नई दिल्ली:पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की अहम बैठक हुई. विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में लिए गए इन 5 बड़े फैसलों की जानकारी दी है।
पहला फैसला, भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित ऑटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद किया जाएगा. यह एक बड़ा कदम है जिससे दोनों देशों के बीच सीमित आवाजाही भी रुक जाएगी।
भारत का दूसरा सबसे बड़ा फैसला यह है कि, पाकिस्तान में मौजूद भारत का दूतावास अब बंद किया जाएगा. भारत ने तीसरा कड़ा कदम उठाते हुए इंडस वॉटर ट्रीटी (सिंधू जल संधि) को भी रोक दिया है. आने वाले वक्त में इसका असर पाकिस्तान को काफी बड़े स्तर पर होगा।
चौथा फैसला, भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी राजनायिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है. 5वां अहम फैसला है कि अब पाकिस्तानी नागरिकों को भारत का वीजा नहीं मिलेगा।
जल संकट में फंस सकता है पाकिस्तान
कृषि उत्पाद और संबंधित औद्योगिक सामान पाकिस्तान के निर्यात के लिए महत्वपूर्ण हैं। उत्पादन में कमी से निर्यात आय में गिरावट आने की आशंका है। इससे देश के भुगतान संतुलन पर और दबाव पड़ेगा। इसके अलावा पाकिस्तान ने संधि के गारंटीकृत पानी की उपलब्धता के आधार पर सिंचाई के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश किया है। निलंबन से यह बुनियादी ढांचा कम प्रभावी हो जाएगा। इससे निवेश का नुकसान होगा।
क्या है सिंंधु जल समझौता?
सिंधु जल समझौता, 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित एक जल-बंटवारा समझौता है। इसमें विश्व बैंक ने मध्यस्थता की थी। इस समझौते का उद्देश्य सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के उपयोग को लेकर दोनों देशों के बीच विवादों को रोकना था। इस संधि के तहत, सिंधु नदी की छह नदियों को दो भागों में बांटा गया है। पूर्वी नदियों ब्यास, रावी और सतलुज का नियंत्रण भारत को दिया गया। पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब का कंट्रोल पाकिस्तान के पास आया।
आतंकी हमले के बाद फैसला
पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले के बाद मोदी सरकार ने यह कदम उठाया है। आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम के पास बाईसरन घाटी में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस हमले 26 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें ज्यादातर पर्यटक थे। कई अन्य घायल हो गए थे।
पानी को तरस जाएगा पाकिस्तान
बता दें, विश्व बैंक की लंबी मध्यस्थता के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता हुआ था. इस समझौते के लागू होने से पहले 1 अप्रैल 1948 को भारत ने दो प्रमुख नहरों का पानी रोक दिया था, जिससे पाकिस्तानी पंजाब की 17 लाख एकड़ जमीन पानी को तरस गई थी. अब इस समझौते को पूरी तरह से रद्द करने के बाद भारत ने पाकिस्तान की कमर तोड़कर रख दी है. दरअसल, पाकिस्तान का पंजाब और सिंध प्रांत पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से चिनाब, झेलम और सिंधु जैसी नदियों के पानी पर निर्भर था, लेकिन अब पाकिस्तान को इन नदियों का पानी नहीं मिलेगा।