नई दिल्ली: भारत में मंकीपॉक्स का पहला मरीज मिला है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को इसकी पुष्टि की. यह वही शख्स है, जो हाल ही में मंकीपॉक्स के प्रकोप वाले देश से यात्रा कर लौटा है और जिसकी पहचान रविवार को बीमारी के संदिग्ध मामले के रूप में की गई थी. मरीज को फिलहाल आइसोलेशन में रखा गया है. व्यक्ति से सैम्पल जमा किए गए थे और अब जांच के बाद इस बात की पुष्टि हो चुकी है वह मंकीपॉक्स से संक्रमित है।
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केंद्र ने कहा कि एक युवा पुरुष मरीज, जो हाल ही में मंकीपॉक्स संक्रमण से जूझ रहे देश से आया था, उसकी पहचान एमपॉक्स के संदिग्ध मामले के रूप में की गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के पहले संदिग्ध मामले की पुष्टि यात्रा से संबंधित संक्रमण के रूप में की गई है. प्रयोगशाला परीक्षण ने मरीज में पश्चिम अफ्रीकी क्लेड 2 के एमपॉक्स वायरस की मौजूदगी की पुष्टि की है।
ये केस WHO की रिपोर्ट का हिस्सा नहीं- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा कि यह मामला एक अलग मामला है, जो जुलाई 2022 से भारत में रिपोर्ट किए गए पहले के 30 मामलों के समान है. यह वर्तमान सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (डब्ल्यूएचओ द्वारा रिपोर्ट) का हिस्सा नहीं है. जो एमपॉक्स के क्लेड 1 के बारे में है।
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एमपॉक्स: जानिए लक्षण और बचाव के उपाय
एमपॉक्स (Mpox), जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था, एक वायरल संक्रमण है जो त्वचा पर चकत्ते और बुखार जैसे लक्षणों के साथ प्रकट होता है। यह रोग विशेष रूप से उन क्षेत्रों में पाया जाता है जहां जानवरों से मानवों में संक्रमण फैलता है। हालांकि यह बहुत तेजी से फैलने वाली बीमारी नहीं है, फिर भी इससे बचाव के उपाय करना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और इससे बचाव के कुछ कारगर उपाय।
Mpox के लक्षण
बुखार: आमतौर पर संक्रमण के बाद बुखार आता है।
सिरदर्द और थकान: मरीज़ को तेज़ सिरदर्द और अत्यधिक थकान महसूस हो सकती है।
सूजी हुई लिम्फ नोड्स: लिम्फ नोड्स का सूजना इस संक्रमण की एक प्रमुख पहचान है।
शरीर पर चकत्ते: चेहरे से शुरू होकर पूरे शरीर में फैलने वाले चकत्ते जो अंत में पपड़ी बनकर गिर जाते हैं।
मांसपेशियों में दर्द: मरीज़ को मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी महसूस हो सकती है।
Mpox : बचाव के उपाय
स्वच्छता का पालन करें: हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं या हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।
संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें: संक्रमित व्यक्ति या जानवरों के संपर्क से बचें।
फुल आस्तीन के कपड़े पहनें: शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें।
टीकाकरण: कुछ मामलों में टीकाकरण भी बचाव में मददगार हो सकता है।
सावधानी बरतें: अगर आपको लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और खुद को दूसरों से अलग रखें।
एमपॉक्स: से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है कि स्वच्छता का ध्यान रखा जाए और लक्षणों को पहचानकर समय रहते उचित इलाज कराया जाए। जागरूकता और सही जानकारी से इस संक्रमण से बचा जा सकता है।
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