भिकियासैंण(नोबारा): भिकियासैंण ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले नोबारा गांव में गुरुवार की देर शाम अराजकतत्वों की ओर से की गई एक आपत्तिजनक हरकत ने ग्रामीणों को सकते में डाल दिया। गांव के निवासी देव सिंह भंडारी के घर के बाहर रखे लकड़ी के गट्ठर में अज्ञात लोगों ने आग लगा दी। आग की लपटें कुछ ही मिनटों में ऊंची उठने लगीं और देखते ही देखते लकड़ियां पूरी तरह राख में बदल गईं। हालांकि इससे किसी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन ग्रामीणों में इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी देखने को मिली। बताया जा रहा है कि देव सिंह भंडारी इन दिनों दिल्ली में रहते हैं। घर पर उनकी बहन रहती है, देर रात तक पूरे गांव में इस घटना को लेकर चर्चा बनी रही। लोगों का कहना है कि इस तरह की हरकत गांव की शांति भंग करने के इरादे से की गई है। यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि छोटे गांवों में भी अब व्यक्तिगत रंजिशें हिंसक रूप ले रही हैं, जिन पर समाज और प्रशासन को मिलकर लगाम लगाने की जरूरत है।
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भिकियासैंण क्षेत्र के नोबारा गांव में हुई आगजनी की घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अराजकतत्वों के हौसले क्यों बढ़ रहे हैं। जब तक ऐसे तत्वों पर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक ये न केवल समाज की शांति भंग करेंगे बल्कि लोगों के भीतर प्रशासन के प्रति विश्वास भी कमजोर होगा। अराजक गतिविधियां अक्सर छोटी शुरुआत से शुरू होती हैं, पर यदि उन्हें अनदेखा किया जाए तो वे गंभीर रूप ले लेती हैं।
प्रशासनिक लापरवाही या देरी से होने वाली कार्रवाई इन्हें और मजबूत बना देती है। यही कारण है कि किसी भी समाज की स्थिरता के लिए कानून का तत्काल और निष्पक्ष प्रवर्तन जरूरी होता है। नोबारा की घटना इस बात का उदाहरण है कि अज्ञात व्यक्तियों की मनमानी से गांव का शांत वातावरण प्रभावित हो गया। ऐसी घटनाएं केवल संपत्ति का नुकसान नहीं करतीं बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी आघात पहुंचाती हैं। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाए जाएं ताकि अपराधियों के मन में भय का वातावरण बने।इसके साथ ही ग्रामीणों को भी सतर्क रहना होगा और प्रशासनिक जांच में सहयोग करना चाहिए। समाज तभी सुरक्षित रहेगा जब नागरिक और शासन दोनों मिलकर अराजकता के विरुद्ध खड़े होंगे। समय रहते इन तत्वों पर अंकुश लगाना ही शांति और विकास की दिशा में सबसे बड़ा कदम होगा।
नोबारा गांव में हुई इस घटना ने स्थानीय व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी हरकतें गांव की शांति और आपसी भाईचारे के लिए खतरा हैं। इसलिए ग्राम प्रधान और निकट प्रशासनिक अधिकारियों को इस घटना को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। समय रहते सख्त कदम उठाना न केवल दोषियों को सबक सिखाएगा, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में भी मदद करेगा।
