देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 का आगाज आज गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही हो गया है. अब भक्तों को केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने का इंतजार है. केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खोले जाने हैं. ऐसे में बाबा केदार के दरबार को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है. इसके लिए बाबा के मंदिर को करीब 108 क्विंटल फूलों से श्रृंगार किया जा रहा है।
आपको बता दें कि केदारनाथ धाम को बारह ज्योतिर्लिंगों और उत्तराखंड के चार धामों में से एक है. केदारनाथ धाम को पंच केदार में पहले केदार के रूप में पूजा जाता है. शीतकाल के दौरान में केदारनाथ धाम में बर्फबारी के चलते कपाट 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाते हैं।
परंपरा के अनुसार, केदारनाथ के क्षेत्रपाल माने जाने वाले भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के साथ कपाटोद्घाटन की प्रक्रिया शुरू हुई. रविवार को सांय 7 बजे ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह में भगवान केदारनाथ और भगवान ओंकारेश्वर की शीतकालीन पूजा-अर्चना तथा आरती संपन्न हुई. इसके उपरांत भकुंड भैरवनाथ का पूजन किया गया. धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए भैरवनाथ की मूर्ति का गंगाजल, दूध, शहद और तेल से अभिषेक किया गया. इसके बाद उन्हें नवीन वस्त्र पहनाए गए और फूल-मालाओं से भव्य श्रृंगार किया गया. परंपरा के अनुसार काली दाल की पकोड़ी और पूरी की माला भी अर्पित की गई. कपाटोद्घाटन के दिन भगवान केदारनाथ मंदिर को 108 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया जा रहा है. मंदिर को भव्य और दिव्य स्वरूप देने के लिए फूलों से आकर्षक सजावट की जाएगी. श्रद्धालुओं के स्वागत और दर्शन व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने भी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
जब हर साल सर्दियों में केदारनाथ के कपाट बंद हो जाते हैं, तो बाबा केदार की भोग मूर्ति को पंचमुखी डोली में रखकर उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर लाया जाता है। वहां भगवान छह महीने तक विराजते हैं। पंचमुखी डोली का मतलब है कि इसमें भगवान केदारनाथ के पांच मुख दर्शाए गए हैं। इस डोली में चांदी की सुंदर मूर्ति होती है, जिसकी विशेष पूजा होती है। फिर जब केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का समय आता है, तो बाबा की डोली को फिर से केदारनाथ मंदिर ले जाया जाता है।
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