देहरादून: उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में बिजली 5.62 प्रतिशत महंगी हुई है। अप्रैल से नई दरें लागू होंगी। वहीं प्रदेश के 4.64 लाख बीपीएल उपभोक्ताओं की बिजली 10 पैसे प्रति यूनिट महंगी। उत्तराखंड के 27 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को एक बार फिर झटका लगा है। प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2025- 26 के लिए विद्युत नियामक आयोग ने 5.62 प्रतिशत बढ़ोतरी स्वीकृत की है। जिससे आम उपभोक्ता पर प्रति यूनिट 15 पैसे के लगभग वृद्धि हो जाएगी।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रिटेल टैरिफ के मुख्य बिंंदु
आयोग ने टैरिफ में मात्र 5.62 प्रतिशत की वृद्धि की है। जबकि यूपीसीएल द्वारा लगभग 12.01 प्रतिशत की टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया था। यूपीसीएल ने सभी बिजली कम्पनियों द्वारा प्रस्तावित संकलित वृद्धि लभगग 29.23 प्रतिशत प्रस्तावित की थी। बिजली दरों में बढ़ोतरी से यूपीसीएल 27.09 करोड़ रुपयों के अधिशेष के साथ संपूर्ण स्वीकृत एआरआर की वसूली करने में सक्षम होगा। आयोग द्वारा इस अधिशेष को आपातकालीन परिस्थितियों में बिजली खरीद की अंतर लागत को पूरा करने के लिए रखा है।
आयोग द्वारा विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ताओं हेतु टैरिफ को पुनर्निधारित करते समय यह प्रयास किया गया कि सभी श्रेणियों में कास-सब्सिडी को कम किया जा सके। आयोग ने सभी उपभोक्ता श्रेणियों (आरटीएस-फोर ए, कृषि संबद्ध गतिविधियों को छोड़कर) में मौजूदा डिमांड चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया है। बीपीएल उपभोक्ताओं (लगभग 4.64 लाख उपभोक्ता) के टैरिफ में मामूली 10 पैसा/केडब्ल्यूएच की वृद्धि की है।
स्नोबाउंड घरेलू मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा प्रभार में 10 पैसे की मामूली वृद्धि, 1 किलोवाट तक उपभोग करने वाले स्नोबाउंड गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 पैसे की वृद्धि, 1 किलोवाट से अधिक 4 किलोवाट तक उपभोग करने वाले स्नोबाउंड गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 15 पैसे की वृद्धि तथा 4 किलोवाट से अधिक उपभोग करने वाले स्नोबाउंड गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 20 पैसे की वृद्धि की गयी है।
आयोग द्वारा 100 यूनिट / माह तक उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा प्रभार में 25 पैसे की वृद्धि, 101 से 200 यूनिट/गाह तक उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 35 पैसे की वृद्धि, 201 से 400 यूनिट / माह और 400 यूनिट / माह से अधिक उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 45 पैसे की वृद्धि तथा एकल बिन्दु थोक आपूर्ति उपभोक्ताओं के लिए 50 पैसे प्रति केवीएएच की वृद्धि की गयी।
राष्ट्रीय टैरिफ नीति में निर्दिष्ट क्रॉस सब्सिडी को +/- 20 प्रतिशत के भीतर रखने के लिए घरेलू श्रेणी के लिए टैरिफ में वृद्धि आवश्यक थी।
यह भी पढ़े : उत्तराखण्ड को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने का संकल्प: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी