उत्पीड़न के केस में SC का बड़ा फैसला, कहा- रद्द नहीं किया जा सकता, पड़े पूरी खबर।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि यौन उत्पीड़न के मामलों में आरोपी और पीड़िता के बीच समझौता हो जाने से केस को समाप्त नहीं किया जा सकता। शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए केस को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला देशभर में यौन उत्पीड़न पीड़ितों के न्याय के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

हाई कोर्ट के आदेश को पलटा 

इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट ने आरोपी शिक्षक को राहत देते हुए एफआईआर रद्द कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश खारिज कर दिया। पीड़िता की शिकायत के मुताबिक, आरोपी शिक्षक पर 2022 में पॉक्सो और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि ऐसे मामलों में पीड़िता के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

यह भी पढ़ें: सड़क पर चलती लड़की के साथ लड़के ने की यह घिनौनी हरकत, आप भी हो जाएंगे हैरान, देखे वीडियो।

समझौते का आधार अस्वीकार

अभियुक्त शिक्षक ने लड़की के परिवार से एक स्टाम्प पेपर पर कथित तौर पर समझौता करवाया था। इस समझौते में कहा गया था कि शिकायत गलतफहमी के कारण की गई थी। पुलिस ने इस बयान को मानते हुए रिपोर्ट फाइल की थी, लेकिन निचली अदालत ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद आरोपी ने हाई कोर्ट का रुख किया, जिसने एफआईआर रद्द कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के इस निर्णय को पलटते हुए कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में समझौते के आधार पर कार्रवाई नहीं रोकी जा सकती।

सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका पर सुनवाई

इस मामले में रामजी लाल बैरवा नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। उन्होंने तर्क दिया कि यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में समझौते का कोई आधार नहीं होना चाहिए। न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की पीठ ने बैरवा की याचिका को स्वीकार करते हुए आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया।

पीड़िता के अधिकारों की सुरक्षा पर जोर

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले में कोर्ट ने साफ संदेश दिया कि यौन उत्पीड़न के मामलों में समझौता पीड़िता के न्याय पाने के अधिकार को कमजोर नहीं कर सकता। कोर्ट ने पीड़िता के अधिकारों की सुरक्षा और न्याय प्रक्रिया की निष्पक्षता पर जोर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सभी संबंधित अधिकारियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि न्यायिक प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का समझौता मंजूर नहीं किया जाएगा।

यह भी पढ़ें:ट्रंप ने रचा इतिहास, भगवा में दिखे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, अभिनेत्री कंगना ने किया ट्वीट।

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Manish Negi
Manish Negihttps://chaiprcharcha.in/
Manish Negi एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों जैसे विषयों पर अच्छा ज्ञान है। वे 2 से ज्यादा वर्षों से विभिन्न समाचार चैनलों और पत्रिकाओं के साथ काम कर रहे हैं। उनकी रूचि हमेशा से ही पत्रकारिता और उनके बारे में जानकारी रखने में रही है वे "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल में विभिन्न विषयों पर ताज़ा और विश्वसनीय समाचार प्रदान करते हैं"

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

68FansLike
25FollowersFollow
7FollowersFollow
62SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles