Author: Hemant Upadhyay

Hemant Upadhyay एक शिक्षक हैं जिनके पास 8 से अधिक वर्षों का अनुभव है। साहित्य के प्रति उनका गहरा लगाव हमेशा से ही रहा है, वे कवियों की जीवनी और उनके लेखन का अध्ययन करने में रुचि रखते है।, "चाय पर चर्चा" नामक पोर्टल के माध्यम से वे समाज और साहित्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं और इन मुद्दों के बारे में लिखते हैं ।

उत्तराखंड सिर्फ देवभूमि ही नहीं बल्कि वीरों की भी भूमि रही है इस भूमि पर अनेक ऐसे वीर पैदा हुए हैं जिन्होंने इस धरा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। आजादी के पहले से लेकर आज तक यह भूमि अनेक वीरों को जन्म देती आई है और उन वीरों  के शौर्य की गाथाएँ आज भी सम्पूर्ण देश मे बताई जाती है ऐसे ही एक देशभक्त और स्वतंत्रता सेनानी हुए हैं “वीर केसरी चंद”। वीर केसरी चंद्र उत्तराखंड के जौनसार-बावर क्षेत्र ‘वर्तमान समय के  देहरादून’ ज़िले के एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने आज़ाद हिंद फौज में शामिल होकर देश…

Read More

परीक्षा से पहले आप को क्या करना चाहिए ये बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है परीक्षा से पहले परीक्षार्थी की मनोस्थिति ऐसी होती है जैसे चक्रव्यूह मे फसे योद्धा की। उसे अपनी तैयारी की ऊपर भी संदेह होने लगता है,चाहे उसकी तैयारी अपने विषय मे पूर्ण हो। उसे लगता है कि उसने उतना नहीं पढ़ा जितना परीक्षा मे आ सकता है।यह संदेह की स्थिति उसके मन मे उत्पन्न होती रहती है और जैसे ही परीक्षा का समय आता है वह घबराहट मे पढ़ी हुई चीजें भी भूलने लगता है। परीक्षा के कुछ दिन पहले आप इन उपायों को कर के तैयारी…

Read More

उत्तराखंड मे भू क़ानून बनाने के लिए लोगों द्वारा अत्यधिक संघर्ष चल रहा है जो अभी कुछ वर्षों से चर्चा का केंद्र बना हुआ है। उत्तराखंड में भू-कानून  एक महत्वपूर्ण विषय है, यह कानून प्रदेश में भूमि की खरीद-फरोख्त, बाहरी निवेश और स्थानीय लोगों के भूमि अधिकारों से जुड़ा हुआ है। ज्यादातर लोग इसे राज्य के विकास के लिए जरूरी मानते हैं, जबकि कुछ नासमझ इसे स्थानीय लोगों के हितों के खिलाफ समझते हैं। यह विषय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पहाड़ी राज्य होने के कारण उत्तराखंड की भौगोलिक और सांस्कृतिक संरचना बाहरी निवेश और अनियंत्रित भूमि खरीद से प्रभावित हो…

Read More

जयशंकर प्रसाद परिचय: हिंदी साहित्य के अनमोल रत्न हिंदी साहित्य के इतिहास में जयशंकर प्रसाद का नाम एक ऐसे अनमोल रत्न के रूप में विद्यमान है, जिन्होंने अपनी लेखनी से न केवल हिंदी साहित्य को समृद्ध किया, बल्कि भारतीय संस्कृति और दर्शन को भी नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। प्रसाद जी हिंदी साहित्य के आधुनिक काल मे छायावाद युग के प्रवर्तक और प्रमुख स्तंभ थे। उनकी रचनाओं ने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी। उनका जीवन और साहित्यिक योगदान आज भी पाठकों और विद्वानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि जयशंकर प्रसाद का जन्म 30…

Read More

Republic Day 2025: इतिहास, महत्व और उत्सव Republic Day 2025 भारत का 76 वां गणतंत्र दिवस है, जिसे 26 जनवरी को पूरे देश में गर्व और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। यह दिन हमारे संविधान को अपनाने और भारत के गणराज्य बनने की याद दिलाता है। 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ और भारत ने खुद को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया। गणतंत्र दिवस का जश्न न केवल हमारे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को सम्मानित करने का दिन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विविधता, सैन्य शक्ति और नागरिकों की भागीदारी का प्रतीक भी…

