रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से काफी नुकसान हो गया है वही सभी नदिया नाले उफान पर है। लोगों के घरों तक पानी घुस गया है। लगातार हो रही बारिश से पहाड़ों के गिरने, भूस्खलन जैसी घटनाए सामने आ रही है।
इसी बीच देवभूमि उत्तराखंड के सोनप्रयाग में मुनकटिया में बारिश के कारण भूस्खलन हुआ जिसके बाद बृहस्पतिवार को केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई। पुलिस ने बताया कि मलबे और पत्थरों से मुनकटिया में सड़क पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, घटना के समय कुछ श्रद्धालु गौरीकुंड से लौटते हुए मुनकटिया क्षेत्र में फंस गए थे. लोगों की मदद के लिए मौके पर तुरंत राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की टीम पहुंची और सभी फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग तक लाया गया. इस हादसे में किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में श्री केदारनाथ धाम से लौटते समय सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र में फंसे करीब 40 श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ ने सुरक्षित निकाल लिया है। केदारनाथ धाम के रास्ते में सोनप्रयाग के पास देर रात अचानक मलबा गिर गया था, जिसके कारण केदारनाथ धाम से लौट रहे 40 से अधिक तीर्थयात्री रात करीब 10 बजे से फंसे हुए थे। एसडीआरएफ ने उन्हें सुरक्षित बचा लिया है।
यमुनोत्री मार्ग पर फंसे 250 से अधिक यात्रियों को निकाला
वहीं, यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटने की घटना के चौथे दिन भी सिलाई बैंड से आगे वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई। वहां पर पैदल आवाजाही सुचारू है, लेकिन उसमें भी खतरा बना हुआ है। बुधवार को स्यानाचट्टी से जानकीचट्टी के बीच फंसे करीब 254 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालाा गया। साथ ही घटना में लापता सात लोगों को ढूंढने के लिए एनडीआरएफ की ओर से स्निफर डॉग की मदद ली गई।
सिलाई बैंड के समीप बादल फटने के कारण और ओजरी में नाले के उफान पर आने के कारण वहां पर यमुनोत्री हाईवे के सड़क करीब 20 से 25 मीटर हिस्सा बह गया था। वहीं दूसरी ओर सिलाई बैंड में मलबा और पानी के तेज बहाव में सात लोग बहकर लापता हो गए थे।
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