नई दिल्ली: भारत ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल तकनीक के साथ घरेलू स्तर पर विकसित अग्नि-V मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस मिशन को दिव्यास्त्र नाम दिया गया और ये परीक्षण ओडिशा स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आईलैंड पर किया गया। भारत के लिए ये परीक्षण एक अहम सफलता है। वहीं भारत से हथियारों की होड़ करने की कोशिश करते दिखने वाला पाकिस्तान तीन साल पहले इसी तरह की मिसाइल के टेस्ट में फेल हो चुका है। पाकिस्तान ने 2.750 किमी शाहीन III मिसाइल का उपयोग करके मल्टीपल इंडिपेंडेंट टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक विकसित करने का प्रयास किया था, जिसमें वारहेड दो किलोमीटर की दूरी तक जमीन पर मार करता था। डीआरडीओ के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार इसके टेस्ट में पाकिस्तान पूरी तरह से फेल रहा।
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आपको बता दे की अग्नि-5 का वजन 50 हजार किलोग्राम है अग्नि-5 एक आईसीबीएम (भारतीय अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल) है। इसका मतलब यह है कि यह दूसरे महाद्वीप में जाकर हमला कर सकता है. अग्नि पंच को ट्रक पर लगे कनस्तर प्रणाली से लॉन्च किया गया है। यह मिसाइल 17.5 मीटर लंबी है और इसका व्यास 2 मीटर है। लॉन्च के वक्त इसका वजन करीब 50 हजार किलोग्राम है। अग्नि 5 एक साथ कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता रखता है। इस तरह की क्षमता वाली मिसाइलें केवल भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन के पास हैं। अग्नि 5 1-10 परमाणु हथियार ले जा सकता है। ये परमाणु हथियार एक-दूसरे से सैकड़ों किलोमीटर दूर तक गिराए जा सकते हैं.
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अग्नि-5 को हवा में मार गिराना मुश्किल है जी हां आपने सही सुना अग्नि-V अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते समय रास्ता बदल सकती है, जिससे इसे हवा में मार गिराना मुश्किल हो जाता है। लॉन्च होने पर, यह सबसे पहले ऊपर की ओर उठता है और पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलता है। इसके बाद लक्ष्य की ओर बढ़ता है. जैसे-जैसे यह निकट आता है यह पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश कर जाता है। इस समय मिसाइल की सतह का तापमान 4,000 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक हो जाता है. मिसाइल की स्वदेश में विकसित हीट शील्ड आंतरिक उपकरणों की सुरक्षा करती है। अंदर का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है।
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