नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. शहर का औसत एक्यूआई (AQI) 430 के आसपास है. वहीं कई इलाकों में यह 500 के करीब पहुंच चुका है, जिससे दिल्ली एक गैस चेंबर में तब्दील हो गई है. प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए विभिन्न उपाय और रोक के बावजूद दिवाली के बाद से इसमें कोई कमी नहीं आई है. इससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है. धुंध और प्रदूषण की मोटी चादर हर तरफ फैली हुई है। इस पर काबू करने के लिए सीएक्यूएम ने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-3) लागू करने की घोषणा कर दी गई है। राजधानी समेत पूरे एनसीआर में 15 नवंबर से इसे लागू किया जाएगा।
ग्रैप के कितने फेज?
– ग्रैप-1 तब लगाया जाता है जब AQI 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है।
– ग्रैप-2 को लागू तब किया जाता है जब AQI 301 से 400 तक पहुंच जाता है।
– हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (AQI 401 से 450) पर ग्रैप-3 लगाया जाता है।
– AQI 450 से ज्यादा होने पर ग्रैप-4 लागू किया जाता है।
ग्रैप-3 में इन चीजों पर रोक
– दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल से चलने वाले वाहन, बीएस 3 या इससे नीचे के मानक वाले MGV पर रोक।
– एनसीआर में निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर कड़ा प्रतिबंध रहता है।
– खनन से जुड़ी गतिविधियों पर रोक होती है।
– प्रमुख सड़कों पर प्रतिदिन पानी का छिड़काव।
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400 मीटर तक पहुंच गई दृश्यता
दिल्ली में बुधवार सुबह घना धुंध छाने से दृश्यता बहुत कम हो गई। दोपहर तक इसमें सुधार हुआ। सफदरजंग जैसे इलाकों में दृश्यता 400 मीटर तक पहुंच गई। पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में दोपहर तक दृश्यता कम रहने की संभावना है। दिल्ली में लोग दिन के समय कारों की लाइट जलाकर सफर करते नजर आए।
दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने धुंध को लेकर एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया, “कैट III मानकों का खड़ा नहीं उतरने वाली फ्लाइट कोहरे के कारण प्रभावित होंगी। दिल्ली हवाई अड्डे पर लैंडिंग और टेक-ऑफ जारी है। यात्रियों से अनुरोध है कि वे फ्लाइट की अपडेट स्थिति जानने के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क में रहें। किसी भी असुविधा के लिए हमें गहरा खेद है।”
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