द्वाराहाट: अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत भांसी में कथित अपहरण की गुत्थी आखिरकार पुलिस और प्रशासन की तत्परता से सुलझ गई। मंगलवार देर शाम से लापता हुआ 26 वर्षीय नीरज कुमार बुधवार को गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर जंगल में सकुशल बरामद कर लिया गया। युवक के सुरक्षित मिलने के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। भांसी निवासी और पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य शंभू राम के पुत्र नीरज कुमार के अचानक लापता होने की सूचना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया था।
नीरज नौबाड़ा क्षेत्र में पिकअप वाहन चलाने का काम करता है। मंगलवार शाम को उसने अपना वाहन नौबाड़ा में खड़ा कर घर लौटने की तैयारी की थी, लेकिन देर रात तक घर नहीं पहुंचा। उसी दौरान ग्रामीणों को किसी व्यक्ति की मदद के लिए चिल्लाने की आवाज सुनाई दी, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि संभवतः किसी जंगली जानवर, खासकर बाघ ने हमला कर दिया हो।घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग, राजस्व प्रशासन और ग्रामीणों की संयुक्त टीम रातभर खोजबीन में जुटी रही, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
बुधवार दोपहर अचानक नीरज के मोबाइल से उसकी बहन और एक अन्य व्यक्ति को फोन आया। फोन पर रोते हुए नीरज ने बताया कि उसे कुछ लोगों ने बंधक बना लिया है। इस सूचना से प्रशासन सतर्क हो गया और तुरंत कार्रवाई शुरू की गई।उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सुनील कुमार और तहसीलदार द्वाराहाट तितिक्षा जोशी के नेतृत्व में संयुक्त टीमें गठित की गईं। टीमों ने न केवल क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान चलाया, बल्कि नीरज के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाकर उसकी लोकेशन ट्रेस की। सर्विलांस ट्रैकिंग के आधार पर देर शाम पुलिस और राजस्व टीम ने नीरज को गांव के समीप सीरा के जंगल से सकुशल बरामद कर लिया।
बरामदगी के बाद प्रशासन ने नीरज की प्रारंभिक काउंसलिंग की और उसे सुरक्षित रूप से परिजनों के सुपुर्द किया। पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन को सतर्क कर दिया क्योंकि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि नीरज ने अपहरण की झूठी कहानी खुद गढ़ी थी। हालांकि उसने ऐसा क्यों किया, इस बारे में वह स्पष्ट जानकारी नहीं दे सका है। प्रशासन ने कहा है कि प्रकरण की सभी परिस्थितियों की गहन जांच की जा रही है।तहसीलदार तितिक्षा जोशी ने बताया कि युवक द्वारा दी गई प्रारंभिक जानकारी में कई विरोधाभास मिले। इसी कारण जब तकनीकी तरीके से जांच की गई तो वास्तविक स्थिति सामने आई। उन्होंने कहा कि नीरज पूरी तरह सुरक्षित है और मानसिक रूप से भी स्थिर प्रतीत हो रहा है, लेकिन आगे की पूछताछ के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि उसने यह नाटक क्यों रचा।
भांसी ग्राम में इस घटना ने लोगों में चिंता और जिज्ञासा दोनों को जन्म दिया है। मंगलवार रात की अफरा-तफरी, जंगल में खोज अभियान और बुधवार को नीरज के सकुशल लौटने के बाद गांव का माहौल सहज हो गया। ग्रामीणों ने प्रशासन, पुलिस और राजस्व टीम की तत्परता की सराहना की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने बिल्कुल समय रहते कार्रवाई की, जिससे घटना का समाधान सुरक्षित और शांतिपूर्वक हो सका।प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, मामले में युवक के व्यवहारिक कारणों और मानसिक स्थिति की भी समीक्षा की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मामले से संबंधित तथ्य सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। कुल मिलाकर, इस घटनाक्रम ने न सिर्फ स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था का परीक्षण किया बल्कि प्रशासनिक सतर्कता का भी उदाहरण प्रस्तुत किया।
