11.9 C
Uttarakhand
Saturday, April 12, 2025

अब भूकंप से पहले मिलेगा अलर्ट, उत्तराखंड में ‘BhuDev App’ से सुरक्षा बढ़ी

देहरादून। उत्तराखंड सरकार और IIT रुड़की ने मिलकर ‘भूदेव ऐप’ (BhuDev App) नामक एक अत्याधुनिक तकनीकी समाधान विकसित किया है, जो भूकंप आने से पहले 15 से 30 सेकंड पूर्व अलर्ट भेजेगा। यह ऐप राज्य के नागरिकों को समय रहते सतर्क होने और सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का अवसर प्रदान करेगा।

भूदेव ऐप

भूदेव ऐप उत्तराखंड, भारत के एक हिमालयी राज्य से उत्पन्न होने वाले नुकसानकारी भूकंपों की पूर्व चेतावनी प्रदान करता है। यह ऐप भूकंप की पूर्व चेतावनियाँ उपयोगकर्ताओं तक पहुँचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि उपयोगकर्ता भूकंप की हानिकारक तरंगों से बच सकें। ऐप इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से चेतावनियाँ प्राप्त करता है, इसलिए उपयोगकर्ताओं से अनुरोध है कि वे हमेशा इंटरनेट से जुड़े रहें। ऐप केवल भूकंप सूचना के दौरान डेटा का उपयोग करता है।

169 सेंसर और 112 सायरन से जुड़ा है सिस्टम

राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 169 सेंसर और 112 सायरन लगाए गए हैं, जो भूकंप की शुरुआती (प्राइमरी) तरंगों को पकड़कर चेतावनी जारी करते हैं। जैसे ही सेंसर इन तरंगों को पहचानते हैं, ऐप और सायरन सिस्टम के ज़रिए तत्काल अलर्ट भेजा जाता है।

कैसे करता है काम ‘भूदेव ऐप’?

IIT रुड़की के भूविज्ञान केंद्र और आपदा जोखिम न्यूनीकरण विभाग ने इस ऐप को खासतौर पर उत्तराखंड के लिए डिज़ाइन किया है। जब भूकंप आता है, तो दो प्रकार की तरंगें निकलती हैं:

  • प्राइमरी वेव (P-Wave) – यह सबसे पहले आती है, तेज होती है, लेकिन नुकसान नहीं पहुंचाती।
  • सेकेंडरी वेव (S-Wave) – यह थोड़ी देर बाद आती है और अधिक खतरनाक होती है।

भूदेव ऐप P-Wave को पहचानकर अलर्ट भेजता है ताकि लोग S-Wave के असर से पहले ही सतर्क हो सकें।

और पढ़ें :-WhatsApp का धमाकेदार अपडेट: अब कॉल्स होंगे HD और चैट्स पहले से ज़्यादा स्मार्ट!

सिर्फ उत्तराखंड के लिए ही काम करेगा यह ऐप

यह ऐप केवल उत्तराखंड राज्य में ही प्रभावी है क्योंकि इसका पूरा नेटवर्क यहीं स्थापित सेंसर और सायरन पर आधारित है। यह सिर्फ 5.0 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप के मामलों में चेतावनी भेजेगा।

2017 में मिली थी परियोजना को मंज़ूरी, अब पहले चरण की सफलता

उत्तराखंड सरकार ने इस योजना को 2017 में हरी झंडी दी थी। अब इसका पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। राज्य सरकार इस परियोजना का विस्तार करना चाहती है और इसके लिए NDMA (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) को 150 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव भेज चुकी है। प्रस्ताव में सेंसरों की संख्या को 169 से बढ़ाकर 500 और सायरनों की संख्या को 1000 करने की योजना है।

EEWS (Earthquake Early Warning System)

EEWS का विकास आईआईटी रुड़की द्वारा किया गया था। इसे 2014 में “उत्तर भारत के लिए भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली” के रूप में एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था, जिसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार से प्रायोजन प्राप्त हुआ था।

इस परियोजना में उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में सिस्मिक सेंसर लगाए गए थे। 2017 में, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, देहरादून, उत्तराखंड सरकार ने इस पहल को अपनाया। इसके बाद, सेंसर उपकरणों को कुमाऊं क्षेत्र में भी स्थापित किया गया और एक केंद्रीय रिकॉर्डिंग स्टेशन ईईडब्ल्यूएस प्रयोगशाला, सीओईडीएमएम, आईआईटी रुड़की में स्थापित किया गया।

भूदेव ऐप में SOS बटन और यूज़र फीडबैक फीचर

भूदेव ऐप में एक SOS बटन भी दिया गया है, जिससे आपातकाल में यूज़र अपनी लोकेशन साझा कर सकते हैं और तुरंत सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, ऐप में IIT रुड़की के विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए शैक्षणिक संसाधन भी उपलब्ध हैं जो भूकंप से संबंधित जागरूकता बढ़ाते हैं।

यूज़र फीडबैक सिस्टम की मदद से ऐप को लगातार बेहतर बनाने की दिशा में काम हो रहा है।

IIT रुड़की ने दी तकनीकी मजबूती

IIT रुड़की के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन डिजास्टर मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट ने इस ऐप को तकनीकी रूप से विकसित किया है। संस्थान के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा,

“भूदेव ऐप नवाचार और सहयोग का प्रतीक है। यह सिर्फ जानकारी नहीं देता बल्कि समाज में सतर्कता और सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देता है।”

इंटरनेट जरूरी, ऐप तभी देगा अलर्ट

यह ऐप भूकंप की चेतावनी इंटरनेट के माध्यम से भेजता है। इसलिए उपयोगकर्ताओं को यह सलाह दी जाती है कि वे ऐप इंस्टॉल करने के बाद लगातार इंटरनेट से जुड़े रहें। ऐप केवल उस समय डेटा का उपयोग करता है जब भूकंप अलर्ट भेजा जाता है या यूज़र SOS बटन दबाता है।

कहां से करें डाउनलोड?

भूदेव ऐप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर मुफ्त में उपलब्ध है। उत्तराखंड के नागरिक इस ऐप को डाउनलोड कर भूकंप के खतरे से खुद को सुरक्षित रखने की दिशा में एक अहम कदम उठा सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए विजिट करें bhudev.uk

 

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Dheeraj Negi
Dheeraj Negihttps://chaiprcharcha.in/
Dheeraj Negi एक Working Professional हैं उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन कंप्यूटर-साइंस में पूरी की है उनकी रूचि हमेशा से ही नए Gadgets और नयी टेक से रिलेटेड चीज़ों के बारे में पढ़ने और उनके बारे में जानकारी रखने में रही है वे "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल में विभिन्न टेक से रिलेटेड ताज़ा और विश्वसनीय समाचार प्रदान करते हैं

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

153FansLike
32FollowersFollow
7FollowersFollow
68SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles