12 C
Uttarakhand
Thursday, March 13, 2025

देवभूमि उत्तराखंड ने रचा इतिहास, UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड, आज से लागू हुआ UCC

देहरादून: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) आज से लागू हो गया है। मुख्यमंत्री आवास में सीएम पुष्कर सिंह धामी इसका ऐलान किया। यह कार्यक्रम सीएम आवास के मुख्य सेवक सदन में चल रहा है। सीएम धामी ने कहा कि यह बहुत भावुक क्षण है। हमने 3 साल पहले प्रदेश की जनता से जो वादा किया था उसे पूरा लिया। हमारी टीम ने यूसीसी के लिए बहुत लगन और मेहनत से काम किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता उत्तराखंड- 2024 को लागू किए जाने के लिए नियमावली और पोर्टल का लोकार्पण किया। यह पोर्टल आम जनता के लिए खोल दिया गया है https://ucc.uk.gov.in पर लॉग इन कर सकते हैं।

UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड! यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से समाज में एकरूपता आएगी। राज्य में सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार होंगे और दायित्व भी सुनिश्चित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बन चुका है, जहां यह कानून प्रभावी हो गया है।

आपको बता दें कि समान नागरिक संहिता के लिए 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को सरकार को सौंपी थी। इसके बाद आठ मार्च 2024 को विधानसभा में विधेयक पारित किया गया। विधानसभा से पास होने के बाद इस इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा गया। यहां से 12 मार्च 2024 को इस अधिनियम पर राष्ट्रपति का अनुमोदन मिल गया। इसके बाद यूसीसी के क्रियान्वयन के लिए तकनीक आधारित व्यवस्थाएं लागू की गईं। नागरिकों और अधिकारियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किए गए। बीती 20 जनवरी को यूसीसी की नियमावली को अंतिम रूप देकर कैबिनेट ने इसे पास कर दिया बीते कई दिनों से इसके पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन को लेकर विभिन्न स्तरों पर मॉक ड्रिल भी चल रही थी। शुक्रवार को हुई मॉक ड्रिल में पहले आई समस्याओं को दूर कर लिया गया। दोपहर 12.30 बजे यूसीसी की नियमावली का भी लोकार्पण किया गया।

यह भी पढ़ें:उत्तराखंड में UCC लागू करने की तैयारियां तेज, नया पोर्टल लॉन्च,26 जनवरी को लागू करने का ऐलान कर सकती है सरकार।

सीएम धामी ने कहा कि यह हमारे प्रदेश क ही नहीं बल्कि देश के लिए भी एतिहासिक दिन है। यह कानून आज से प्रदेश में लागू हो गया है। अब सभी को समान अधिकार मिल सकेंगे। उन्होंने पीएम मोदी का आभार जताया। कहा कि पीएम के मार्गदर्शन में सरकार इस कानून को लागू करने में सफल हुई है।

इस तरह हुईं तैयारियां

– 43 हितधारकों के साथ बैठकें हुईं।

– 72 गहन विचार विमर्श बैठकें की गईं।

– 49 लाख एसएमएस प्राप्त हुए।

– 29 लाख व्हाट्सएप मैसेज आए।

– 2.33 लाख नागरिकों ने सुझाव दिए।

– 61 हजार पोर्टलों पर सुझाव मिले।

– 36 हजार सुझाव डाक से मिले।

– 1.20 लाख सुझाव दस्ती से आए।

– 24 हजार ई-मेल से भी सुझाव आए।

इन देशों की यूसीसी का किया गया अध्ययन

सऊदी, तुर्कीए, इंडोनेशिया, नेपाल, फ्रांस, अजरबैजान, जर्मनी, जापान और कनाडा।

घोषणा से कानून बनने तक का सफर

  • 12 फरवरी 2022 को विस चुनाव के दौरान सीएम धामी ने यूसीसी की घोषणा की।
  • मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में यूसीसी लाए जाने पर फैसला।
  • मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनी।
  • समिति ने 20 लाख सुझाव ऑफलाइन और ऑनलाइन प्राप्त किए।
  • 2.50 लाख लोगों से समिति ने सीधा संवाद किया।
  • 02 फरवरी 2024 को विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी।
  • 06 फरवरी को विधानसभा में यूसीसी विधेयक पेश हुआ।
  • 07 फरवरी को विधेयक विधानसभा से पारित हुआ।
  • राजभवन ने विधेयक को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा।
  • 11 मार्च को राष्ट्रपति ने यूसीसी विधेयक को अपनी मंजूरी दी।
  • यूसीसी कानून के नियम बनाने के लिए एक समिति का गठन।
  • नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों संस्करणों में आज 18 अक्तूबर 2024 को राज्य सरकार को नियमावली साैंपी।
  • 20 जनवरी 2025 को नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिली।

यह भी पढ़ें:पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव: क्या खो रहे हैं हम अपनी जड़ें?

यूसीसी लागू होगा तो यह आएंगे बदलाव

  • सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक ही कानून।
  • 26 मार्च 2010 के बाद से हर दंपती के लिए तलाक व शादी का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
  • ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, महानगर पालिका स्तर पर पंजीकरण की सुविधा।
  • पंजीकरण न कराने पर अधिकतम 25,000 रुपये का जुर्माना।
  • पंजीकरण नहीं कराने वाले सरकारी सुविधाओं के लाभ से भी वंचित रहेंगे।
  • विवाह के लिए लड़के की न्यूनतम आयु 21 और लड़की की 18 वर्ष होगी।
  • महिलाएं भी पुरुषों के समान कारणों और अधिकारों को तलाक का आधार बना सकती हैं।
  • हलाला और इद्दत जैसी प्रथा खत्म होगी। महिला का दोबारा विवाह करने की किसी भी तरह की शर्तों पर रोक होगी।
  • कोई बिना सहमति के धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने व गुजारा भत्ता लेने का अधिकार होगा।
  • एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
  • पति-पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय पांच वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी उसकी माता के पास रहेगी।
  • संपत्ति में बेटा और बेटी को बराबर अधिकार होंगे।
  • जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा।
  • नाजायज बच्चों को भी उस दंपती की जैविक संतान माना जाएगा।
  • गोद लिए, सरगोसी से असिस्टेड री प्रोडेक्टिव टेक्नोलॉजी से जन्मे बच्चे जैविक संतान होंगे।
  • किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार संरक्षित रहेंगे।
  • कोई व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को वसीयत से अपनी संपत्ति दे सकता है।
  • लिव इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए वेब पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा।
  • युगल पंजीकरण रसीद से ही किराया पर घर, हॉस्टल या पीजी ले सकेंगे।
  • लिव इन में पैदा होने वाले बच्चों को जायज संतान माना जाएगा और जैविक संतान के सभी अधिकार मिलेंगे।
  • लिव इन में रहने वालों के लिए संबंध विच्छेद का भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
  • अनिवार्य पंजीकरण न कराने पर छह माह के
  • कारावास या 25 हजार जुर्माना या दोनों का प्रावधान होंगे।
Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Manish Negi
Manish Negihttps://chaiprcharcha.in/
Manish Negi एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों जैसे विषयों पर अच्छा ज्ञान है। वे 2 से ज्यादा वर्षों से विभिन्न समाचार चैनलों और पत्रिकाओं के साथ काम कर रहे हैं। उनकी रूचि हमेशा से ही पत्रकारिता और उनके बारे में जानकारी रखने में रही है वे "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल में विभिन्न विषयों पर ताज़ा और विश्वसनीय समाचार प्रदान करते हैं"

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

104FansLike
26FollowersFollow
7FollowersFollow
62SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles