महात्मा गांधी जयंती 2024: गांधी जयंती, जो हर वर्ष 2 अक्टूबर को मनाई जाती है, मोहनदास करमचंद गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाई जाती है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख व्यक्ति थे, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए महत्वपूर्ण बलिदान दिया।महात्मा गांधी के नाम से मशहूर, वे एक राजनीतिक दार्शनिक, समर्पित राष्ट्रवादी और वकील थे, जिनके सिद्धांतों और प्रयासों ने भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधी ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से भारत की मुक्ति के साधन के रूप में अहिंसा का मार्ग चुना। उनके दर्शन ने दुनिया भर में अहिंसक आंदोलनों और नागरिक अधिकार अभियानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहे हैं। इसके अतिरिक्त, गांधी ने धार्मिक सहिष्णुता की पुरज़ोर वकालत की और भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए पर्याप्त प्रयास किए।
यह भी पड़े: महीने के आखिरी दिन शेयर मार्केट में आया भूचाल, शेयरो में आई भारी गिरावट।
पढ़ाई में औसत और लिखावट थी खराब
पोरबंदर के बाद गांधीजी अपने पिता की नई नौकरी के कारण राजकोट चले गए। इसके बाद 11 साल की उम्र में उनका दाखिला अल्फ्रेड हाई स्कूल में हो गया। यह कॉलेज लड़कों का था। यहां वह अंग्रेजी सहित कई विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए एक अच्छे छात्र के रूप में उभरे। हालांकि, उनकी लिखावट ज्यादा अच्छी नहीं थी और बहुत प्रयास के बाद भी इसमें सुधार नहीं हुआ।
पढ़ाई के लिए परिवार छोड़ा तो समुदाय ने किया बहिष्कृत
13 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई, जिसके कारण उन्हें हाई स्कूल में एक साल रुकना पड़ा। वहीं, हाई स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्हें सामलदास आर्ट्स कॉलेज में दाखिला दिया गया। बाद में उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया और पोरबंदर में अपने परिवार के पास वापस चले गये। कुछ समय बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई करने का फैसला किया। अपने परिवार को छोड़ने के उनके फैसले की आलोचना हुई और उन्हें समुदाय से बहिष्कृत कर दिया गया। इसके बावजूद वह 1888 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) गए और तीन साल में कानून की डिग्री पूरी की।
यह भी पड़े:जानिए अपना 30 सितंबर 2024 का राशिफल, कैसा रहेगा आपका दिन।
बाद में फुटबॉल में बढ़ी रुचि
कहा जाता है कि गांधीजी का फुटबॉल के प्रति रुझान बाद में बढ़ा। इसके बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के डरबन, प्रिटोरिया और जोहान्सबर्ग में तीन फुटबॉल क्लबों के संस्थापक भी बने। दक्षिण अफ्रीका के बाद वह भारत लौट आए। उस वक्त भारत पर अंग्रेजों का कब्जा था। इसके बाद महात्मा गांधी भी देश को आजादी कराने में जुट गए।
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गांधी जी को 13 बार किया गया गिरफ्तार
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गांधीजी को 13 बार गिरफ्तार किया गया और इस दौरान उन्होंने 17 बड़े उपवास किये और लगातार 114 दिनों तक भूखे रहे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पहली बार गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था। महात्मा गांधी को कभी नोबेल पुरस्कार नहीं मिला, लेकिन उन्हें पांच बार (1937, 1938, 1939, 1947, 1948) नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता किसने कहा
महात्मा गांधी को “राष्ट्रपिता” कहने का स्रोत पहली बार सुभाष चंद्र बोस ने दिया था। सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी को “राष्ट्रपिता” कहकर सम्मानित किया था क्योंकि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनका महत्वपूर्ण योगदान था और वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। उसके बाद से “राष्ट्रपिता” का उपयोग गांधी जी के सम्मान में आम तौर से किया जाने लगा।
यह भी पड़े:IPL 2025 मेगा ऑक्शन के नियमों का ऐलान, विदेशी खिलाड़ियों के लिए झटके वाली खबर,ये हैं 8 फैसले।