Read More

पश्चिमी संस्कृति का हमारे समाज पर व्यापक प्रभाव वर्तमान युग में, जब दुनिया तेजी से एक “वैश्विक ग्राम ” (ग्लोबल विलेज) के रूप मे परिवर्तित हो रही है तब पश्चिमी संस्कृति ने हमारे जीवन के लगभग हर पहलू को प्रभावित किया है। यह प्रभाव हमारे रहन-सहन, सोचने के तरीके, मूल्यों और सामाजिक संरचनाओं में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। आज, भारत जैसे प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर वाले देश में भी पश्चिमी जीवनशैली का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। हम यह देखते हैं कि युवा पीढ़ी अपनी पारंपरिक जड़ों से अलग हो रही है और आधुनिकता की ओर आकर्षित…

Read More

परीक्षा तनाव का कारण और समाधान आजकल बच्चों में परीक्षा का डर, तनाव और आत्मविश्वास मे कमी एक आम समस्या बन गई है। जैसे-जैसे परीक्षा का समय नजदीक आता है, बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ने लगता है। यह न केवल उनके अध्ययन पर असर डालता है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और प्रदर्शन को भी कमजोर कर सकता है। आज हमारे इस लेख में आप परीक्षा तनाव को समझेंगे, इसके कारणो को जानेंगे, और इससे निपटने के लिए प्रभावी उपायों पर चर्चा करेंगे। परीक्षा तनाव क्या है? परीक्षा आने से कुछ समय पहले हमारे अंदर घबराहट, बेचैनी…

Read More

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व (युवा शक्ति को समर्पित एक प्रेरणा) भारत के आध्यात्मिक और बौद्धिक पुनर्जागरण के ताने-बाने में, स्वामी विवेकानंद एक उज्ज्वल दीपक के रूप में विद्यमान हैं उनका जीवन युवा पीढ़ियों के लिए पथ पारदर्शित करने का कार्य करता है हैं।स्वामी विवेकानंद जी एक ऐसे महापुरुष और योगी, जिनका नाम सुनते ही भारतीय युवाओं के मन में प्रेरणा और आत्मविश्वास का एक अनोखा संचार होता है, उनके विचार और उनकी शिक्षाएँ आज भी हमारी ऊर्जा का स्रोत हैं। उनके जन्मदिवस को हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता…

Read More

विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी: हिंदी भाषा के महत्व का उत्सव  विश्व हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य यह है कि हिंदी भाषा के महत्व को बढ़ावा मिले और यह हिंदी भाषा को वैश्विक मंच पर सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। विश्व हिंदी दिवस विशेष रूप से हिंदी भाषा की समृद्धि और वैश्विक स्तर पर हमारी मातृभाषा के लिए समर्पित है। इस दिन के माध्यम से हम हिंदी भाषा की शक्ति, उसकी साहित्यिक समृद्धि व संस्कृति और दुनिया भर में इसके वर्चस्व को पहचानते हैं। हिंदी न केवल हमारी मातृभाषा है…

Read More

अप्राप्यं नाम नेहास्ति धीरस्य व्यवसायिनः। अर्थात -जिस व्यक्ति में साहस और लगन है उसके लिए कुछ भी अप्राप्य नहीं है। परीक्षा की तैयारी: सफलता का मूलमंत्र परीक्षा का समय हर विद्यार्थी के लिए एक चुनौतीपूर्ण दौर होता है। यह वह समय है जब सही रणनीति और मेहनत के साथ अपनी क्षमताओं का सर्वोत्तम प्रदर्शन किया जा सकता है। हालांकि, परीक्षा की तैयारी के लिए केवल किताबें पढ़ना ही काफी नहीं है, बल्कि सही योजना और अनुशासन भी आवश्यक हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि परीक्षा की तैयारी कैसे करें और अपनी पढ़ाई को प्रभावी और परिणामोन्मुख कैसे बनाएं। किसी…

Read More