मेरठ: मेरठ में कुछ पल के लिए सब कुछ ठहर सा गया था, तेज धमाका हुआ, धूल के गुबार उड़े और इलाके में अंधेरा सा छा गया. फिर अचानक से लोग दौड़ लगाने लगे और बचाओ बचाओ का शोर मचने लगा और हर शख्स वहीं पहुंचना चाहता था जहां पर तेज धमाका हुआ था. धूल के गुबार उड़ते हुए नजर आ रहे थे।
उत्तर प्रदेश में मेरठ की जाकिर कॉलोनी में शनिवार 14 सितंबर को तीन मंजिला मकान गिरने की घटना में 10 लोगों की मौत हो गई. इस घटना में मारे गए व्यक्तियों में नफो उर्फ नफीसा (65), पुत्र साजिद (40),साईमा (35), सानिया (15), शाकिब (12), फरहाना ( 27), अलीसा (25),रिया (10 ),हिमसा (छह माह) और सैफियान (सात) हैं. वहीं इस हादसे को लेकर चश्मदीदों ने घटना की पूरी आंखोंदेखी कहानी बताई है।
मिली खबर के मुताबिक, 10 लोगों की मौत हुई। नफ्फो के पुत्र नदीम की पत्नी फरहाना सात माह की गर्भवती थी। फरहाना के साथ दुनिया में आने से पहले ही गर्भ में पल रहे बच्चे की भी हादसे में 11 वीं मौत हुई। फरहाना करीब दो माह बाद मां बनने वाली थी। इसे लेकर परिवार के सभी सदस्य काफी खुश थे। नदीम और फरहाना ने बच्चे को लेकर कई सपने संजो रखे थे।
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तीन मंजिला मकान के मलबे से जिंदगी के लिए मौत से जंग के कई निशान मिले हैं। इनमें एक दृश्य झकझोरने वाला था। रविवार सुबह बचाव दल के मलबा हटाने के दौरान नईम की पत्नी अलीशा के आगोश में उनकी छह माह की मासूम बच्ची हिमशा उर्फ रिमशा लिपटी मिली।