चौखुटिया(अल्मोड़ा): लंबे समय से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग कर रहे चौखुटिया क्षेत्र के लोगों के लिए खुशखबरी आई है। लगातार चले जन आंदोलन और स्थानीय नागरिकों की आवाज के परिणामस्वरूप अब चौखुटिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को 30 से बढ़ाकर 50 शैय्यायुक्त उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत कर दिया गया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय पर शासन स्तर से प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है, जो क्षेत्र के स्वास्थ्य ढांचे में एक बड़ा बदलाव लाने जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि चौखुटिया अस्पताल को न केवल 50 शैय्यायुक्त सुविधाओं तक विस्तारित किया जा रहा है, बल्कि इसमें डिजिटल एक्स-रे मशीन की आधुनिक सुविधा भी जोड़ी जाएगी। साथ ही महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य को यह निर्देश दिए गए हैं कि आईपीएचएस मानकों के अनुरूप भूमि, भवन और आवश्यक पदों के सृजन से संबंधित प्रस्ताव और अभिलेख तत्काल शासन को भेजे जाएं, ताकि कार्ययोजना शीघ्र लागू की जा सके।
चौखुटिया जैसे भौगोलिक रूप से संवेदनशील और ग्रामीण क्षेत्र में इस निर्णय को जनहित की बड़ी जीत माना जा रहा है। पिछले कुछ महीनों से क्षेत्र के नागरिक, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि लगातार आंदोलनरत थे। सड़क पर उतरी जनता का मुख्य आग्रह था कि चौखुटिया जैसी तहसील, जहां आसपास के सैकड़ों गांवों के लोग प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आते हैं, वहां के अस्पताल को उच्चीकृत किया जाए, ताकि मरीजों को रानीखेत या अल्मोड़ा जाने की मजबूरी से राहत मिल सके।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह निर्णय न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन और अन्य आवश्यक पदों पर नियुक्तियां होने से अस्पताल की कार्यक्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। खासकर मातृ-शिशु सेवाएं, आपातकालीन उपचार और रोग निदान सुविधाओं में व्यापक सुधार की उम्मीद है।
पिछले कई वर्षों से चौखुटिया सीएचसी की स्थिति सीमित संसाधनों और स्टाफ की कमी से जूझ रही थी। गंभीर बीमारियों और दुर्घटनाओं के मरीजों को तत्काल बेहतर उपचार के लिए दूरी तय करनी पड़ती थी। उप जिला चिकित्सालय बनने के बाद अब यहां एक्स-रे, पैथोलॉजी, औषधि आपूर्ति और भर्ती सेवाएं अधिक व्यवस्थित रूप से उपलब्ध होंगी। इसके साथ ही प्रसूति कक्ष, ऑपरेशन थिएटर और वार्ड विस्तार की योजना भी इस उन्नयन का हिस्सा बनी हुई है।
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स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आंदोलन में शामिल सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शासन के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि यह जनता की एकजुटता का परिणाम है। लगातार धरना-प्रदर्शन और जन जागरण अभियानों ने प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने पर मजबूर किया। अब लोगों की उम्मीद है कि शासन जल्द ही स्थायी चिकित्सक और विशेषज्ञों की तैनाती भी सुनिश्चित करेगा, ताकि अस्पताल का रूपांतरण केवल कागजों तक सीमित न रहे।
इस निर्णय के साथ चौखुटिया क्षेत्र के करीब 70 से अधिक गांवों की आबादी को सीधे लाभ मिलेगा। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में आवश्यक तकनीकी और निर्माण कार्य पूरा कर अस्पताल को पूर्ण रूप से उप जिला चिकित्सालय के रूप में कार्यरत कर दिया जाएगा। यह कदम न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि ग्रामीण चिकित्सा के नए युग की शुरुआत भी करेगा।