अहमदाबाद बना भारत का सबसे स्वच्छ उभरता शहर: स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में मिली बड़ी उपलब्धि!
अहमदाबाद: स्वच्छता के क्षेत्र में अहमदाबाद ने एक बड़ी छलांग लगाई है! स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में, अहमदाबाद को 10 लाख से ज़्यादा आबादी वाले शहरों की श्रेणी में भारत का सबसे स्वच्छ उभरता शहर घोषित किया गया है। यह सम्मान गुरुवार को विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया गया।
अहमदाबाद के साथ-साथ, भोपाल और लखनऊ ने भी इसी श्रेणी में क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है, जो शहरी स्वच्छता में नए अग्रणी शहरों के रूप में उभरे हैं। वहीं, इंदौर, सूरत और नवी मुंबई जैसे शहर “सुपर स्वच्छ लीग” के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गए हैं।
अहमदाबाद की ऐतिहासिक सफलता
- शहर ने पिछले वर्षों में ठोस कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में जो मेहनत की, उसका नतीजा अब साफ दिख रहा है।
- अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने तकनीक आधारित रणनीति अपनाई है।
- अगस्त 2024 से अब तक, 25 लाख संपत्तियों से रोज़ाना डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण किया जा रहा है।
- इसमें 1,850 GPS-सक्षम वाहन और 9,000 सफाई कर्मचारी शामिल हैं।
AMC के ठोस कचरा प्रबंधन निदेशक विजय मिस्त्री ने बताया कि शहर में मैकेनिकल रोड स्वीपर्स और 43,000 पॉइंट्स ऑफ इंटरेस्ट (POIs) की सफाई मैपिंग ने अहम भूमिका निभाई है।
पीराना डंपसाइट का कायाकल्प और जनभागीदारी
शहर की सबसे बड़ी पर्यावरणीय जीतों में से एक पीराना डंपसाइट का परिवर्तन रहा है। विजय मिस्त्री ने बताया कि AMC ने पुराने कचरे का उपचार कर उसे कचरा-व्युत्पन्न ईंधन और निर्माण सामग्री में बदल दिया है। नागरिकों ने भी इस सफलता में अहम भूमिका निभाई है।
‘कम करें, दोबारा इस्तेमाल करें, रीसायकल करें’ (Reduce, Reuse, Recycle) और ‘मेरी थैली’ अभियानों ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पड़ोस में स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया है। कचरा फैलाने और नियमों का पालन न करने वालों पर भी सख्त निगरानी रखी गई है।
नगर आयुक्त बंचा निधि पाणि ने इस राष्ट्रीय पहचान का श्रेय पूर्व आयुक्त एम थेनारसन द्वारा रखी गई मजबूत नींव को दिया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ AMC की जीत नहीं है, बल्कि हर उस नागरिक की जीत है जिसने शहर की स्वच्छता यात्रा में भाग लिया।”
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मध्य प्रदेश का भी रहा शानदार प्रदर्शन
इस बीच, मध्य प्रदेश ने भी स्वच्छता सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। भोपाल ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में दूसरा स्थान प्राप्त किया। वहीं, मध्य प्रदेश के अन्य शहरों ने भी जबरदस्त प्रदर्शन किया:
- देवास (50,000–3 लाख आबादी) – पहला स्थान
- शाहगंज (20,000 से कम आबादी) – तीसरा स्थान
- उज्जैन – ‘सुपर स्वच्छ लीग’ में चौथा स्थान
- बुधनी – छोटे शहरों में पाँचवाँ स्थान
- जबलपुर – ‘सुरक्षित सफाईमित्र शहर’ घोषित
ग्वालियर को ‘प्रॉमिसिंग स्वच्छ शहर’ का खिताब मिला। जबलपुर को ‘स्वच्छ महाकुंभ 2025’ में विशेष पहल के लिए भी सम्मानित किया गया। जबलपुर को ‘सर्वश्रेष्ठ सफाईमित्र सुरक्षित शहर’ घोषित किया गया, साथ ही उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और आंध्र प्रदेश के ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम को स्वच्छता कर्मियों की सुरक्षा और गरिमा के प्रति उनकी उत्कृष्ट प्रतिबद्धता के लिए सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव, जो वर्तमान में एक आधिकारिक यात्रा पर स्पेन में हैं, ने राज्य भर के नागरिकों, अधिकारियों और स्वच्छता कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने कहा:
मुझे खुशी है कि मध्य प्रदेश हमेशा की तरह एक बार फिर शीर्ष पर रहा है और विभिन्न श्रेणियों में स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त करना यह साबित करता है कि मध्य प्रदेश अब देश में स्वच्छता का अग्रणी बन गया है। मैं इस सफलता के लिए राज्य के स्थानीय निकायों के सभी नागरिकों, विशेष रूप से स्वच्छता कर्मियों, जन प्रतिनिधियों और संबंधित अधिकारियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रशंसा की, जिन्होंने शहरों को स्वच्छता में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर दिया है।
राज्य सरकार के अनुसार:
- इस साल 203 शहरों को स्टार रेटिंग मिली, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12% अधिक है।
- भोपाल, इंदौर और जबलपुर को 7-स्टार रैंक
- देवास, रीवा और सतना को 5-स्टार रैंक
- 36 शहरों को 3-स्टार और 161 शहरों को 1-स्टार रैंक प्राप्त हुआ।
निष्कर्ष
स्वच्छ भारत मिशन अब सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बन चुका है। अहमदाबाद, भोपाल और जबलपुर जैसे शहरों ने दिखा दिया है कि जब सरकार, तकनीक और जनता साथ आएं, तो कोई भी शहर स्वच्छता की मिसाल बन सकता है।