रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के हिमालयों में स्थित चार धाम, पंच केदार और पंच बद्री के कपाटों को शीतकाल के लिए बंद किए जाने का सिलसिला शनिवार से शुरू हो गया है. उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर को 12.14 पर बंद कर दिए गए थे. वहीं केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट आज यानी 3 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद सेना की बैंड धुनों के साथ बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने धाम से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान कर दिया है। बाबा केदार की डोली पहले रात्रि प्रवास पर रामपुर पहुंचेगी।
8.30 बजे बंद हुए मंदिर के कपाट
प्रातः पांच बजे से बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। बीकेटीसी के आचार्य, वेदपाठियों, पुजारीगणों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा की। स्वयंभू शिवलिंग को भस्म, स्थानीय पुष्पों बेल पत्र आदि से समाधि रूप दिया गया। प्रातः 08:30 बजे बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाया गया इसके बाद श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए।
कपाट बंद होने के साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली ने अपने पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया। हजारों श्रद्धालु बाबा की पंचमुखी डोली के साथ पैदल ही रवाना हुए। श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह भंडारे आयोजित किये गये थे। आज केदारनाथ में मौसम साफ रहा। आस-पास बर्फ होने से सर्द बयारें भी चलती रही लेकिन श्रद्धालुओं में भारी उत्साह रहा।
आज बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाट
यमुनोत्री धाम के कपाट आज भैयादूज के पर्व पर दोपहर 12:05 बजे बंद किए जाएंगे। शीतकाल में यमुना जी की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान रहेगी। जहां श्रद्धालु उनके दर्शन व पूजन कर सकेंगे।
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