Author: Hemant Upadhyay

Hemant Upadhyay एक शिक्षक हैं जिनके पास 8 से अधिक वर्षों का अनुभव है। साहित्य के प्रति उनका गहरा लगाव हमेशा से ही रहा है, वे कवियों की जीवनी और उनके लेखन का अध्ययन करने में रुचि रखते है।, "चाय पर चर्चा" नामक पोर्टल के माध्यम से वे समाज और साहित्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं और इन मुद्दों के बारे में लिखते हैं ।

कुंभ मेला: विश्व का सबसे बड़ा और पवित्रतम धार्मिक आयोजन कुंभ मेला, भारत का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन, विश्वभर में अपने अद्वितीय महत्व के लिए जाना जाता है। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। कुंभ मेला हर बारह साल में चार पवित्र स्थानों—हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन और नासिक—पर आयोजित होता है। यह आयोजन न केवल भारत के धार्मिक इतिहास को सहेजता है, बल्कि इसे एक वैश्विक पहचान भी प्रदान करता है। कुंभ मेले का इतिहास: अमृत की खोज से कुम्भ तक कुंभ मेले का इतिहास पौराणिक है। यह…

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रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनिया इस बहकती हुई दुनिया को सँभालो यारो। कैसे आकाश में सुराख़ हो नहीं सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो।। प्रेमी प्रेमिकाओं के प्यार भरे नगमे जिन गजलों की नीव हुआ करते थे। जो गजलें मयखानों की शामें रंगीन किया करती थी।जिन गजलों मे प्रेमिकाओं के जुल्फों की बातें कही जाती थी, वह गजलें अचानक से इंकलाब उगलती हुई चौक चौराहों तक पहुंच गई। उन गजलों की नींव को ही बदल कर रख दिया एक ऐसे कवि और गजल सम्राट दुष्यंत कुमार ने। दुष्यंत कुमार ने गजलों की परिभाषा ही बदल दी,…

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मकर संक्रांति एक ऐसा पर्व जो समूचे भारत में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में इसे मकर संक्रान्ति के रूप मे मनाया जाता है वहीं तमिलनाडु मे इसे ताइ पोंगल, असम मे बिहू, कर्नाटक मे मकर संक्रमण, जम्मू मे माघी संगरांद, बिहार और उत्तरप्रदेश मे खिचड़ी एवं उत्तराखंड मे इसे उत्तरैणी और घुघुतिया त्योहार के रूप मे भी मनाया जाता है। मकर संक्रांति 2025 की तिथि और महत्व हिन्दू पंचांग के अनुसार आने वाले नूतन आंग्ल नव वर्ष 2025 में हिंदू पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन…

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एक सशक्त राजनेता,एक संवेदनशील कवि, और विराट व्यक्तित्व वाले वह महानायक, जिन्होंने अपने अद्भुत नेतृत्व से पूरी दुनिया को दिखाई थी भारत की ताकत,उन्हीं महापुरुष पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वी जयंती पर उन्हें हम नमन करते हैं। इस बार 25 दिसंबर 2024 को भारत के यशस्वी पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म शताब्दी वर्ष है। ये भारत माँ के एक ऐसे सच्चे सपूत हैं जिनका जीवन आज भी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है। अटल बिहारी वाजपेयी: जीवन परिचय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म 25 दिसम्बर 1924…

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राष्ट्रीय गणित दिवस 2024: गणितीय प्रतिभा का उत्सव राष्ट्रीय गणित दिवस हर साल 22 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के रूप में समर्पित है। उनकी अद्वितीय प्रतिभा और गणित में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए, भारत सरकार ने 2012 में इस दिन को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में घोषित किया। यह दिन न केवल रामानुजन के योगदान को याद करता है, बल्कि गणित के महत्व को बढ़ावा देने और छात्रों को इस क्षेत्र में प्रेरित करने का अवसर भी प्रदान करता है। राष्ट्रीय गणित दिवस का इतिहास…

