चमोली: बदरीनाथ धाम गाडू घड़ा तेलकलश के लिए 25 अप्रैल को नरेंद्र नगर स्थित राजमहल में महारानी के साथ सुहागिन महिलाओं ने तिलों का तेल पिरोया। राजा मनुजयेंद्र शाह तथा महारानी मालाराज्य लक्ष्मी शाह, राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल की उपस्थिति में तेल पिरोने की रस्म पूर्ण की गई। 25 अप्रैल को तेल कलश मंदिर समिति के चेलाचेतराम धर्मशाला ऋषिकेश में रात्रिविश्राम के लिए पहुंचेगा। आपको बता दे कि भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के उपयोग में लाया जाने वाला तिल का तेल 25 अप्रैल को नरेंद्रनगर राजदरबार में पिरोया जाएगा और यह तेल गाड़ू घड़ा में डाला जाएगा। इसी के साथ गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा नरेंद्रनगर राजदरबार से रवाना होगी और शाम को ऋषिकेश पहुंच जाएगी। इसके बाद 12 मई को सुबह छह बजे बदरीनाथ धाम के कपाट विधि-विधान से तीर्थयात्रियों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
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सात मई तक गाडूघड़ा तेल कलश लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा। 8 को यात्रा सिमली, कर्णप्रयाग होते हुए पाखी गांव पहुंचेगी। 9 को नृसिंह मंदिर जोशीमठ और 10 को यात्रा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी), धर्माधिकारी व वेदपाठियों के साथ रात्रि प्रवास के लिए योगध्यान मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी। 11 को महाभिषेक व बाल भोग के बाद यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंचेगी और 12 मई को विधि-विधान के साथ कपाट खोल दिए जाएंगे।
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