रानीखेत: देवभूमि उत्तराखंड का एक लाल और हुआ शहीद, जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के मेंढर में तैनात सेना के सिपाही की गोली लगने से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने की सूचना मिली है आधिकारिक सैन्य सूत्रों ने मामले की पुष्टि नहीं की है। इधर परिजनों को भी सिर्फ गोली लगने की सूचना मिली है। सिपाही चार साल पहले सेना में भर्ती हुआ था। वर्तमान में वह 18 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात थे।
आपको बता दे कि मूल रूप से द्वाराहाट के कफड़ा गांव निवासी स्व. पूरन सिंह बिष्ट के 23 वर्षीय बेटे मनीष बिष्ट सेना में थे। शनिवार को ही परिवार को उनकी संदिग्ध परस्थितिथियों में गोली लगने से मौत होने की सूचना मिली थी। वह डेढ़ महीने पहले लौटे थे मनीष सिपाही मनीष बेहरुटे बालाकोट मेंढर में तैनात थे। उनके बड़े भाई दीपक बिष्ट ने बताया कि डेढ़ महीने पहले ही मनीष एक महीने की छुट्टी काटकर गए थे। बताया कि वह कोरोनाकाल के दौरान वह कुमाऊं रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। बेटे को गोली लगने की सूचना के बाद मां हेमा देवी बेसुध है।
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सूत्रों के अनुसार दोपहर के समय सेना की 18 कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात सिपाही मनीष बिष्ट के सिर पर गोली लगी। गोली की आवाज सुनकर जब अन्य साथी मौके पर पहुंचे, तो देखा कि मनीष ख़ून से लथपथ पड़ा था इसके बाद घटना के बारे में उच्च अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद सैन्य चिकित्सक मौके पर पहुंचे, जिन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया। सैन्य अधिकारियों ने पुलिस को सूचना देने के साथ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी।
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