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18 दिसम्बर को साहित्य अकादमी ने 21 भाषाओं के रचनाकारों को वर्ष 2023-24 का, प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की है। जिसमें हिन्दी के लिए प्रख्यात कवयित्री “गगन गिल” को उनके कविता संग्रह ‘मैं जब तक आई बाहर’ के साहित्य अकादमी पुरस्कार देने का ऐलान किया है। कौन है गगन गिल (gagan gill)? – सुपरिचित कवयित्री गगन गिल का जन्म 19 नवंबर 1959 को नई दिल्ली में हुआ। 1983 में प्रकाशित उनके पहले काव्य-संग्रह ‘एक दिन लौटेगी लड़की’ और 1984 में भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से वह चर्चा में आईं। उन्हें (1984) मे ‘भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार ’ , (1989)…

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क्या कहा आज जन्मदिन है मेरा जौन तो यार मर गया कब का जीवनी: जॉन एलिया का सफर उर्दू के एक महान शायर जॉन एलिया, जिनका जन्म 14 दिसंबर 1931 को अरोहा उत्तरप्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम अल्लामा शफ़ीक़ हसन एलियाह था जो एक शायर और कवि तो थे ही उसके आलावा उनका कला और साहित्य से भी गहरा जुड़ाव था। बचपन से साहित्यिक माहौल में पलना जॉन एलिया के लिए ये एक उपहार से कम नहीं था इसी माहौल की बदौलत उन्होंने अपनी पहली उर्दू कविता 8 वर्ष की उम्र मे लिखी। नौजवानी में उनका झुकाव…

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34 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष (Atul Subhash) की आत्महत्या ने भारतीय न्याय व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दहेज प्रताड़ना और झूठे आरोपों के तहत कानूनी लड़ाई से टूट चुके अतुल ने 9 दिसंबर 2024 को अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। उनके सुसाइड नोट और वीडियो में उन्होंने सिस्टम की खामियों और अपने ऊपर हुए अन्याय का जिक्र किया, जिसमें झूठे मुकदमों, कोर्ट के चक्कर और मानसिक उत्पीड़न ने उन्हें मौत को गले लगाने पर मजबूर कर दिया। उनकी यह घटना न केवल व्यक्तिगत पीड़ा को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है…

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हरिवंश राय बच्चन: हिंदी साहित्य के एक अनमोल सितारे हिन्दी साहित्य मे शब्द रूपी हाला को काव्य रूपी प्याले मे डालकर साहित्य के रसिकों को काव्य रस चखाने वाले हिंदी के महानतम कवि डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने अपनी कविताओं से जो नशा उस समय अपने पाठकों के ऊपर बिखेरा था वो आज भी साहित्य मे रूचि रखने वाले हर पाठक के ऊपर चढ़ा है। आज हम उसी साहित्य के नशे को बरकरार रखते हुए हिंदी काव्य में “हालावाद” के प्रवर्तक हरिवंश राय बच्चन जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन करते हैं। आज हम उनकी कुछ प्रमुख कविताओं…

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पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की संक्षिप्त जीवनी- पंडित जवाहरलाल नेहरू (चाचा नेहरू) जी का जन्म 14 नवम्बर 1889 प्रयागराज मे हुआ था। जो मूलतः एक कश्मीरी पंडित समुदाय से थे, इन्हें पंडित नेहरू के नाम से भी जाना जाता था।उनके पिता, मोतीलाल नेहरू एक धनी बैरिस्टर थे और इनकी माता जी का नाम स्वरूपरानी थुस्सू था जो मोतीलाल नेहरू की दूसरी पत्नी थी।जवाहरलाल नेहरू जी की दो छोटी बहन थी वह अपने घर में सबसे बड़े थे।उनकी बहन विजया लक्ष्मी संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी। जवाहरलाल नेहरू ने 1912 में विदेश से भारत लौटकर अपनी वकालत शुरू…

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