विजय दिवस 2024: आज पूरा देश विजय दिवस मना रहा है। यह दिन 1971 जंग की निर्णायक जीत का प्रतीक है कि कैसे भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दी और ईस्ट पाकिस्तान को जुल्मों से आजादी दिलाई। आज 16 दिसंबर का दिन भारत के साथ-साथ बांग्लादेश के लिए भी खास है। आज ही के दिन बांग्लादेश का जन्म हुआ था। यह दिन भारतीय सशस्त्र बलों के बलिदान को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने इतिहास की सबसे निर्णायक जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ऐसे बना था बांग्लादेश
1971 में भारत ने पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम में बंगाली राष्ट्रवाद ग्रुप का समर्थन करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ी। इस जंग में आखिरकार पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी और बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। बात 1970-71 की है, जब पाकिस्तानी जनरल याह्या खान ने अपनी दमनकारी सैन्य शासन के जरिए पूर्वी पाकिस्तान में आम लोगों का नरसंहार करना चालू कर रखा था। तब शेख मुजीबुर रहमान ने आमजन को लड़ने के लिए प्रेरित किया और मुक्ति वाहिनी सेना बनाई। साथ ही भारत से मदद मांगी। इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को पाकिस्तान के क्रूरता से बचाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारतीय सेना को जंग में जाने की इजाजत दी।
दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल पहुंचे
ढाका में बांग्लादेश के अधिकारियों और भारतीय हाई कमीशन ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल में दोनों देशों के दो-दो अधिकारी शामिल हैं जो ढाका और कोलकाता में समारोह में शामिल होंगे. दोनों ही देशों के अधिकारी रविवार को समारोह में शामिल होने के लिए ढाका और कोलकाता पहुंचे.बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल में मुक्ति जोधा शामिल हैं, जो 1971 के युद्ध के समय पूर्वी पाकिस्तान में गुरिल्ला प्रतिरोध बल का हिस्सा थे और वहां पाकिस्तानी शासन का विरोध कर रहे थे।
दोनों देशों के बीच चल रहा है तनाव
भारत और बांग्लादेश के बीच इन दिनों तनाव देखा जा रहा है. तनाव के बीच भी विजय दिवस समारोह का जश्न मनाया जा रहा है और दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल एक दूसरे के देश पहुंच रहे हैं. बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से ही हिंदू समुदाय पर अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही है. साथ ही हाल ही में इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को भी राजद्रोह के आरोप के चलते हिरासत में लिया गया है, इसी के चलते भारत ने भी बांग्लादेश की आलोचना की है।
बांग्लादेश में जहां एक तरफ लगातार हिंदू समुदाय पर अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने किसी भी तरह की सांप्रदायिक हिंसा के मामले को खारिज कर दिया है. बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है, हिंदू समुदाय देश की आबादी का 8 प्रतिशत हिस्सा है।
1. विजय दिवस किस तारीख को मनाया जाता है?
विजय दिवस 16 दिसंबर को मनाया जाता है, यह दिन 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के अंत के रूप में इतिहास में दर्ज है, 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था, इसके साथ ही बांगलादेश के स्वतंत्रता संग्राम को विजय प्राप्त हुई थी.
2. विजय दिवस क्यों मनाया जाता है?
विजय दिवस 1971 में भारत की पाकिस्तान पर जीत की याद में मनाया जाता है, इस युद्ध के परिणामस्वरूप बांगलादेश का गठन हुआ और पाकिस्तान को अपनी हार स्वीकार करनी पड़ी, भारतीय सेना की वीरता और साहस को सम्मानित करने के लिए यह दिन मनाया जाता है.
3. 1971 का युद्ध किसके बीच हुआ था?
1971 का युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था, यह युद्ध बांगलादेश की स्वतंत्रता के लिए लड़ा गया था, पाकिस्तान के द्वारा बांगलादेश में जारी हिंसा के कारण भारत ने हस्तक्षेप किया और यह युद्ध हुआ, युद्ध के परिणामस्वरूप बांगलादेश स्वतंत्र हुआ और पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा.
4. विजय दिवस कब और कहां मनाया गया था?
विजय दिवस 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के ढाका शहर में मनाया गया था, इस दिन पाकिस्तान की पूर्वी कमान ने भारतीय सेनाओं के सामने आत्मसमर्पण किया था, यह दिन बांगलादेश की स्वतंत्रता और भारतीय सेना की विजय का प्रतीक बन गया.
5. विजय दिवस के दिन क्या विशेष कार्यक्रम होते हैं?
विजय दिवस के दिन भारत में विभिन्न स्थानों पर सैनिकों को सम्मानित किया जाता है, दिल्ली के इंडिया गेट पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है, इसके अलावा, भारतीय सेना और युद्ध नायकों के सम्मान में विशेष कार्यक्रम, झांकियाँ और परेड आयोजित की जाती हैं, यह दिन भारतीय सेना की शौर्य गाथाओं को याद करने का एक अवसर है।
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