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Thursday, May 22, 2025

श्रद्धालुओं के लिए खुले बदरीनाथ धाम के कपाट, भक्तों का उमड़ा सैलाब, भक्तों पर हेलीकॉप्टर से हुई पुष्प वर्षा।

चमोली: उत्तराखंड के चारधामों में से एक बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार यानी आज विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. कपाट खुलते ही ‘जय बदरी विशाल’ के जयकारों से संपूर्ण धाम गूंज उठा और वातावरण भक्तिमय हो गया. इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बदरीनाथ धाम पहुंचकर भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. सीएम धामी ने इस दौरान श्रद्धालुओं से मुलाकात कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए. इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जय श्री बदरी विशाल. वेदों, पुराणों और संतों की वाणी में बार-बार वर्णित भगवान श्री हरि के भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज विधि-विधान से खोले जा रहे हैं।

श्री बदरीनाथ धाम भक्ति, तपस्या और मोक्ष की भूमि है. यहां हर कण में दिव्यता समाई है और हर शिला पर श्री हरि की छाया है. आप भी इस बार चारधाम यात्रा में देवभूमि उत्तराखंड अवश्य पधारें और आस्था, श्रद्धा और अध्यात्म से परिपूर्ण इस दिव्य अनुभूति का हिस्सा बनें। गौरतलब है कि इससे पूर्व 2 मई को ही केदारनाथ धाम के कपाट भी पूजा-अर्चना के साथ खोले गए जबकि अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए. इस प्रकार चारधाम यात्रा अब विधिवत रूप से प्रारंभ हो गई है और श्रद्धालु अगले छह महीनों तक भगवान केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के दर्शन कर सकेंगे।

इस खास मौके पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया, जो आस्थावानों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बद्रीनाथ मंदिर को 40 क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा है, 25 क्विंटल मंदिर के बाहर और 15 क्विंटल मंदिर के अंदर फूलों से सजाया जा रहा है. सुबह 5:30 बजे से द्वार पूजन शुरू हुआ और ठीक 6 बजे कपाट दर्शनार्थ खोल दिए गए. यह पल भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक था, जब वे श्री हरि बद्री विशाल के दर्शन कर सकेंगे. हर साल की तरह, इस बार भी लाखों श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम पहुंचने की तैयारी में हैं और प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।

बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु बद्री नारायण के रूप में विराजमान हैं. यहां उनकी एक मीटर ऊंची काले पत्थर की स्वयंभू मूर्ति स्थापित है, जिसे आदि शंकराचार्य ने नारद कुंड से निकालकर स्थापित किया था. यह मूर्ति भगवान विष्णु की आठ स्वयं प्रकट प्रतिमाओं में से एक मानी जाती है. मूर्ति को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे भगवान पद्मासन मुद्रा में ध्यानमग्न हैं. उनके दाहिनी ओर कुबेर, लक्ष्मी और नारायण की मूर्तियां भी स्थापित हैं. मंदिर में केवल दीयों की रोशनी दिखाई देती है, जो इस पवित्र स्थल की शांति और आध्यात्मिकता को और बढ़ाती है।

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Manish Negi
Manish Negihttps://chaiprcharcha.in/
Manish Negi एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों जैसे विषयों पर अच्छा ज्ञान है। वे 2 से ज्यादा वर्षों से विभिन्न समाचार चैनलों और पत्रिकाओं के साथ काम कर रहे हैं। उनकी रूचि हमेशा से ही पत्रकारिता और उनके बारे में जानकारी रखने में रही है वे "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल में विभिन्न विषयों पर ताज़ा और विश्वसनीय समाचार प्रदान करते हैं"

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