देहरादून, 20 जून 2025: उत्तराखंड शासन ने आज एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल के तहत 33 IAS अधिकारियों का तबादला कर दिया है। कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग-01 द्वारा जारी इस आदेश में कई वरिष्ठ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जबकि कई जिलों को नए जिलाधिकारी मिले हैं।
इस फेरबदल का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना और विभिन्न विभागों में नई ऊर्जा लाना है।
प्रमुख नियुक्तियाँ और परिवर्तन:
- श्री आनन्द वर्द्धन (IAS-1992) को जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव के प्रभार से मुक्त किया गया है।
- श्री विनीत कुमार (IAS-2003) को पर्यटन एवं धर्मस्व का सचिव बनाया गया है, साथ ही उन्हें चारधाम परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की जिम्मेदारी भी दी गई है।
- श्री दीपक रावत (IAS-2003) अब सहकारिता सचिव की भूमिका निभाएंगे, जबकि श्री बीवीआरसी पुरुषोत्तम (IAS-2004) को भी सहकारिता का प्रभार दिया गया है।
- श्रम, समाज कल्याण और अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव के रूप में डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय (IAS-2005) की नियुक्ति हुई है।
- श्री चन्द्र कुमार यादव (IAS-2006) को आयुक्त खाद्य, निदेशक खाद्य सुरक्षा और उत्तराखण्ड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (USDA) के निदेशक का प्रभार सौंपा गया है।
- डॉ. आर. राजेश कुमार (IAS-2007) को सिंचाई सचिव बनाया गया है।
- पर्यटन विभाग के सचिव और पर्यटन परिषद के अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी श्री धीराज सिंह गब्र्याल (IAS-2009) को मिली है।
- तीन जिलों को नए जिलाधिकारी मिले हैं:
- श्री नवीन पाण्डे (IAS-2015) रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी होंगे।
- श्री सौरभ गहरोला (IAS-2016) को सिडकुल, रुड़की का जिलाधिकारी बनाया गया है।
- श्री मयूर दीक्षित (IAS-2016) उत्तरकाशी के जिलाधिकारी का पदभार संभालेंगे।
- श्री अभिषेक त्रिपाठी (IAS-2015) को विद्यालयी शिक्षा और पर्यटन का अपर सचिव नियुक्त किया गया है।
- सुश्री दीप्ति सिंह (IAS-2017) देहरादून में शिक्षा महानिदेशक का कार्यभार संभालेंगी।
- श्री प्रतीक जैन (IAS-2018) को सिडकुल के प्रबन्ध निदेशक और उद्योग, उत्तराखण्ड के महानिदेशक की दोहरी जिम्मेदारी दी गई है।
- श्री मनीष कुमार (IAS-2018) ऊधमसिंहनगर के मुख्य विकास अधिकारी बनाए गए हैं, जबकि श्री वैभव शास्त्री (IAS-2020) अल्मोड़ा के मुख्य विकास अधिकारी होंगे।
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इस बड़े फेरबदल से उत्तराखंड के प्रशासनिक ढांचे में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे, जिसका सीधा असर राज्य के विभिन्न विकास कार्यों और जनसेवाओं पर पड़ने की उम्मीद है। शासन का मानना है कि यह कदम विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार लाएगा और विकासात्मक परियोजनाओं को गति देगा।