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अमेरिकी अदालत ने एक मामले की सुनवाई में कहा गूगल (Google) एकाधिकार का प्रयोग कर रहा

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विदेश । एक अमेरिकी अदालत ने पाया है कि सर्च इंजन दिग्गज गूगल (Google) प्रतिस्पर्धा को कुचलने के लिए बाजार पर अपने प्रभुत्व का अवैध रूप से दोहन करके एकाधिकार (Monopoly) का प्रयोग कर रहा था। इस ऐतिहासिक फ़ैसले में अमेरिका एंटीट्रस्ट, उल्लंघनों को लेकर बड़ी टेक कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए तेज़ी से काम कर रहा है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका बड़ी टेक कंपनियों पर नियंत्रण करने के लिए काम कर रहा है, तथा प्रमुख कंपनियों के खिलाफ कई अन्य मुकदमे भी दायर किए गए हैं।

इस फैसले के बारे में जानकारी :

अमेरिकी जिला न्यायालय के न्यायाधीश अमित मेहता ने अपने फैसले में लिखा, “गवाहों के बयान और साक्ष्य पर ध्यानपूर्वक विचार करने और उनका मूल्यांकन करने के बाद, न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचता है: गूगल एक एकाधिकारवादी है, और उसने अपना एकाधिकार (monopoly)बनाए रखने के लिए एकाधिकारवादी की तरह काम किया है।”

उन्होंने कहा कि गूगल को “अपने प्रतिद्वंद्वियों पर एक बड़ा, काफी हद तक अदृश्य लाभ है: डिफ़ॉल्ट वितरण।”

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फैसले के अनुसार, गूगल “सामान्य खोज सेवाओं के बाजार में 89.2% की हिस्सेदारी रखता है, जो मोबाइल उपकरणों पर बढ़कर 94.9% हो जाती है।”

मेहता ने कहा कि गूगल भी अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल नवाचार (innovation)को रोकने के लिए कर रहा है ।

इस मामले को पिछले 25 सालों में देश का सबसे बड़ा एंटीट्रस्ट टकराव माना जा रहा है। यह तकनीकी दिग्गज कंपनी को अमेरिकी न्याय विभाग के खिलाफ खड़ा करता है।

अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने एक बयान में कहा, “गूगल के खिलाफ यह जीत अमेरिकी लोगों की ऐतिहासिक जीत है।”

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गूगल (Google) ने कहा कि वह इस निर्णय के विरुद्ध अपील करेगा।

“यह निर्णय इस बात को मान्यता देता है कि गूगल (Google) सर्वोत्तम सर्च इंजन है, लेकिन यह निष्कर्ष निकलता है कि हमें इसे आसानी से उपलब्ध कराने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।” गूगल (Google)  के वैश्विक मामलों के अध्यक्ष केंट वॉकर ने तर्क दिया। गूगल (Google) सर्च इंजन, जिसकी स्वामित्व मूल कंपनी अल्फाबेट इंक के पास है, वर्तमान में प्रतिदिन अनुमानित 8.5 बिलियन प्रश्नों का प्रसंस्करण करता है।

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अमेरिका ने बिग टेक पर कसा शिकंजा :

गूगल के खिलाफ यह मामला अमेरिकी सरकार द्वारा दायर पांच प्रमुख मुकदमों में से पहला था, जिस पर सुनवाई होनी है। मेटा(Meta), अमेजन (Amazon) और एप्पल (Apple) के खिलाफ मामले और गूगल (Google) के खिलाफ एक अलग मामले की भी सुनवाई संघीय अदालतों में होनी है।

गूगल (Google) के खिलाफ यह मुकदमा लगभग चार साल पहले, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान दायर किया गया था ।

न्याय विभाग के एंटीट्रस्ट नियामकों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के तहत टेक कंपनियों (Tech Companies) पर लगाम लगाने के प्रयास बढ़ा दिए हैं।

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