देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तैयारी के बीच मतदाता सूची के पुनरीक्षण (एसआईआर – स्पेशल समरी रिवीजन) की प्रक्रिया इन दिनों तेजी से चल रही है। चुनाव आयोग ने साफ निर्देश दिए हैं कि जिन मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में दो जगह दर्ज हैं, वे तुरंत एक स्थान से अपना नाम हटवा लें, अन्यथा उन्हें आयोग से नोटिस का सामना करना पड़ सकता है।यह कदम आयोग के उस अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत मतदाता सूची को शुद्ध और त्रुटिहीन बनाया जा रहा है। दो जगह नाम होने या गलत पते पर वोट दर्ज रहने की स्थिति में व्यक्ति न केवल कानूनी उलझन में फंस सकता है, बल्कि उसका वोट अमान्य भी हो सकता है।
कहा और कैसे करें सुधार
वोटर लिस्ट में नाम सुधारने या हटाने की प्रक्रिया अब बेहद सरल हो गई है। मतदाता अपने मोबाइल या कंप्यूटर से http://www.nvsp.in वेबसाइट पर लॉगिन करके “Deletion or Objection in Electoral Roll” विकल्प चुन सकते हैं। वहीं स्मार्टफोन उपयोगकर्ता Voter Helpline App के माध्यम से भी यह काम कुछ ही मिनटों में पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा, बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से संपर्क कर भी ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है।अगर किसी मतदाता का नाम किसी कारणवश दो विधानसभा क्षेत्रों में दर्ज है, तो आयोग एक नाम को वैध रखते हुए दूसरे को हटाने की प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके लिए व्यक्ति को पहचान पत्र, निवास प्रमाण और पुराने पते का विवरण देना होगा।
नए मतदाता भी कर सकते हैं आवेदन
इस संशोधन प्रक्रिया के दौरान ऐसे लोग भी आवेदन कर सकते हैं जिनका नाम अब तक मतदाता सूची में नहीं जुड़ा है। 1 जनवरी 2025 की पात्रता तिथि को 18 वर्ष या उससे अधिक आयु प्राप्त करने वाले सभी नागरिकों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। आवेदन भरते समय सही फोटो, पता और जन्मतिथि के प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य है।ब्लॉक स्तर पर बीएलओ, तहसील कार्यालयों और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों द्वारा लगातार शिविर लगाए जा रहे हैं, ताकि नागरिक बिना किसी परेशानी के अपना नाम जुड़वा सकें या त्रुटियां सुधार सकें।
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कब तक चल रही है प्रक्रिया
उत्तराखंड में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण की प्रक्रिया फिलहाल गतिमान है और यह सीमित अवधि के लिए ही चालू रहेगी। एक बार एसआईआर की घोषणा होने के बाद यह प्रक्रिया अस्थायी रूप से बंद हो जाएगी। उसके बाद केवल आवेदन जमा किए जाएंगे, जिनका निस्तारण एसआईआर के पूरा होने के बाद किया जाएगा। इसलिए आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो भी नागरिक किसी तरह की त्रुटि या बदलाव करवाना चाहते हैं, वे समय रहते यह कार्य पूरा कर लें।
क्यों जरूरी है समय पर कार्रवाई
चुनाव आयोग चाहता है कि हर नागरिक को मतदान का अधिकार सुचारु, निष्पक्ष और पारदर्शी प्रणाली के तहत मिले। दो जगह नाम बने रहना या गलत विवरण दर्ज होना न केवल मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करता है बल्कि चुनाव की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े करता है। साथ ही, यह आचार संहिता उल्लंघन का मामला बन सकता है और संबंधित व्यक्ति को कानूनी जवाबदेही भी उठानी पड़ सकती है।इसलिए, मतदाता सूची में नाम की जांच, सुधार और नए नाम दर्ज कराने की यह प्रक्रिया हर जिम्मेदार नागरिक के लिए बेहद अहम है। यह न केवल लोकतंत्र में भागीदारी का अवसर है बल्कि अपने नागरिक कर्तव्यों को निभाने की दिशा में एक कदम भी है।जागरूक नागरिक ही सशक्त लोकतंत्र की नींव होते हैं। इसलिए, समय रहते अपनी चुनावी पहचान स्पष्ट कर लोकतंत्र के इस उत्सव में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।
