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Sunday, June 1, 2025

राम नवमी 2025: 6 या 7 अप्रैल कब है राम नवमी? यहां जानिए सही तारीख और मुहूर्त।

राम नवमी 2025: राम नवमी हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है, जो भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में विशेष महत्व रखती है। इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा की जाती है और उनके आदर्शों, मर्यादा, वीरता और धर्म के प्रति उनकी निष्ठा को श्रद्धापूर्वक सम्मानित किया जाता है। राम नवमी भारतीय संस्कृति और परंपरा में अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें श्रद्धालु भगवान श्रीराम के गुणों को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करते हैं। इस बार 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी है।

मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है और जीवन के संकट दूर होते हैं। साथ ही, इस दिन विशेष रूप से मां दुर्गा के नौवें रूप सिद्धिदात्री की भी पूजा की जाती है जिन्हें सुख, समृद्धि और सभी बाधाओं से मुक्ति देने वाली माना जाता है। राम नवमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं राम नवमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।

राम नवमी 2025: शुभ योग

राम नवमी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं:

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पुष्य नक्षत्र: राम नवमी पर पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है.सुकर्मा योग: यह योग शाम 6 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.धृति योग: सुकर्मा योग के बाद धृति योग का निर्माण होगा.

राम नवमी: पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.एक चौकी पर भगवान श्री राम, सीता जी, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें.भगवान राम को चंदन लगाएं, फूल, अक्षत (चावल), और धूप अर्पित करें.शुद्ध देसी घी से दीप जलाएं और भगवान को मिठाई और फलों का भोग लगाएं.श्रीरामचरितमानस, सुंदरकांड या रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें.भगवान राम के मंत्रों का जाप करें. इससे मन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.प्रभु की आरती करें और पूजा में हुई भूलों के लिए क्षमा मांगे।

चैत्र नवरात्रि 2025 कन्या पूजन विधि

  • नवमी तिथि के दिन सबसे पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें।
  • इसके बाद स्नान आदि संपन्न कर कन्या पूजन के लिए खाना बनाएं।
  • अब आप कन्याओं को अपने घर पर पूजन के लिए सम्मानपूर्वक आमंत्रित करें।
  • ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र 2 साल से 10 साल के बीच होनी चाहिए।
  • अब जैसे ही कन्याएं आपके घर पधारती हैं तो फूल और माला पहनाकर उनका स्वागत करें।
  • इसके बाद साफ पानी से उनके पैर धोएं।
  • अब कन्याओं के लिए तैयार किए गए आसन पर उन्हें बैठाएं और फिर हाथों में कलाव और माथे पर तिलक लगाएं।
  • कन्याओं के सिर पर लाल रंग की एक चुनरी रखें।
  • अब कन्याओं को भोजन में पूड़ी, हलवा, काले चने, खीर, नारियल, फल इत्यादि चीजों को एक थाली में सजाकर उन्हें परोसें।
  • इसके बाद कन्याओं से भोजन ग्रहण करने का आग्रह करें।
  • जब कन्याएं भोजन कर लें तो उन्हें उपहार में किसी तरह की वस्तु या अपनी श्रद्धानुसार दक्षिणा आदि दें।
  • कन्याओं की विदाई करते समय उनके पैर छूकर उन्हें फिर आने का निमंत्रण देकर विदा करें।

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Manish Negi
Manish Negihttps://chaiprcharcha.in/
Manish Negi एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों जैसे विषयों पर अच्छा ज्ञान है। वे 2 से ज्यादा वर्षों से विभिन्न समाचार चैनलों और पत्रिकाओं के साथ काम कर रहे हैं। उनकी रूचि हमेशा से ही पत्रकारिता और उनके बारे में जानकारी रखने में रही है वे "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल में विभिन्न विषयों पर ताज़ा और विश्वसनीय समाचार प्रदान करते हैं"

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